विद्रोह के डर से अटकी कांग्रेस व भाजपा की सूची

भाजपा व कांग्रेस

नामांकन के ठीक पहले सूची जारी करने की है तैयारी  …
भोपाल/विनोद उपाध्याय/ बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश के डेढ़ दर्जन जिलों के 46 नगरीय निकायों में जारी चुनाव प्रक्रिया के तहत कल सोमवार को नामाकंन का अंतिम दिन है, लेकिन अब तक भाजपा व कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर सकी हैं। इस वजह से टिकट के दावदारों में भारी बैचेनी देखी जा रही है।  दरअसल भाजपा व कांग्रेस दोनों को डर सता रहा है की जिन दावेदारों को टिकट नहीं मिलेगा वे बागी होकर दूसरे दलों का दामन थाम सकते हैं, जिसकी वजह से उनके हार-जीत के समीकरण बिगड़ सकते हैं। यही वजह है की इन दलों के रणनीतिकारों ने नामांकन के अंतिम समय में ही प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति तैयार की है। इसके तहत कई दावेदारों को नामांकन जमा करने के लिए गुपचुप कह दिया गया है। दरअसल भले ही चुनाव  46 नगरीय निकायों में हो रहे हैं, लेकिन यह चुनाव दोनों दलों के लिए बेहद कठिन परीक्षा के तौर पर देखे जा रहे हैं। दरअसल इन चुनाव परिणामों से यह पता चल जाएगा कि शहरी आदिवासी मतदाताओं की पसंद कौन सा दल है। जिन नगरीय निकायों में चुनाव हो रहे हैं, उनमें से अधिकतर आदिवासी बहुल हैं। यही वजह है कि पार्टियां इन चुनाव को लेकर फूंक- फूंक कर कदम रख रहीं हैं। इसकी वजह है प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव। प्रदेश में आदिवासी वोट बैंक पर विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजर है। ऐसे में दोनों ही दल कोई रिस्क लेने के मूड में नही है। आदिवासियों को अपने पाले में लाने के लिए दोनों ही पार्टियां समय-समय पर कई तरह के न केवल आयोजन करती आ रही हैं , बल्कि उनके हितों को लेकर कई तरह के वादे व दावे भी कर रही हैं। दरअसल दल बदल के अलावा दोनों दलों के रणनीतिकारों को लग रहा है कि यदि पहले से प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए गए, तो टिकट से वंचित रहने वाले कई कार्यकर्ता बागी होकर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतर जाएंगे , जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि दोनों ही दलों ने बगाबत रोकने के लिए देरी से नाम घोषित करने की रणनीति तैयार की है। यह बात अलग है कि संगठन स्तर पर न केवल नाम तय कर लिए गए हैं,बल्कि सूची भी तैयार रखी गई है। माना जा रहा है की आज देर रात तक दोनों ही दल अपनी सूची जारी कर सकते हैं।  गौरतलब है कि जिन 46 निकायों में चुनाव कराए जा रहे हैं , उनमें 17 नगर पालिका और 29 नगर परिषद शामिल हैं। इन निकायों में कुल वार्डों की संख्या 814 और कुल मतदान केंद्रों की संख्या 1212 है। सभी नगरीय निकायों में कुल मतदाताओं की संख्या 8 लाख 42 हजार 515 है। इनमें से 4 लाख 25 हजार 370 पुरुष, 4 लाख 17 हजार 79 महिला एवं 66 अन्य मतदाता हैं। नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख 12 सितंबर (दोपहर 3 बजे तक) है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 13 सितंबर को की जाएगी। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। इसी दिन अभ्यर्थियों को निर्वाचन प्रतीकों का आवंटन किया जाएगा।  मतदान 27 सितंबर को सुबह 7 से शाम 5 बजे तक होगा।   मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा 30 सितंबर को सुबह 9 बजे से होगी।
इन निकायों के होंगे चुनाव
जहां चुनाव होने हैं उनमें नगर पालिका मंडला, नैनपुर, नेपानगर, सारनी, झाबुआ, आलीराजपुर, जुन्नारदेव, दमुआ, पांढुर्णा, सौंसर, शहडोल, कोतमा, बिजुरी, पाली, गढ़ाकोटा, खुरई, मलाजखंड शामिल हैं।
नगर परिषद
इसी तरह से नगर परिषदों में बरगवां (अमलाई), देवरी (रायसेन), सरई, बरगवां (सिंगरौली), पुनासा, कर्रापुर, बुढार, जयसिंहनगर, बैहर, डिंडोरी, बिछिया, बम्हनी बंजर, निवास, लखनादौन, मोहगांव, हर्रई, मंडलेश्वर, महेश्वर, भीकनगांव, चंद्रशेखर आजाद नगर, जोबट, पेटलावद, थांदला, रानापुर, चिचोली, आठनेर, सैलाना, छनेरा और शहपुरा। इनमें से कई निकाय तो नए बने हैं , जबकि बाकी का कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है।  जानकारी के अनुसार 37 नगरीय निकायों में से 2 का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो चुका है और बचे हुए 35 निकायों का कार्यकाल 12 सितंबर को पूरा होने जा रहा है। इनके अलावा शेष नौ सीटों में से गढ़ाकोटा, खुरई और मलाजखंड नगर पालिका की सीमा में वृद्धि के कारण परिसीमन नहीं हो पाया था।

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