मेडिकल उपकरण निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा मध्यप्रदेश

मेडिकल उपकरण

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना की रफ्तार धीमी होते ही वे सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश के कई हिस्सों में औद्योगिकरण किया जा रहा है। इंजीनियरिंग, फूड, टेक्सटाइल के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के पार्क बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश को मेडिकल उपकरण निर्माण के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइसेस पार्क तैयार किए जाएंगे। इस योजना के लिए 14 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। विशेष बात है कि मेडिकल उपकरणों के यहां निर्माण होने से इलाज में होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। इस प्रस्ताव की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते रोज दिल्ली दौरे पर गए थे। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं रसायन उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की। सीएम की केंद्रीय मंत्री के साथ मुलाकात में मुख्य रूप से मेडिकल डिवाइसेस पार्क, यूरिया व खाद की आपूर्ति को लेकर बात हुई है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने मांडवीया से फार्मा क्षेत्र में विस्तार के लिए प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्वीकृति शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि 1276 करोड़ रुपए की लागत के बल्क ड्रग पार्क और 193 करोड रुपए की लागत की मेडिकल डिवाइसेस पार्क के प्रस्ताव केंद्र में स्वीकृति के लिए लंबित है। सीएम ने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश के मौजूदा फार्मा उद्योगों का हवाला देते हुए बताया कि उपरोक्त प्रस्तावित पार्क के लिए राजधानी भोपाल से करीब सौ किलोमीटर दूर मोहासा बाबई औद्योगिक क्षेत्र में चौबीस सौ एकड़ भूमि भी चिन्हित कर ली गई है। इसके अलावा लगभग पंद्रह सौ एकड़ भूमि में उद्योगों की आवश्यकतानुसार अधोसंरचना विकसित की जा चुकी है। यही नहीं मुख्यमंत्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रदेश में उद्योगों के लिए 4.50 रुपये प्रति यूनिट पर प्रचुर मात्रा में बिजली भी उपलब्ध है।
फंड को लेकर वित्तमंत्री से मिले
 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात में केंद्रीय योजना में मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी और इनके लिए रुके फंड को रिलीज करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही सीएम ने वित्तमंत्री से उस योजना को लेकर भी संवाद किया जिसमें यह प्रस्ताव है कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश भारत में राज्य सुधार करेंगे, तो उन्हें अतिरिक्त पैसा दिया जाएगा। बता दें कि इसमें चार पैमाने सुधारने पर राज्य सरकार जीडीपी का तीन प्रतिशत तक अतिरिक्त पैसा ले सकता है। ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश ने तीन पैमानों पर सुधार किया है।
वैक्सिनेशन को लेकर हुई चर्चा
अपने दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर भी से चर्चा की है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में अब तक चार करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुका है। वहीं सरकार का लक्ष्य दिसंबर तक 18 साल से ज्यादा की आबादी को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर भी चर्चा की है।

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