सदस्यों की कमी से जूझ रहा है मप्र लोक सेवा आयोग

मप्र लोक सेवा आयोग

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व की सरकारों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से कई सरकारी संस्थान ऐसे हैं, जो सरकारी अमले या फिर जरुरी सदस्यों की कमी से जूझ रहे हैं। इनमें आयोगों से लेकर अन्य कई तरह के संस्थान शामिल हैं। ऐसा ही एक आयोग है मप्र लोक सेवा आयोग। यह आयोग प्रदेश सेवा के प्रशासनिक अफसरों से लेकर प्रोफेसरों तक की नियुक्ति देने का काम करता  है। इसके बाद भी आयोग खुद सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार करने को मजबूर बना हुआ है। हालत यह है कि आयोग में सदस्यों के आधे पद खाली बने हुए हैं। यह स्थिति तब है जबकि, आयोग को सालभर भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराने, समय पर परिणाम देने से लेकर पदोन्नति एवं अन्य मामलों से जुड़े प्रमुख कार्य समय-सीमा के भीतर करने होते हैं। इसके अलावा कई बार सियासी मामलों की वजह से कई परीक्षाओं और उनके परिणामों को लेकर विवाद खड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से मामले न्यायालय में पहुंच जाते हैं। इसकी वजह से परीक्षाओं से जुड़े कई मामले भी अलग- अलग न्यायालयों में लंबित बने हुए हैं। इन मामलों में भी आयोग को अपना पक्ष रखना होता है। इसकी वजह से आयोग में तय सदस्यों की पर्याप्त संख्या होना बेहद जरूरी है। आयोग में सदस्यों की संख्या पांच निर्धारित हैं, लेकिन उनमें से दो पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके अलावा परीक्षा नियंत्रक एवं अन्य पद भी खाली हैं। इन्हें भरने के लिए सरकार अब तक गंभीर नहीं दिखी है। इसके उलट पूर्व की सरकारों का पूरा फोकस सेवानिवृत्त अफसरों को उपकृत करने पर जरूर बना रहा है। माना जा रहा है कि नई सरकार इस मामले में जल्द ही प्रक्रिया शुरु कर सकती है। फिलहाल लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ राजेश लाल मेहरा हैं। जो 15 दिसंबर 2021 से कार्यरत हैं। इसी तरह सदस्य के रूप में चंद्रशेखर रैकवार 10 जुलाई 2019 और डॉ कृष्ण कांत शर्मा 3 दिसंबर 2021 से हैं। जबकि सदस्यों के दो पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
भर्ती पर ध्यान ही नहीं दिया
मप्र में लोक सेवा आयोग महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था है। राज्य स्तरीय सेवा से जुड़े सभी प्रमुख प्रशासनिक पदों पर निष्पक्ष भर्ती का दायित्व इसी संस्था के ऊपर है। लोक सेवा आयोग ने हाल ही में 2019 की भर्ती परीक्षाओं का परिणाम घोषित किया है, देरी से परिणाम घोषित करने को लेकर संस्था चर्चा में है। जबकि संस्था में सदस्यों के अलावा भी अन्य पद खाली हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार अभी शासन स्तर पर लोक सेवा आयोग में रिक्त पदों को भर्ती के लिए कोई प्रक्रिया ही नहीं शुरू की गई। विभागीय अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। इस वजह से पूर्व सरकार के समय भी इसे गंभीरता से नहीं लिया था। अब इस मसले को जल्द ही मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।

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