ईडी के रडार पर प्रदेश के कई ‘कारोबारी’

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में खनन, जमीन और शराब माफिया केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रडार पर हैं। ईडी इन सभी की कमाई का हिसाब-किताब लगा रही है। सूत्रों का कहना है की ईडी को इनपुट मिला है कि मप्र में खनन और जमीन के कारोबार में अधिकारियों और नेताओं का कालाधन लगा हुआ है। वहीं इनके दम पर प्रदेश में खनन और जमीनों को काम अवैध रूप से किया जा रहा है। इस धंधे में दिन दुना रात चौगुना कमाई की जा रही है। ऐसे में अब ईडी ने कारोबारियों की कुंडली बनानी शुरू कर दी है। सूत्रों का दावा है कि जल्द ही राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में ईडी के ताबड़तोड़ छापे पड़ेंगे।
सूत्रों का कहना है कि विगत वर्ष आयकर विभाग ने कुछ कारोबारियों के यहां छापामारा था तो उसे अवैध कमाई और अफसर की कालीकमाई के निवेश के प्रमाण मिले थे। वहीं दूसरे राज्यों में ईडी और आयकर विभाग की छापेमारी में भी मप्र से लिंक मिला है। इसलिए केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी के अफसरों ने अचानक सक्रियता बढ़ा दी है। कुछ राज्यों में मारे गए ईडी न इनकम टैक्स के छापे के बाद मिले रिकार्ड के आधार पर कार्रवाई की तैयारी है। इसके लिए इनकम टैक्स, सीबीआई, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में दर्ज एफआईआर के साथ ही कई अन्य विभागों से भी आधा दर्जन लोगों के व्यवसाय के संबंध में गोपनीय जानकारी मांगी गई है। इसमें अधिकांश खनिज तथा जमीन के कारोबारी है। कारोबारियों की लंबी राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच है। इस कारण ईडी की टीम पहले सारे पुख्ता कागजात जुटा रही है, उसके बाद ही आगे कदम बढ़ाएगी।
पूर्व सांसद का कटनी लिंक
तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रहे कंवर दीप सिंह का  कटनी से करप्शन का लिंक निकला है। इसके बाद ईडी दिल्ली की टीम ने इस नेता और कारोबारी की एमपी और हिमाचल प्रदेश में मौजूद 29.45 करोड़ की चल अचल संपत्ति जब्त कर ली है। कंवर दीप सिंह द्वारा बेनामी प्रापर्टी खरीदी करने के साथ मोटे ब्याज पर पैसा, घर बनाने का सब्जबाग दिखाकर रुपए जमा कराए जा रहे थे, लेकिन बाद में कंपनी इससे मुकर गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने कटनी के एक कारोबारी की 29.45 करोड़ की चल और अचल संपत्ति अटैच कर ली है। मनी लांड्रिंग के मामले में यह कार्रवाई एल्केमिस्ट ग्रुप कंपनीज के खिलाफ की गई जांच के बाद की गई है। अटैच की गई प्रापर्टीज में एक एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर सी 90 ए भी शामिल है। इसके साथ ही फ्लैट और शिमला में मौजूद जमीन भी अटैच की गई है। हिमाचल प्रदेश के शिमला के अलावा इस कंपनी की सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) और कटनी (मध्य प्रदेश) में मौजूद संपत्ति अटैच की गई है। एल्केमिस्ट ग्रुप एआईटीसी (आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस) से जुड़े कंवर दीप सिंह पूर्व राज्यसभा सदस्य का है। विवेचना के दौरान ईडी के जानकारी में यह बात सामने आई थी कि कुल 18 फ्लैट एल्केमिस्ट रियलिटी लिमिटेड द्वारा पाशर््वनाथ रायल प्रोजेक्ट से खरीदे गए थे। यह पाशर््वनाथ रायल प्रोजेक्ट पंचकुला, हरियाणा में काम करता है। यह जमीन 250 बीघा है जिसमें से 78 बीघा किओंथल में है। यह पूरी जमीन हिमाचल प्रदेश के शिमला रूरल डिस्ट्रिक्ट और सिरमौर डिस्ट्रिक्ट में है। बताया जाता है कि ईडी ने यह कार्यवाही सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की है। यह एफआईआर लखनऊ और कोलकाता पुलिस और यूपी पुलिस द्वारा मल्टीपल इंडिविजुअल्स एंड ग्रुप आफ एल्केमिस्ट ग्रुप के विरुद्ध की गई थी। ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि एल्केमिस्ट ग्रुप द्वारा 1800 करोड़ रुपए इन्वेस्टर्स और गवाहों से अपनी कम्पनी के नाम पर लिए गए। यह राशि मेसर्स एल्केमिस्ट होल्डिंग लिमिटेड और एल्केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड के नाम पर जमा कराई गई। निवेशकों को इस कंपनी द्वारा झूठे वादे कर पैसा जमा कराया गया था जिसमें कहा गया था कि निवेश करने पर कंपनी हाई रिटन्र्स देने के साथ फ्लैट, विला, प्लाट्स और अधिकतम ब्याज दर पर पैसा लौटाएगी। इसके लिए लोगों से, निवेशकों से और गवाहों से राशि जमा कराई गई थी। इसके बाद लोगों के पैसे नहीं लौटाए गए और न ही फ्लैट, विला, प्लाट्स दिए गए। निवेशकों और जनता से लिया गया पैसा ग्रुप की दूसरी कंपनियों में लगा दिया गया। जांच में यह बात भी सामने आई है कि इस कंपनी द्वारा बेनामी प्रापर्टी की खरीदी की गई और इसके सहारे सारे खेल किए जाते रहे। ईडी ने इसी मामले में आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के खाते से भी 10.29 करोड़ रुपए अटैच किए गए हैं। यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि, एल्केमिस्ट ग्रुप तृणमूल कांग्रेस के एविएशन के मामले में अपराध के लिए जिम्मेदार पाया गया है।
आधा दर्जन कारोबारियों को नोटिस
जानकारी के अनुसार दो साल पहले इनकम टैक्स ने मध्यप्रदेश के एक बड़े खनिज कारोबारी के यहां छापा मारा था। छापे के दौरान कई सनसनीखेज जानकारियां मिली थी। खनिज कारोबारी के तार दक्षिण भारत के एक बड़े उद्योगपति से जुड़े हैं। जिसके उद्योग में मप्र के कुछ लोगों के इवेंस्टमेंट की जानकारी मिली थी। लंबे समय तक मामले की जांच काफी धीमी थी। अचानक इस जांच में तेजी आ गई है। इसको लेकर ईडी ने लगभग आधा दर्जन कारोबारियों को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी होते ही कारोबारियों में हडक़ंप मच गया है, क्योंकि खनिज व जमीन से जुड़े दोनों कारोबारी लंबी राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच वाले हैं। कई अधिकारियों व नेताओं की नंबर दो की कमाई भी उनके कारोबार में लगी हुई है, जिसका हिसाब किताब लगाना मुश्किल है। इस नोटिस के बाद एक-दूसरे के धुुर विरोधी दो खनिज कारोबारियों के बीच रंगपंचमी पर लंबी बैठक हुई, जिसमें दोनों ने अपने गिले शिकवे दूर किए। साथ वहीं दोनों में संपत्ति व पैसे को लेकर जो विवाद था, वह भी समाप्त हो गया है। अब दोनों जांच एजेसियों से बचने की तकनीक खोज रहे है। खनिज कारोबारियों के तार भोपाल में जमीन का काम करने वाले एक कथित ठेकेदार से जुड़ा है। उक्त ठेकेदार कई लोगों के पैसे भी डकार गया है। जिससे उसके विरोधी सक्रिय हो गए हैं और वे जांच एजेंसियों को वह सारे कागज भेज रहे हैं, जो अभी तक पड़े हुए थे। ईडी की खोजी टीम सूचना को पुख्ता करने के लिए पूरा रिकॉर्ड एकत्रित कर रही है, ताकि उसकी कार्रवाई पर कोई अंगुली न उठा सके। राजधानी के आउटर एरिया में एक बड़ी कंपनी से औने-पौने दाम में खरीदी गई लगभग सौ एकड़ जमीन के कागजात खगाले जा रहे है। जमीन की कीमत का भुगतान खनिज और जमीन कारोबारी के परिजनों के खाते से किया गया है। जमीन जिसने खरीदा उसके बारे में उक्त जमीन के आसपास रहने वाले किसानों से पूछा जा चुका है। किसानों ने जो जानकारी दी, उससे जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। इसी कारण ईडी ने जांच तेज कर दी है। अतिविश्वसनीय सूत्रों के अनुसार ईडी की टीम जल्द ही मध्यप्रदेश में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इससे कई सफेदपोश बेनकाब हो सकते हैं।

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