– मप्र के कई जिलों में दो तीन दिन तक रहेंगे यही हालात
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। आसमान पर बादल छाने की वजह से प्रदेश में न्यूनतम तापमान में कमी आई थी। इस बीच तेजी से बदले मौसम की वजह से मप्र के कई जिलों में बीते 24 घंटे के दौरान मावठा पड़ना शुरू हो गया है। इसकी वजह से फसल को फायदा होता तय माना जा रहा है।
मावठे की वजह से प्रदेश में ठंड अचानक से बढ़ गई है। इस दौरान कहीं हल्की बारिश तो कहीं-कहीं बूंदा-बांदी का दौर जारी है। दरअसल प्रदेश में दो दिन पहले बुधवार से ही मौसम का मिजाज बदलना शुरू हो गया था। इसकी वजह से कहीं-कहीं बादल छाना शुरू हो गए थे। इसकी वजह से ही राज्य के अधिकांश हिस्सें में मावठा गिर रहा है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने सिस्टम की वजह से मौसम में अचानक यह बदलाव आया है। इसकी वजह है पश्चिमी विक्षोभ का उत्तर भारत में दाखिल हो जाना। मौसम विभाग के अनुसार इस समय हवा में नमी है। इसकी वजह से लोकल सिस्टम बन रहे हैं। इसकी वजह से ही प्रदेश में कुछ स्थानों पर बौछारें पड़ रही हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बना पश्चिमी विक्षोभ दो दिन पहले ही मंगलवार को उत्तर भारत पहुंच गया। श्रीलंका में ऊपरी स्तर पर चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम से पूर्व-मध्य अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना है। बंगाल की खाड़ी में भी कम दबाव का क्षेत्र बना है। इन सब वजहों से ही मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला है। माना जा रहा है कि आज गुरुवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में बारिश भी हो सकती है। भोपाल में भी बूंदाबांदी के आसार सुबह से ही बने हुए हैं। उधर बीते रोज इंदौर, खरगोन, बड़वानी, मंदसौर, धार जिले के मनावर और राजगढ़ सहित प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में कई जिलों में मावठे की बारिश दर्ज की गई। इसकी वजह से तापमान में काफी कमी आयी है, जिसकी वजह से लोगों को कंपकंपती ठंड का अहसास होने लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश रबी की फसलों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। खरगोन में बीते रोज बुधवार सुबह से ही आसमान में बादल छाने के बाद दोपहर में शुरू हुई रिमझिम बारिश शाम तक चलती रही। जिले में इसके चलते 4.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसकी वजह से तापमान में तेजी से गिरावट हुई और शहर में न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री दर्ज हुआ। यहां के किसानों का कहना है कि इससे गेहूं-चना फसलों को फायदा होगा, लेकिन कपास की फसल को नुकसान होगा। उधर, इस बीच वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी मध्य प्रदेश में प्रवेश कर रहा है, जिसकी वजह से पश्चिमी मध्यप्रदेश यानी ब्यावरा, अलीराजपुर, उज्जैन, झाबुआ, राजगढ़, गंजबासौदा, बारासिवनी, इंदौर, शाजापुर, देवास, धार, रतलाम, सीहोर के अलावा जबलपुर, मंडला, बालाघाट और पूर्वी मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, भिंड, मुरैना में आज से बादल छाने के बाद बारिश होने की संभावना है।
इंदौर में छाए रहेंगे कई दिन बादल
इंदौर में बुधवार को मावठा गिरने से दिन के तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज हुई। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी इंदौर के अलावा प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश ने बताया कि अरब सागर में चक्रवाती घेरा सक्रिय है, जो गुजरात और महाराष्ट्र पहुंच चुका है। जिससे प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में मावठा गिर रहा है। बड़वानी में भी बीते रोज सुबह से हल्की बूंदाबांदी का दौर शुरू हुआ, वहीं दोपहर बाद से रिमझिम बारिश का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
बढ़ जाएगी सर्दी
मौसम विभाग का कहना है कि अरब सागर में साइक्लोनिक सरकुलेशन बनने से पूर्व मध्य अरब सागर होती हुई एक द्रोणिका लाइन भी गुजर रही है। इसी तरह से उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं से तापमान में गिरावट हो रही है।