- ई-कुबेर प्लेटफॉर्म से जारी होगी केंद्रांश की राशि
- अब उपभोक्ताओं को मिलेगा रियल टाइम में पैसा
- गौरव चौहान
केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) की राशि किसी अन्य अकाउंट में जमा नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था एसएनए स्पर्श (शीघ्र ट्रांसफर एकीकृत प्रणाली) शुरू की है। अब केंद्रांश की राशि रिजर्व बैंक के ई-कुबेर प्लेटफॉर्म के माध्यम से जारी की जाएगी। इसके लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकार के विभागों को रिजर्व बैंक के ई-कुबेर प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खोलकर इंट्रीगेट किया है। केंद्र की ओर से रिमाइंडर भेजे जाने के बाद हरकत में आई मप्र सरकार ने एसएनए-स्पर्श मॉडल अपना लिया है। केंद्र प्रवर्तित 53 योजनाओं के बैंक खाते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कोर बैंकिंग समाधान ई-कुबेर में खुल गए हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा की केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में हितग्राहियों के खातों में रियल टाइम में पैसा रिलीज होगा। दरअसल, केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राप्त राशि या राज्य के लिए आवंटित विशेष फंड का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार ने देश में नई व्यवस्था लागू की है। केंद्र सरकार ने मप्र समेत सभी राज्यों को केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्रांश प्राप्त करने के लिए एसएनए-स्पर्श (समयोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण) मॉडल को अपनाना अनिवार्य कर दिया है। एसएनए-स्पर्श मॉडल लागू होने के बाद महालेखाकार (एजी) राज्यों के वित्त प्रबंधन पर बारीकी से नजर रख सकेगा कि किसी उद्देश्य विशेष से भेजे गए फंड का सही इस्तेमाल हुआ है या नहीं। किस योजना में कितने हितग्राहियों को, कितनी राशि का आवंटन किया गया है।
केंद्र ने जुलाई में भेजा था रिमाइंडर
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जुलाई में मप्र समेत अन्य राज्यों को रिमाइंडर भेजा था। इसमें केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए केंद्रांश प्राप्त करने के लिए एसएनए-स्पर्श मॉडल को अपनाकर आरबीआई के कोर बैंकिंग समाधान ई-कुबेर में अनिवार्य रूप से खाता खुलवाने को कहा गया था। इसमें कहा गया था कि यदि सरकार ऐसा नहीं कर पाती है, तो उसे केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश नहीं दिया जाएगा। इसके बाद मप्र शासन के वित्त विभाग ने आयुक्त कोष एवं लेखा (सीटीए) को आरबीआई के ई-कुबेर में खाता खोलने की अनुमति दे दी थी। सीटीए ने अन्य औपचारिकताएं पूरी करते हुए 53 केंद्रीय योजनाओं के लिए ई-कुबेर में खाते खुलवाने की खुलवान प्रक्रिया पूरी कर ली है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एसएनए स्पर्श मॉडल लागू होने पर बैंकों में पहले से खुले राज्य सरकार के विभागों के एसएनए (स्टेट नोडल एजेंसी) खाते बंद हो जाएंगे। सभी विभाग एसएनए खातों में पैसा जमा रखते हैं और जब किसी योजना में जरूरत होती है, तो खातों से पैसा निकालकर उपयोग करते हैं। एसएनए-स्पर्श मॉडल में जैसे ही राज्य सरकार को किसी केंद्र प्रवर्तित योजना के लिए फंड की जरूरत होगी, तो संबंधित विभाग केंद्र को प्रपोजल भेजेगा। प्रपोजल मिलने के बाद केंद्र सरकार के विभाग आरबीआई में ई-कुबेर में खुले खाते में अपना शेयर ट्रांसफर करेंगे। यहां से राज्य सरकार अपना शेयर ट्रांसफर करेगी और तत्काल हितग्राहियों के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।
एसएनए-स्पर्श मॉडल अपनाने से यह होगा फायदा
एसएनए-स्पर्श मॉडल में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के हितग्राहियों को रियल टाइम में पैसा रिलीज होगा। एसएनए खातों में अनावश्यक पैसा जमा नहीं रहेगा। वर्तमान में यह व्यवस्था है कि केंद्र सरकार से राशि जारी होने के बाद राज्य सरकार को 30 दिन की अवधि में केंद्र और राज्य के पैसे को मिलाकर एसएनए खाते में राशि जमा करना होती है। एसएनए खाते में पैसा डालने के बाद खर्च करने तक वह खाते में जमा रहता है। ई-कुबेर में जिन केंद्रीय योजनाओं के खाते खुले हैं उनमें रूसा, स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, प्राकृतिक स्रोतों व ईकोसिस्टम का संरक्षण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि उन्नति योजना, पशुपालन विभाग के डवलपमेंटल प्रोग्राम, खाद्यानों का एक से दूसरे राज्य में आवाजाही, पीएम एफएमई, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस, आयुष्मान भारत-पीएम जन आरोग्य योजना, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन शहरी, प्रधानमंत्री आवास योजना, न्यायतंत्र के लिए अधोसंरचनात्मक सुविधाएं, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, पीएम श्री, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नदी जोड़ो योजना, मिशन शक्ति, पुलिस बल का आधुनिकीकरण आदि योजनाएं शामिल हैं।