लोकसभा चुनाव: कांग्रेस भी कई विधायकों पर लगाएगी दांव

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  • राहुल की यात्रा से पहले प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ऐसे कई नेताओं को प्रत्याशी बनाने जा रही है, जो मौजूदा समय में निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। इनमें पार्टी के विधायक से लेकर महापौर तक शामिल हैं। इसकी वजह है उनकी अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ का होना है। ऐसे ही कई नामों पर लगभग एकराय बन चुकी हैं।
इन नामों की घोषणा अगले माह प्रदेश में आने वाली पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल यात्रा के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार वह प्रदेश में मार्च के पहले सप्ताह में आएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिन नामों पर लगभग सहमति बन चुकी है, रीवा के लिए महापौर अजय मिश्रा का नाम भी  शामिल है।
इसी तरह से उज्जैन से महेश परमार, ग्वालियर से साहब सिंह गुर्जर और मंदसौर से विधायक विपिन जैन का नाम शामिल है। इन नामों पर समन्वयक से लेकर जिला कांग्रेस कमेटियों की भी सहमति है। दरअसल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के लिए इस बार सभी 29 सीटों पर समन्वयक भेजे हैं। समन्वयकों ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को दे दी है। इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक में इन नामों पर मंथन किया जा चुका है। जबलपुर से महापौर जगत प्रताप सिंह का नाम लगभग तय कर लिया गया था , लेकिन वे अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसकी वजह से अब इस सीट पर नए सिरे से कवायदी करनी होगी।  उनका नाम चार विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से प्रदेश कांग्रेस को भेजा था। उज्जैन से प्रस्तावित महेश परमार तराना से दूसरी बार विधायक बने हैं, जबकि ग्वालियर से साहब सिंह गुर्जर अभी विधायक हैं। वे ग्वालियर ग्रामीण से आते हैंै। इसके अलावा कुछ इसी तरह के नेताओं को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह मुरैना सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा का इजहार कर चुके हैं। जिन अन्य विस चुनाव हारने वाले नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना है, उनमें सज्जन सिंह वर्मा, डॉ विजय लक्ष्मी साधौ, एन पी प्रजापति और लक्ष्मण सिंह के नामों की चर्चा बनी हुई है।  
राज्यसभा में जाएगा एक सदस्य
230 सदस्यीय विधानसभा में दलीय स्थिति के अनुसार कांग्रेस के हिस्से से राज्य सभा में एक सदस्य जाना तय है। इसकी वजह से प्रत्याशी का नाम भी पार्टी लोकसभा चुनाव में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब से तय कर सकती है। उधर, प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी और चुनाव समिति की बैठक में सभी ने प्रत्याशी के नामों का एलान जल्द से जल्द करने की इच्छा जताई है। इसके पीछे उनका तर्क है कि इससे प्रत्याशी को काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। गौरतलब है कि एक लोकसभा क्षेत्र में औसत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनके सभी मतदान केंद्रों तक प्रत्याशी एक-एक बार संपर्क कर ले और अपनी टीम बना ले, इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्याशी को इसके लिए पर्याप्त समय मिले।
दिल्ली बैठक में होगा नामों पर विचार
सूत्रों का कहना है कि इन सभी नामों पर  दिल्ली में होने वाली दो दिवसीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। इस दौरान जिन नामों पर सहमति बन जाएगी, उन नामों को केंद्रीय संगठन के पास भेज दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य सभा की एक सीट के लिए भी प्रत्याशी के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। आठ फरवरी को राज्य सभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

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