
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। वैसे तो यह सुनने में जरूर अटपटा लगेगा की मप्र पुलिस के पोस्टरों का उपयोग दूसरे राज्यों की पुलिस द्वारा किया जा रहा है , लेकिन जी हां, यह सच है। पंजाब पुलिस मप्र पुलिस के द्वारा छपवाकर लोगों को जागरूक करने के लिए बनवाए गए पोस्टरों का उपयोग कर रही है। इसके अलावा अब महाराष्ट्र और राजस्थान की पुलिस द्वारा भी इन्हें मांगा गया है। यह पोस्टर महिला सम्मान और उनसे संबंधित अपराधों में सजा के प्रावधानों को लेकर हैं। इन पोस्टरों का पता लगने पर पंजाब पुलिस ने इन्हें मप्र पुलिस से बाकायदा मांगा था। इन्हें पंजाब पुलिस की मांग पर मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। मप्र पुलिस द्वारा तैयार करवाए गए स्लोगनों को पंजाबी भाषा में अनुवाद करवाया गया है। इन पोस्टरों की मांग अब मप्र पुलिस के पास महाराष्ट्र के औरंगाबाद पुलिस कमिश्नर और राजस्थान पुलिस ने भी की है। मप्र पुलिस उन्हें भी यह पोस्टर और उनके स्लोगन देने जा रही है। इसके अलावा महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए गठित ऊर्जा डेस्क की कार्यप्रणाली के बारे में बेंगलुरु पुलिस ने भी जानकारी मांगी है। दरअसल वहां की पुलिस अपने यहां इस तर्ज पर अपने प्रदेश में भी काम शुरू करना चाहती है। दरअसल महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाने और उनसे छेड़छाड़ व फब्तियां कसने जैसे अपराधों पर सजा की जानकारी देने वाले पोस्टर मध्य प्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा ने कुछ माह पूर्व ही तैयार करवाए थे। इन्हें प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों और पुलिस थानों में लगवाया गया है। इसकी जानकारी दूसरे प्रदेशों की पुलिस तक सोशल मीडिया सहित अन्य प्रचार के माध्यमों से मिली है। इसके बाद वहां के पुलिस अधिकारियों ने प्रदेश के पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर इस नवाचार के बारे में जानकारी लगातार मांगी जा रही है। पंजाब पुलिस ने पोस्टरों में को लेकर सबसे पहले रुचि दिखाते हुए इन्हें देने का अनुरोध किया था। पंजाब पुलिस इन पोस्टरों का पंजाबी में अनुवाद कर अपने राज्य में इसे जगह-जगह लगवा रही है।
बनवाए गए हैं 23 तरह के पोस्टर
मप्र पुलिस ने महिला अपराधों की जानकारी देने वाले 23 तरह के पोस्टर तैयार कराए हैं। इनमें किस अपराध के लिए कितनी सजा हो सकती है, इस बारे में जानकारी दी गई है। अन्य राज्यों से जब पोस्टर की मांग आती है तो उन्हें ऐसे प्रारूप में उपलब्ध कराया जाता है कि वे अपने राज्य के हिसाब से उसमें संशोधन कर उनका उपयोग कर सकें। खास बात यह है कि महिला डेस्क में महिला अधिकारी ही महिला अपराधों के मामलों में अग्रणी भूमिका निभाती हैं।