कम मतदान, भाजपा को अंडरकरंट पर भरोसा… तो कांग्रेस में बढ़ा आत्मविश्वास

  • मतदाताओं की दूसरे चरण में भी दिखी बेरुखी
  • विनोद उपाध्याय
भाजपा-कांग्रेस

प्रदेश में पहले ही चरण की तरह दूसरे चरण में भी कम मतदान हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक 6 सीटों पर 58.35 प्रतिशत मतदान हुआ। बीते लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए मतदान को देखें तो करीब नौ प्रतिशत वोटिंग कम हुई है। 2019 में इन छह सीटों पर औसतन 67.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। कम मतदान के बावजूद भाजपा का मानना है कि पार्टी के पक्ष में अंडर करंट है और उसे अपनी जीत का पूरा भरोसा है। वहीं, कमजोर मतदान को सत्ता विरोधी लहर मानकर कांग्रेस इस चुनाव में अपनी अच्छी संभावना देख रही है। कम मतदान को वह अपनी व इंडी गठबंधन के फायदे के रुप में देख रही है।  दरअसल, प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव हो रहा है। दूसरे चरण की सीटों में सतना, रीवा, खजुराहो, टीकमगढ़, दमोह और होशंगाबाद सीट शामिल हैं।
पहले चरण से भी कम हुआ मतदान
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 58.35 फीसदी मतदान हुआ, जबकि 2019 में 67.64 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस तरह इसमें 9.29 फीसदी की गिरावट आई। पहले चरण में 67.75 फीसदी वोटिंग हुई थी, जो कि 2019 के 75.24 फीसदी के मुकाबले 7.47 कम थी। प्रदेश में सबसे ज्यादा गेहूं और देश में सबसे ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन करने वाले होशंगाबाद सीट पर सबसे ज्यादा 67.86 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव में किसानों का मुद्दा नहीं होने के बावजूद अच्छा मतदान किया है। यहां पर भाजपा ने किसान नेता दर्शन सिंह को चुनाव में उतारा है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से संजय शर्मा प्रत्याशी है। इस सीट पर 2019 में 74.17 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 6.31 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। वहीं , 6 सीटों में सबसे कम मतदान रीवा में  48.67 फीसदी मतदान हुआ है। यहां पर भाजपा ने मौजूदा सांसद जनार्दन मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। उनके खिलाफ जनता में नाराजगी बताई जा रही थी। वहीं, कांग्रेस ने भी कोई दमदार प्रत्याशी नहीं दिया। यहां पर कांग्रेस की तरफ से नीलम अभय मिश्रा प्रत्याशी है। 2019 में 60.33 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 11.66 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। इसी तरह से सतना में भाजपा ने सांसद गणेश सिंह और कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को प्रत्याशी बनाया। कुशवाह विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को चुनाव हरा चुके है। बसपा से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी मैदान में हैं। यहां पर कुशवाह और गणेश सिंह को लेकर जनता में नाराजगी थी। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है।
यहां पर इस बार 61.77 फीसदी मतदान हुआ। यहां 2019 में 70.71 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 8.94 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। खजुराहो सीट पर एकतरफा मुकाबला माना जा रहा है। यहां से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनाव लड़ रहे। यह सीट कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत सपा के लिए छोड़ दी थी। सपा प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा रद्द हो गया। इसके बाद इंडिया गठबंधन ने आरबी प्रजापति को समर्थन दिया, लेकिन उनको बहुत मजबूत चेहरा नहीं माना जा रहा। इस बार 56.44 फीसदी मतदान हुआ। 2019 में 68.28 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 11.84 प्रतिशत मतदान कम हुआ है।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट टीकमगढ़ पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक व कांग्रेस के पंकज अहिरवार के बीच मुकाबला हुआ। वीरेंद्र के खिलाफ जनता में नाराजगी है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी का नया चेहरा होने से पहचान की कमी रही। इस बार  59.79 फीसदी मतदान हुआ।  2019 में इस सीट पर 66.57 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 6.78 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। दमोह सीट पर भाजपा के राहुल लोधी और कांग्रेस तरबर सिंह लोधी चुनाव लड़ रहे। दोनों पूर्व विधायक है। इस सीट पर लोधी वोटर्स निर्णायक होता है। चुनाव में लोधी वोटरों में असमंजस और चुनाव में जनता की रूचि भी कम देखी गई। 2019 में इस सीट पर 65.82 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 9.64 प्रतिशत मतदान कम हुआ है।
मोदी जी का जादू कम हो रहा
यह केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी है। मतदान प्रतिशत के कम होने से साफ है कि मोदी जी का जादू कम हो रहा है। इससे उस दावे की भी पोल खुल रही है, जिसमें मोदी जी को ग्लोबल लीडर और 400 पार की बात कही जा रही थी। पिछली बार भाजपा जिन शहरी क्षेत्रों से जीती, उन्हीं जगह मतदान में कमी आ रही है। इस चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी से परेशान मतदाता अपने मत का प्रयोग कर रहा और जिसे अब मोदी से कोई उम्मीद नहीं है वो वोट डालने नहीं जा रहा है।
-मुकेश नायक, अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग, एमपी  
विपक्षी पार्टियों का मतदान कम हो रहा
प्रदेश में विपक्षी पार्टियों का मतदान कम हो रहा है। उनके कार्यकर्ताओं में हताशा और निराशा है। उनका ना कोई नेता है ना कोई नीति है। ना कार्यों का लेखाजोखा है। इस चुनाव में मत प्रतिशत कम होने के बाद जो परिणाम आएंगे, वो नजीर बनेंगे। भाजपा और विपक्षी पार्टी के बीच 20 प्रतिशत के मत का अंतर होगा।  
– आशीष अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा मध्य प्रदेश

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