प्रबंधक को फटकार, अकाउंटेंट की वेतन वृद्धि रोकी

गड़बड़झाला
  • लघु प्रसंस्करण और अनुसंधान केंद्र के लेखों में गड़बड़झाला…

    भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक विभाष ठाकुर ने प्रसंस्करण केंद्र बरखेड़ा पठानी के लेखा-जोखा में गड़बड़झाला और भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन किए जाने पर जहां उत्पादन प्रबंधको को फटकार लगाई वहीं लेखा प्रभारी नंदलाल कुशवाहा की एक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिये। संघ के पूर्णकालिक प्रबंध संचालक बनने के बाद से ही विभाष ठाकुर एक्शन मूड में नजर आने लगे हैं। सूत्रों ने बताया कि एमडी ठाकुर शुक्रवार को प्रशासन केंद्र पहुंचे और निरीक्षण के दौरान केंद्र में टुकड़ों -टुकड़ों में खरीदी के बिल वाउचर की जांच करते हुए गड़बड़ी पकड़ी। यह बात अलग है कि एमडी प्रशासन मनोज अग्रवाल के पत्र में उठाए गए गड़बडिय़ों की जांच की शुरुआत नहीं हो पाई है। केंद्र में जांच के नाम पर समिति दर समितियों का गठन किया जा रहा है। इन समितियों में भी ऐसे लोगों को शामिल किया जा रहा जो खुद ही संदेह के दायरे में है। जैसे रॉ मैटेरियल समिति में जिस डॉ संजय शर्मा को शामिल किया गया है, वह स्वयं रॉ मटेरियल के मुख्य सप्लायर आर्यन फार्मेसी डायरेक्टर का सहयोगी है। जबकि  जांच भी आर्यन फार्मेसी द्वारा प्रदाय किए गए रॉ मटेरियल की होनी है। ऐसे में समितियों का गठन और जांच केवल रस्म अदाएगी तक सीमित रह जाएगी। उल्लेखनीय बात ये है कि विगत कई वर्षों का उत्पादन रिकॉर्ड और गुणवत्ता जांच रिकॉर्ड की जिम्मेदारी डॉ संजय शर्मा और डॉ विजय सिंह और उत्पादन प्रबंधक की थी वो रिकॉर्ड गायब है या बनाये ही नहीं गये। इस पर 28 मार्च को मीटिंग में एसीएस जेएन कंसोटिया ने भी गंभीर आपत्ति ली और जांच कर संबंधित पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। लेकिन इसके उलट, जो जांच के दायरे में है, उन्हें ही समितियों में शामिल किया जा रहा है।
     उत्पादन प्रबंधन को लगाई फटकार
    संघ के प्रबंध संचालक ठाकुर ने प्रसंस्करण केंद्र बरखेड़ा पठानी की कार्यप्रणाली को लेकर शुक्रवार को बैठक ली। बैठक उन्होंने केंद्र के आय-व्यय और खरीदी प्रक्रिया के अलावा उत्पादन प्रक्रिया को लेकर गंभीर प्रश्न उठाये तथा उत्पादन प्रबंधक सुनीता अहीरवार को फटकार लगाई। उत्पादन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिये सख्त निर्देश दिये है। ठाकुर ने उत्पादन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिये स्टोर वेरिफिकेशन समिति और कार्य आवंटन को लेकर सख्त निर्देश केंद्र के सीईओ पीएल फूलजले को दिये है।
    जांच अधिकारी मिश्रा को नहीं दिए जा रहे हैं दस्तावेज
    केंद्र में हुई गड़बडिय़ों की जांच कर रहे दागी एसीएफ मणि शंकर मिश्रा को प्रभारी उत्पादन प्रबंधक सुनीता अहिरवार संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कर रहीं है। दस्तावेज मिलने की प्रत्याशा में जांच प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो पाई है। प्रभारी उत्पादन प्रबंधक अहिरवार को पत्र लिखकर मिश्रा ने बिंदुवार जानकारियां मांगी है।
    – वित्तिय वर्ष में अर्थात दिनांक 1 अप्रैल 2023 से आज दिनांक तक किये गये भुगतान की स्वीकृति, वर्क आर्डर / सप्लाई आर्डर, सामग्री किसके द्वारा प्राप्त की गई, सामग्री का सत्यापन किसके द्वारा किया गया एवं इस संबंध में सभी जानकारी  कार्यालय में प्रस्तुत करें। इसके अतिरिक्त इस वित्तिय वर्ष में प्रोडेक्शन यूनिट से संबंधित सभी रॉ मटेरियल एवं उत्पादित प्रोडेक्ट की स्टॉक पंजी की प्रति आप दें।
    –  वित्तिय वर्ष में उत्पादन शाखा द्वारा उत्पादित समस्त उत्पादों का समस्त बीपीसीआर एवं समस्त उत्पादन रिकार्ड की जानकारी दोनों की छायाप्रति संलग्न कर प्रस्तुत करें।
    – नर्मदापुरम सप्लाई की गई सामग्री के वाउचरों की छायाप्रति प्रस्तुत करें। आपके द्वारा दी जानकारी में अतिरिक्त क्रय समिति का लेख है। अत: आप इस आंतरिक समिति द्वारा वित्तिय वर्ष 2023-24 में इसमे जो भी निर्णय लिये गये हैं, उसकी छायाप्रति इस कार्यालय को प्रस्तुत करें।
    –  वित्तिय वर्ष में उत्पादित सभी औषधियों की लैब रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत करें। जिसमें दोनो लैंब अर्थात एमएफपी पार्क की लैब रिपोर्ट एवं ग्वालियर लैब की रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त इस वित्तिय वर्ष में कय एवं उपयोग किये गये सभी रॉ मटेरियल की टेस्टिंग रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत करें।
    – क्रय किये गये दूध, लहसुन, अदरक, निबू आदि  सामग्री की राशि व सभी वाउचरों की छायाप्रति प्रस्तुत करें।

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