लोकल उत्पादों को मिलेगा ग्लोबल मंच

  • समिट में एक जिला, एक उत्पाद का एक्स-पो

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी में 24 फरवरी से आयोजित हो रहे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) का एक्सपो लगेगा। इसमें खास बात यह होगी कि समिट में आने वाले प्रतिनिधि और अतिथि भी इन उत्पादों को बनाने का अनुभव ले सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि एक जिला-एक उत्पाद हमारे कारीगरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एक्स-पो माध्यम से हम अपने स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच देने जा रहे हैं, जिससे प्रदेश के उद्योगों, विशेष रूप से हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। सीएम ने कहा कि यह एक्स-पो न केवल हमारे कारीगरों के कौशल को प्रदर्शित करेगा, बल्कि उन्हें नए व्यावसायिक अवसर भी प्रदान करेगा। इसमें मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के विशिष्ट उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे स्थानीय शिल्प, कृषि और खाद्य उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। एक्स-पो में खाद्य, मसाले और फलों से जुड़े 32 ओडीओपी उत्पादों के स्टॉल पर उनकी निर्माण प्रक्रिया के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। यहां प्रतिनिधि इन उत्पादों को न केवल देख और समझ सकेंगे, बल्कि उन्हें खरीद भी पाएंगे। साथ ही 16 लाइव काउंटरों पर मध्यप्रदेश की पारंपरिक कला और शिल्प का प्रदर्शन होगा, जहां अतिथि स्वयं इस प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। एक्स-पो कारीगरों को नए व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगा। प्रत्येक काउंटर पर आने वाले आगंतुकों का डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे भविष्य में बी-टू-बी और बी-टू-सी नेटवर्किंग के माध्यम से कारीगरों को बाजार से जोड़ा जा सके। इस डेटा प्रबंधन की ज़िम्मेदारी भोपाल के प्रतिष्ठित कॉलेजों के छात्रों को दी गई है, जिससे उन्हें भी व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।
38 उत्पादों के लगेंगे स्टॉल
एक्स-पो में प्रदेश के 38 ओडीओपी उत्पादों के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे, जिन्हें लाइव काउंटर और प्रोसेस काउंटर में विभाजित किया गया है। लाइव काउंटर में बाघ प्रिंट, जरी जरदोजी, बाटिक प्रिंट, कालीन, चंदेरी साड़ी, बांस, बलुआ पत्थर और कपड़े की जैकेट जैसे आठ प्रमुख उत्पादों के निर्माण की प्रक्रिया को कारीगरों द्वारा लाइव प्रस्तुत किया जाएगा। खास बात यह है कि प्रतिनिधि और अतिथि कारीगरों के मार्गदर्शन में खुद भी इन उत्पादों को बनाने का अनुभव ले सकेंगे। ‘कुम्हार पुरा’ और ‘टेक्निकल जोन’ में मानव संग्रहालय में मिट्टी के बर्तन और धातु कला के लाइव काउंटर भी आकर्षण का केंद्र होंगे।

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