मैपकॉस्ट फर्जीवाड़ा: सरकारी एजेंसी की आड़ में दिलाया दो करोड़ का ठेका

मैपकॉस्ट फर्जीवाड़ा
  • सरकारी नियमों की उड़ाई धज्जियां

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकॉस्ट) में सुरक्षा, हाउसकीपिंग और मैनपॉवर से जुड़े दो करोड़ रुपये के सालाना ठेके को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। मैपकॉस्ट में सरकारी नियमों की अनदेखी करते हुए यह ठेका अपने चहेते ठेकेदार को बिना टेंडर प्रक्रिया के दे दिया गया है। यह पूरा फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ (एमपीएससी) की आड़ में अंजाम दिया गया।पड़ताल में सामने आया है कि अभी तक अनुप श्रीवास्तव केबीएस सिक्योरिटी के नाम पर मैपकॉस्ट में काम कर रहे थे। बिना नियमों के अनुबंध का समय बढ़ाने पर सवाल उठने के बाद डीजी कोठारी ने केबीएस समेत हाउस कीपिंग ठेकेदारों का अनुबंध खत्म कर दिया। इसके बाद राज्य सहकारी संघ को काम देने की बात कही, लेकिन पर्दे के पीछे से अनुप श्रीवास्तव की ही दूसरी एजेंसी एडी कॉर्प को सुनियोजित तरीके से काम दिला दिया गया। इस बार सिर्फ सुरक्षा ही नहीं हाउसकीपिंग और मैनपॉवर का काम भी श्रीवास्तव की एजेंसी को दे दिया गया, जो भंडार क्रय नियमों का सीधा उल्लंघन है। इसको लेकर मैपकॉस्ट के वित्तीय अधिकारी भी आपत्ति जता चुके हैं।
निजी एजेंसी से इतनी हमदर्दी क्यों?
वहीं, इस मामले में डीजी मैपकॉस्ट डॉ. अनिल कोठारी का कहना है कि हमने सरकारी एजेंसी को काम दिया है। वहीं, राज्य सहकारी संघ के जनरल मैनेजर संजय कुमार सिंह ने कहा कि हमने अपनी गाइडलाइन के अनुसार एडी कॉर्प से मैपकॉस्ट में काम करने अनुबंध किया है। इस मामले में अनुप श्रीवास्तव से बात करने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। सवाल यह है कि इतनी हमदर्दी कोठारी को अनूप श्रीवास्तव की निजी एजेंसी से क्यों है? यह जांच का विषय है।
कर्मचारियों को ही नहीं पता वेतन कौन दे रहा?
मैपकॉस्ट में अब भी सुरक्षा का काम कर रही केबीएस एजेंसी के समय के ही कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यहां कर्मचारियों को भी नहीं पता कि मैपकॉस्ट में कौन एजेंसी सुरक्षा का काम कर रही है। संचालक सीधे बिल संबंधित विभाग में भेज रहे हैं। इसे बहुत गोपनीय रखा जा रहा है। इससे ही साफ पता चलता है कि पूरे मामले को दबाने के लिए हर स्तर पर प्रक्रिया को गोपनीय रखा जा रहा है। यह मैपकॉस्ट की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े करता है।
राज्य सहकारी संघ भी अधिकृत नहीं
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार के भंडार क्रय नियमों के मुताबिक, राज्य सहकारी संघ सुरक्षा और मैनपॉवर सेवाएं दूसरे विभाग में प्रदान करने के लिए अधिकृत नहीं है। संघ को केवल सहकारी संस्थाओं के लिए सेवा प्रदाता एजेंसी के रूप में कार्य करने का अधिकार है। इसके प्रमाण आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्य प्रदेश का नौ सितंबर 2021 का पत्र है। इस पत्र की कॉपी अमर उजाला के पास है। इसके बावजूद इस प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया और वित्त अधिकारी की आपत्तियों को नजरअंदाज कर चहते को ठेका देने के लिए किया गया।
वित्तीय अधिकारी की आपत्ति पर हटाया था केबीएस को
मैपकॉस्ट में केबीएस सिक्योरिटी और हाउस कीपिंग ठेकेदारों से 2017 के अनुबंध पर बार-बार अनुबंध में वृद्धि कर काम करवाया जा रहा था। यह शासन के टेंडर नियमावली की शर्तों का सीधा उल्लंघन था। इस पर मैपकॉस्ट में शासन की तरफ से भेजे गए वित्तीय अधिकारी ने भी गंभीर आपत्ति जताई थी। इसके बाद सितंबर 2024 में अनुप श्रीवास्तव की केबीएस सिक्योरिटी एजेंसी समेत हाउसिंग का सालाना डेढ़ करोड़ रुपये का काम करने वाली एजेंसी को डीजी मैपकॉस्ट ने हटा दिया था। परंतु, पिछले दरवाजे से अनूप श्रीवास्तव की दूसरी एजेंसी एडी कॉर्प को सुरक्षा के साथ-साथ साफ सफाई और मैनपॉवर प्रदाय करने का भी काम दे दिया गया।

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