- 11567 करोड़ की लागत से बनने हैं नौ बांध

विनोद उपाध्याय
प्रदेश में 11567 करोड़ की लागत से बनने वाले नौ बांधों में देरी होना तय है। इसकी वजह है इनके लिए ठेकेदार नहीं मिलने से जल संसाधन विभाग को जारी किए गए टेंडर तक निरस्त करना पड़ गए हैं। दरअसल, यह टेंडर प्रदेश के शिवपुरी, मंदसौर, बुरहानपुर और सागर जिले में बनने वाले 9 बांधों के लिए निकाले गए थे। इसमें माधवराव सिंधिया कॉम्प्लेक्स सिंचाई परियोजना के लिए बनाए जाने वाले बांध भी शामिल है। इसके तहत शिवपुरी, गुना समेत अन्य जिलों में ही करीब 7 बांध बनाए जाने हैं। जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा द्वारा टेंडर निरस्त करने की सूचना जारी की गई है। प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा के पत्र के अनुसार पांच माह की समय सीमा के बाद भी प्रमुख अभियंता कार्यालय को टेंडर प्रपत्र नहीं मिले हैं, इसलिए टेंडर निरस्त किए गए हैं। प्रमुख अभियंता ने मुख्य अभियंताओं को भेजे पत्र में कहा है कि अब भविष्य में काम की आवश्यकता के आधार पर टेंडर की कार्यवाही की जा सकेगी।
सर्वाधिक चार बांध शिवपुरी जिले में प्रस्तावित
टेंडर निरस्त होने का सबसे ज्यादा नुकसान शिवपुरी जिले को हुआ है। क्योंकि 7748 करोड़ की लागत वाले 4 बांधों के टेंडर निरस्त किए गए हैं। जिनमें कूनो नदी पर 4084 करोड़ का कटीला बांध, पार्वती नदी पर 2859 करोड़ की कुंभराज कॉम्प्लेक्स, रेपनी नदी पर 310 करोड़ का पावा बांध और करई नदी पर 495 करोड़ का बांध प्रस्तावित थे। इसी तरह से मंदसौर जिले में 2331 करोड़ की दो परियोजना के टेंडर निरस्त किए हैं। इनमें मल्हारगढ़ में शिवना नदी पर 601 करोड़ और 1730 करोड़ की सूक्ष्म दाब युक्त सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।
उधर, बुरहानपुर जिले की दो सिंचाई परियोजनाएं निरस्त की हैं। इनमें 1318 करोड़ कीक नावथा सिंचाई परियोजना और 151 करोड़ की छोटी उतावली मध्यम सिंचाई परियोजना के टेंडर निरस्त किए हैं। इसी तरह से सागर-बीना नदी पर 19 करोड़ की लागत से मडिया एवं चकरपुर बांध के कार्य के टेंडर निरस्त किए हैं।
कूनो में फिलहाल नहीं बनेगा बांध
विभाग ने जिन बांधों के टेंडर निरस्त किए हैं, उनमें कूनो राष्ट्रीय उद्यान में कटीला बांध में होने वाले निर्माण कार्य भी शामिल हैं। कूनो नदी पर कटीला बांध एवं एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नहर बनाई जानी है। पार्वती नदी पर माधवराव सिंधिया कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना के बांध भी शामिल हैं। नावथा और झिरमिटी सिंचाई परियोजना में निर्माण कार्य कराए जाने के साथ छोटी उतावली मध्यम सिंचाई परियोजना में नहर का काम कराया जाना है। बीना सिंचाई परियोजना में मडिय़ा और चकरपुर बांध के मुख्य और सेडल बांध के डाउन स्ट्रीम में कांक्रीट सर्विस रोड, पैरापेट वॉल, टेनिंग वॉल, टोए वॉल तथा रेपनी नदी पर पावा बांध में नहर बनाई जाना है। करई नदी पर सोनपुरा बांध में भी नहर बनाने के लिए टेंडर कराए गए थे लेकिन इसके लिए सरकार को ठेकेदार ही नहीं मिले हैं। सरकार द्वारा स्वीकृत इन नौ परियोजनाओं में जो काम कराए जाने थे, उसमें महारगढ़ (शिवना) में बैलेसिंग रिजरवायर, सिंचाई प्रणाली के निर्माण कार्य, नहर प्रणाली के निर्माण कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही पार्वती नदी में कुंभराज काम्पलेक्स के अंतर्गत दो बांधों और 1 लाख पांच हजार 850 हेक्टेयर क्षेत्र में नहर निर्माण के लिए टेंडर कराए गए थे।