ग्रीन फील्ड योजना में शामिल होगा मप्र

ग्रीन फील्ड योजना

-देश में बसाए जाएंगे आठ नए शहर, 8000 करोड़ की योजना

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार के केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 15 वें वित्तीय आयोग के तहत देश के आठ शहरों को ग्रीन फील्ड योजना में शामिल किया जाना है। इस योजना में शामिल होने वाले शहर के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए मिलेंगे।  देश में आठ नए शहर विकसित करने की इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश भी शामिल होगा। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तैयारी कर रहा है। साल के आखरी माह में केंद्र सरकार की परफॉर्मेंस बेस्ट चैलेंज फंड के लिए दावेदारी की जाएगी। केंद्र सरकार ने देश में आठ नए शहर विकसित करने के लिए सभी राज्यों से प्लान मांगा है ये शहर 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर चयनित किए जाएंगे।
दरअसल, देश में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए केंद्र सरकार देश में 8 नए शहर विकसित करेगी। 15वें वित्त आयोग ने भी आठ राज्यों में आठ नए शहर बसाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपए देने की सिफारिश की है। वित्त आयोग की सिफारिशों को मानते हुए सरकार ने 8 नए ग्रीनफील्ड शहर बनाने के लिए 8,000 करोड़ रुपए आवंटित भी किए हैं। यानी एक शहर बसाने पर 1,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
उद्योग और रोजगार पर फोकस
केंद्र सरकार की इस योजना में पुराने शहर के पास नए शहर को बसाया जाना है, इस योजना में शहर के विकास की थीम औद्यौगिक क्षेत्र का विकास करना है, जिससे शहर की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। शहरों के शामिल होने के बाद 1000 करोड़ रुपये की पहली किश्त मार्च 2023 तक दी जाएगी। वित्त आयोग की मंशा है कि एक हजार करोड़ के फंड से अलग शहर विकसित करके उद्योग बढ़ाए जाएं और रोजगार के अवसर बढ़ें। इसी उद्देश्य से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 50 हेक्टेयर से अधिक अलग स्थान की तलाश की गई है। यहां निवेश के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। जबकि ग्वालियर के मैग्नेट सिटी को टूरिज्म की नजर से देखा जा रहा है। यहां अधिक से अधिक शिक्षण संस्थाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया है जबकि हाटपिपल्या में भी निवेश के रूप में अलग शहर बनाने का प्लान है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के आयुक्त भरत यादव का कहना है कि हमारा पूरा प्रयास है कि नया शहर विकास की प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश पहले नम्बर पर हो। तीन शहरों के लिए योजना बना रहे हैं। करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। प्लान मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रजेंट किया जाएगा। दिसंबर माह में केन्द्र को पूरा प्लान भेज दिया जाएगा।
प्रदेश के ये शहर प्रतियोगिता में शामिल
आठ शहरों के विकास के लिए एक हजार करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। इस कड़ी परीक्षा में शामिल होने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा इंदौर में पीथमपुर, ग्वालियर में काउंटर मैग्नेट सिटी और देवास जिले के हाटपिपलिया में नए शहर विकास का प्लान तैयार किया जा रहा है। इन शहरों को केंद्र सरकार ने प्रारंभिक मूल्यांकन में उपयुक्त पाया है। नए शहर विकास के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और उद्योग विभाग के संयुक्त प्रयासों से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। प्रस्ताव भारत सरकार को दिसंबर 2022 तक भेजा जाएगा। नए शहर का चयन करने के लिए केन्द्र सरकार ने कई मापदंड तय किए हैं। इनमें मुख्यतौर पर इंटरसिटी से कनेक्शन सुविधा हो, वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर क्या है। आवागमन सुविधा, सड़क संपर्क, हवाई संपर्क सहित अन्य प्रमुख सुविधाओं के होने को देखा जाएगा।
8000 करोड़ रुपए की मंजूरी
भारत सरकार की ग्रीनफील्ड सिटी योजना देश में एकदम नए शहर बसाने की योजना है। ये 8,000 रुपए नए शहरों की योजना, फ्रेमवर्क और प्लान को हकीकत में बदलने पर खर्च किए जाएंगे। ये 8 शहर किन 8 राज्यों में बनेंगे, यह अभी तय नहीं है। लेकिन सरकार की मंशा है कि देश मे शहरीकरण की जरूरत को देखते हुए नए और पूरी तरह से प्लान किए शहरों की जरूरत है। चंडीगढ़, नवीन रांची देश के पूरी तरह से प्लांड शहर हैं। 15वें वित्त आयोग ने शहरी स्थानीय निकायों को लगभग 1.56 लाख करोड़ रुपए के अनुदान की सिफारिश की है। इसमें एयर क्वालिटी में सुधार के लिए 12,139 करोड़ रुपए और पेयजल, सफाई एवं ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 26,057 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। नए शहरों की कल्पना और बजट आवंटित कर इनको हकीकत बनाने के प्रयास से साफ है कि मोदी सरकार की प्राथमिकता देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना और बेहतर बनाना है।

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