रोजगार प्रदेश बना मप्र

मप्र


-रोजाना 15 हजार से अधिक युवाओं को मिली नौकरी
-3 माह में 13,65,000 युवाओं को मिला रोजगार

मप्र में सरकार ने इस साल अब तक 13,65,000 युवाओं को रोजगार दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान रीवा में आयोजित रोजगार दिवस के अवसर पर रोजगार सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनवरी में 526000 व 16 फरवरी को 504000 लोगों को रोजगार मिला है। 30 मार्च को 335000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया।

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम
भोपाल (डीएनएन)।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले मेरिट के आधार पर लोगों को सरकारी नौकरी पुलिस में भर्ती होने का मौका मिल जाता था इस बार मध्यप्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अगर 50 नंबर परीक्षा का होगा तो 50 नंबर भी फिजिकल का होगा। जिससे पुलिस में भर्ती होने वाले ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे जंगल पहाड़ व अन्य स्थानों में दौड़ कर अपराधियों को पकड़ सकें। उन्होंने कहा कि हर साल प्रदेश सरकार 100000 लोगों को सरकारी नौकरी देने का काम भी करेगी।
मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंची
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की नीतियों का असर अब पूरी तरह दिखने लगा है। प्रदेश में औद्योगिक विकास, योजनाओं-परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रोजगार सम्मेलनों के कारण बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है। इसका असर यह पड़ा है कि मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। देश में इससे कम केवल छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मप्र में सरकार ने इस साल अब तक 13,65,000 युवाओं को रोजगार दिया है। जनवरी में 526000 व 16 फरवरी को 504000 लोगों को रोजगार मिला है। 30 मार्च को यानी बुधवार को 335000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
मप्र में लगातार सुधर रही स्थिति
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा जारी किये गये बेरोजगारी के ताजा आंकड़ों में छत्तीसगढ़ की स्थिति देश में सबसे बेहतर बताई गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है। मार्च में ही देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत रही। वहीं मप्र दूसरे स्थान पर है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। मप्र सरकार का दावा है कि नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर राज्य में उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। 3 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, बिहार में 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 12.1 प्रतिशत रही।
इन योजनाओं को मिला लाभ
प्रदेश में अधिक औद्योगिक निवेश लाकर नियोजन के अवसरों में वृद्धि की जा रही है। आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से स्व रोजगार हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण एवं अन्य सुविधाएं मिल रही है। नए क्षेत्रों जैसे-वन, पर्यटन, श्रम, खनिज, सहकारिता आदि में रोजग़ार के अवसर सृजित हो रहे हैं। रोजगार के लिए हमारी 8 सूत्रीय रणनीति है। नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन कर कक्षा 6वीं से ही रोजगार मूलक शिक्षा प्रदान की जाए। शिक्षा और उद्योग जगत की मांग में गैप को भरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। रोजगार चाहने वालों को नियोक्ताओं से जोडऩे के लिए ऑनलाईन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर रोजगार मेलों का नियमित आयोजन होगा। सरकारी भर्तियों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं।
नहीं हुआ था आर्थिक मंदी का असर
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से मप्र की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी मप्र में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। नए आंकड़ों के मुताबिक मप्र 1.4 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में दूसरेे स्थान पर है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है। शहरी बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत है।
अब मिशन मोड में मिलेगा युवाओं को रोजगार
मप्र आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहले पर अब युवाओं को मिशन मोड़ में रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए विभागों ने कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री की मंशानुसार वर्ष 2022 मप्र के युवाओंं के लिए रोजगार वर्ष बनेगा। खुद मुख्यमंत्री कहते हैं कि आत्म-निर्भर भारत और आत्म-निर्भर मप्र के निर्माण में युवा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। रोजगार आज एक प्रमुख आवश्यकता है। प्रतिमाह एक लाख लोगों को रोजगार से जोडऩे और आर्थिक उन्नयन का लाभ देने के लक्ष्य के मुकाबले दोगुनी उपलब्धि प्राप्त हुई है। प्रतिमाह ढाई लाख लोगों को लाभान्वित करने में सफलता मिली है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने अब प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए मिशन मोड में काम शुरू कर दिया है। इसके लिए तरह-तरह के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। एक तरफ जहां सरकारी विभागों में भर्ती के लिए परीक्षाओं का आयोजन शुरू किया जा चुका है तो वहीं, निजी क्षेत्रों में रोजगार दिलाने के लिए रोजगार मेलों का भी आयोजन शुरू किया जा चुका है। सरकार ने अब न केवल हर महीने एक लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया है, बल्कि वह पूरा प्रयास कर रही है कि इस दावे पर पूरी तरह से खरा भी उतरे। सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए अब विभागों से पूरी जानकारी ली जा रही है तो वहीं जिन विभागोंं की जानकारी व प्रस्ताव आ चुके हैं उनमें भर्ती करने की भी तैयारी तेजी से शुरू की जा चुकी है।
निकलेंगी बंपर भर्तियां
मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर सभी विभाग नौकरियां निकालने की तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही सरकारी व नीति क्षेत्रों में भरी संख्या में भर्ती निकाली जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा पहले ही भर्ती करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इनमें ऐसी भर्तियों को भी शामिल किया जा रहा है, जिन पर लंबे समय से भर्ती नहीं की जा सकी है। इसी तरह से सरकार द्वारा सरकारी विभागों में बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए भी अभियान संचालित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार के इन प्रयासों से सरकारी महकमों में इस साल करीब एक लाख युवाओं को नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा सरकार का स्वरोजगार पर भी फोकस है। यही वजह है कि केन्द्र के अलावा राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर भी मध्यप्रदेश में स्व-रोजगार की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत विभिन्न विभागों एवं बैंको के माध्यम से कई स्व-रोजगार योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इनमें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन आदि प्रमुख योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
लगभग सभी विभागों में भर्ती की तैयारी
प्रदेश में इस साल जिन प्रमुख विभागों में भर्ती की तैयारी है उनमें स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग, खाद्य विभाग व तकनीकी शिक्षा विभाग शामिल हैं। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग की भर्ती लंबे समय से लंबित है। स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्तियां करने की तैयारी है। इसके लिए इस साल पीईबी द्वारा प्राथमिक शिक्षक पात्रता, ग्रामीण उद्यान विकास भर्ती, कौशल प्रशिक्षण अधिकारी भर्ती परीक्षा, आजीविका मिशन भर्ती परीक्षा, सहायक ग्रेड-3 स्टेनोटायपिस्ट स्टेनोग्राफर भर्ती परीक्षा, उपयंत्री भर्ती परीक्षा, खाद्य सुरक्षा अंतर्गत विश्लेषकों और रसायनज्ञों की भर्ती, नर्सिंग पदों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाना है।

बेरोजगारी की दर ( प्रतिशत में)
राज्य मार्च 2022
आंध्र प्रदेश 9.2
असम 7.7
बिहार 14.4
छत्तीसगढ़ 0.6
दिल्ली 8.9
गुजरात 1.8
हरियाणा 26.7
हिमाचल प्रदेश 12.1
जम्मू और कश्मीर 25.0
झारखंड 14.5
कर्नाटक 1.8
केरल 6.7
मध्य प्रदेश 1.4
महाराष्ट्र 4.0
मेघालय 1.8
ओडिशा 9.7
पुडुचेरी 4.2
पंजाब 7.0
राजस्थान 25.0
तमिलनाडु 4.1
तेलंगाना 6.8
त्रिपुरा 14.1
उत्तर प्रदेश 4.4
उत्तराखंड 3.5
पश्चिम बंगाल 5.6

मप्र के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का शुभारंभ किया। प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सरकार बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाएगी। इसमें अधिकतम 50 लाख रुपए का बैंक से ऋण दिलाया जाएगा। सरकार वित्तीय सहायता के रूप में तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और सात साल तक के लिए बैंक ऋण गारंटी शुल्क देगी। सीएम ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि रोजगार मांगने वाले नहीं देने वाले बनो। सीएम ने इस दौरान महीने के एक दिन को रोजगार दिवस के रूप में घोषणा की। सीएम ने कहा कि स्वरोजगार के लिए 2 महीने में 10 लाख लोगों को जोड़ा गया है। इसके लिए मैं बैंकर्स को धन्यवाद देता हूं। अलग बात है मैं कभी-कभी खिंचाई भी कर देता हूं सीएम ने कहा कि रोजगार के तीन रास्ते हैं। हजार लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई है। सभी विभागों में सरकारी पद भरे जाएंगे। सरकार रोजगार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है। आने वाले दिनों में लाखों रोजगार मिलेंगे।
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे, इंटरनेशनल कन्वेशन सेंटर में हुए एक कार्यक्रम सीएम शिवराज ने योचना लॉन्च किया। इस दौरान शिवराज कैबिनेट के अधिकतर मंत्री मौजूद रहे। इसे युवाओं को मुख्यमंत्री शिवराज की बड़ी सौगात माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र दिया। योजना का शुभारंभ करने के बाद सीएम शिवराज ने योजना से लाभान्वित युवाओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। योजना के तहत राज्य के करीब एक लाख युवाओं को इसका लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं युवाओं को बिजनेस करने के लिए सरकार योजना के जरिए 1 लाख से 50 लाख तक लोन देगी। योजना के हितग्राहियों को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में हर साल 3 फीसदी ब्याज अनुदान के रूप में दिया जाएगा। साथ ही बैंक ऋण गारंटी भी अधिकतम 7 साल के लिए सरकार द्वारा ही दी जाएगी। योजना के तहत वर्ष 2022-23 में एक लाख युवाओं को लाभांवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए अधिकतम 50 लाख रूपए, सेवा और व्यवसाय गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपये तक बैंकों से ऋण दिलवाया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवपुरी, जबलपुर, खंडवा और पन्ना के हितग्राहियों से संवाद किया और कार्यक्रम स्थल पर अनेक उद्यमियों को लाभांवित भी किया।
योजना की ये होंगी शर्तें
स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत लोन लेने वाले युवाओं का न्यूनतम 12वीं पास होना जरूरी है। साथ ही आवेदक की उम्र 18-40 साल के बीच होनी चाहिए। विनिर्माण इकाई और उद्यम लगाने वाले युवाओं को सरकार एक लाख से लेकर 50 लाख तक की सीमा का लोन उपलब्ध कराएगी। वहीं सेवा क्षेत्र के लिए एक लाख से 45 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। केवल नए उद्यमी ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिनका पहला से ही कोई व्यवसाय है, वो लोग इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति के परिवार की वार्षिक आय भी 12 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
लाभार्थियों से की बात
सीएम शिवराज ने खंडवा के अजीत सूर्यवंशी से बात की और पूछा कि उद्योग विभाग वालों ने चक्कर तो नहीं लगवाए। इसी के साथ जबलपुर की खुशबू ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है काम होना चाहिए। इस पर सीएम ने बैंकर्स से कहा कि ये थोड़ा बहुत भी न चले। उन्होंने कहा कि महीने में एक दिन रोजगार दिवस के रूप में मनाना जाएगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ युवाओं को देना है। तीन महीने में 13.63 लाख हितग्राहियों को कर्ज दिलाया गया है। किसी को निराश होने की जरुरत नहीं है। 35000 युवाओं की सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है। खाली पद भरने को कहा गया है, रोजगार के वैकल्पिक विकल्प तैयार करना होंगे। प्राइवेट सेक्टर में एक लाख नौकरी मिलेगी, कलस्टरों पर काम कर रहे हैं।
लोन की गारंटी सरकार लेगी
सीएम शिवराज ने कहा कि लोन की गारंटी सरकार लेगी। सरकार लोन की राशि के एक प्रतिशत राशि सरकार जमा करती है। इसमें 140 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मध्य प्रदेश के युवा रोजगार मांगने वाले नहीं देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि आज तो दूल्हे की शेरवानी भी किराए पर मिल जाती है। यह भी इनोवेटिव आइडिया है। शादी के बाद वे कपड़े कौन कितने दिन पहनता है। सीएम ने कहा कि आप नया सोचो हम भरपूर सहयोग देंगे। स्टार्टअप शुरू करो। मन में कोई विचार आए तो उसे मरने मत दो। बल्कि उस पर और सोचो। सीएम शिवराज ने कहा कि 40 हजार करोड़ रुपए का निर्यात इस बार अकेले मप्र ने किया है। हमारे बासमती चावल की सुगंध अमेरिका और आस्ट्रेलिया में फैल रही है। मैं इसी प्रयास में लगा हूं कि एक्सपोर्ट कैसे बढ़ाया जाए। 12 लाख रुपए वार्षिक आय वालों को योजना का लाभ मिलेगा। ब्याज राशि का तीन प्रतिशत अनुदान सात साल तक दिया जाएगा। 2019 युवाओं को करीब 108 करोड़ रुपए का कर्ज प्रदेश में दिया गया। एक लाख युवाओं को योजना के माध्यम से रोजगार देने का लक्ष्य है।
पांच जिलों में होगा 32 हजार करोड़ का निवेश
प्रदेश में औद्योगिक विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए भोपाल, सीहोर, धार, रतलाम और नरसिंहपुर में औद्यौगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। यहां 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इससे 38 हजार 450 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। वहीं, उज्जैन की विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि भोपाल (बैरसिया), सीहोर (आष्टा झिलेला), धार (तिलगारा), रतलाम और नरसिंहपुर में एक हजार 997 हेक्टेयर भूमि पर औद्यौगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। इन स्थानों पर निवेशकों ने भूखंड आवंटन में रूचि दिखाई है और भविष्य में मांग भी बढ़ेगी। प्रारंभिक तौर पर विभिन्न् उद्योग समूहों के साथ जो चर्चा हुई है, उसमें 32 हजार करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। इसके साथ ही सरकार ने तय किया है कि मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना मोहासा बाबई के स्थान पर विक्रम उद्योगपुरी, उज्जैन में की जाएगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कारिडोर के निकट किसी अन्य विकल्प पर विचार करने के लिए पत्र लिखा था। इस आधार पर विक्रम उद्योगपुरी का चयन किया गया है। यह देवास रोड पर स्थित है और 532 एकड़ भूमि उपलब्ध है।
ग्रामीण बैंकों में 212 करोड़ रुपए का होगा निवेश
प्रदेश सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैकों में 212 करोड़ रुपए का निवेश अंशपूंजी के तौर पर करेगी। केंद्र सरकार ने एक हजार 414 करोड़ रुपए की अंशपूंजी सहायता स्वीकृत की है। इसके लिए राज्यांश मिलाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट में निर्णय लिया गया। प्रदेश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का व्यवसाय 40 हजार करोड़ रुपये का है।
तीर्थ दर्शन के लिए अलग-अलग जाएंगे मंत्री
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में मंत्री एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग जाएंगे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग स्थानों पर जाने वाली ट्रेन के साथ मंत्री जाएंगे। पहले मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों का एक साथ 18 अप्रैल को ट्रेन से काशी कारिडोर, गंगा स्थान सहित अन्य स्थान पर जाना प्रस्तावित था।
बैकलॉग के पदों पर जल्द शुरू होंगी भर्तियां
प्रदेश में बैकलॉग के पदों पर सरकार जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। सरकार के निर्देशानुसार दिसंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी। इसके लिए जीएडी ने सभी विभागों से बैकलॉग के पदों की जानकारी मांगी है। इन पदों पर भर्ती के लिए पीईबी को अधिकृत किया गया है जो विभागों से सीधे जानकारी मिलने के बाद उसके आधार पर बैकलॉग के पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने और परीक्षा कराने का काम करेगा।
जानकारी के अनुसार सभी विभागों को बैकलॉग की जानकारी पीईबी को भेजनी होगी। सूत्रों के अनुसार जीएडी ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, सचिव और प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि बैकलॉग के पदों की जानकारी तथा जिला एवं राज्य संवर्ग के सहायक ग्रेड 3, स्टेनो टाइपिस्ट, शीघ्रलेखक वर्ग 3 व भृत्य के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पीईबी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों को विभागीय भर्ती नियमों और पीईबी रूल बुक के आधार पर जानकारी पीईबी को भेजेंगे। ई मेल से इसकी जानकारी शासन को भी भेजना होगी।
नए रोस्टर के आधार पर होगी भर्ती
नए रोस्टर के आधार पर होने वाली इस भर्ती में बैकलॉग के रिक्त पदों की गणना फरवरी में जारी निदेर्शों के आधार पर करना है। सहायक ग्रेड 3, स्टेनो टाइपिस्ट और शीघ्रलेखक वर्ग 3 के राज्य व जिला संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान 31 दिसम्बर के पहले चलेगा। पीईबी द्वारा इसके लिए 30 अप्रेल को विज्ञापन जारी किया जाएगा और 30 जून को परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा परिणाम 30 सितम्बर तक घोषित किए जाएंगे और 31 दिसम्बर तक विभागों द्वारा नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी। इसमें यह भी साफ किया गया है कि कोई भी विभाग अपने स्तर पर सीधे जिला स्तर पर भर्ती नहीं कर सकेगा। इसकी समीक्षा भी चीफ सेक्रेट्री हर सोमवार को करेंगे।
नगर निगमों में सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरने की तैयारी
उधर प्रदेश के 16 नगर निगमों प्रदेश के भोपाल, इंदौर, मुरैना, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, सतना, बुरहानपुर, खंडवा, उज्जैन, रतलाम, देवास, छिंदवाड़ा, कटनी और सिंगरौली नगर निगमों में सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरने की भी तैयारी नगरीय विकास और आवास विभाग ने की है। यहां तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती के लिए निगम आयुक्तों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। साथ ही पीईबी से इन पदों की भर्ती कराने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा इन निकायों में उपयंत्रियों के पदों को भी पीईबी से भरने के लिए निर्णय लिया गया है। निगम आयुक्तों से कहा गया है कि चूंकि निगम में सीधी भर्ती के पद पीईबी से भरे जाना है, इसलिए आयुक्त इसके लिए मेयर इन काउंसिल से इस आशय का संकल्प पारित कराकर प्रस्ताव भेजेंगे कि पीईबी से भर्ती कराने के लिए काउंसिल द्वारा निर्णय लिया गया है और शासन को इसके लिए अधिकृत किया जाता है। इन भर्तियों में रिक्त पदों की भर्ती पीईबी आरक्षण नियमों का पालन करते हुए कराएगा।

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