सूची फाइनल…24 को मोहन मंत्रिमंडल विस्तार

मोहन मंत्रिमंडल

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुनबे में कौन-कौन शामिल होगा, इसको लेकर दिल्ली में मंथन जारी है। कल रात मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने सांसदों के साथ रात्रिभोज पर चर्चा की। उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ देर रात हुई बैठक में नामों पर चर्चा की गई। वे आज भी मुख्यमंत्री जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में नामों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अब 24 दिसम्बर को नए मंत्रियों की शपथ लेने की संभावना है। वहीं दोनों उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ला भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के बुलावे पर दिल्ली गए हैं। केन्द्रीय नेतृत्व के बुलावे पर सीएम सहित डिप्टी सीएम और संगठन नेता दिल्ली पहुंचे है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को प्रदेश के सांसदों से रात्रिभोज पर विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। मप्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा, पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, भाजपा मध्य प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद उपस्थित थे। कार्यक्रम में सभी राजनीतिक दलों के लगभग 26 सांसद शामिल हुए। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह भी पहुंचे।
इस दौरान विकसित भारत संकल्प यात्रा के समन्वय, भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रदेश में क्रियान्वयन और भारत सरकार के समक्ष लंबित प्रदेश से जुड़े विषयों पर संसदीय क्षेत्रवार चर्चा हुई। उधर विधानसभा का सत्र समाप्त होने के बाद गुरूवार देर रात ही कई विधायक दिल्ली पहुंच गए। कुछ का आज सुबह रवाना हुए। विधायक जानते हैं कि सब कुछ दिल्ली से तय होना है, लिहाजा वे अपने अपने नेताओं के यहां दस्तक दे रहे हैं। संघ नेताओं की शरण में सबसे ज्यादा विधायक पहुंचे हैं।
वीडी शर्मा बने रहेंगे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
भाजपा के प्रदेश वीडी शर्मा लोकसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वीडी को केंद्र में भेज कर चुनाव जीते किसी दिग्गज नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने की अटकलें लगाई जा रही थी। इसमें इंदौर-1 से चुनाव जीते कैलाश विजयवर्गीय का नाम सबसे आगे चल रहा था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल लोकसभा चुनाव तक केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश संगठन में कोई बदलाव नहीं चाहता है। बता दें, वीडी शर्मा ने फरवरी ने 2023 में अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिए है। अगले साल फरवरी में उनको चार साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में आलाकमान उनको केंद्र में कोई बड़ी भूमिका दे सकता है। फिलहाल संगठन का फोकस लोकसभा की तैयारी पर है।
तय होगी शिवराज की भूमिका
आज से शुरू हो रही दो दिनी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश में 18 साल मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की भी नई जिम्मेदारी तय हो सकती है। शिवराज सिंह ने दो दिन पूर्व ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें दक्षिण के राज्यों में भाजपा का संगठन मजबूत करने का फिलहाल कहा गया है। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में उन्हें संगठन में पद देने या किसी अन्य पद देने के संबंध में भी निर्णय हो सकता है।
मंत्रिमंडल पर फाइनल मुहर
डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार अटका हुआ है। इसमें जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के साथ दिग्गजों की भूमिका को लेकर भी पेच फंसा था। अब सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व ने दिग्गजों की भूमिका का रास्ता निकाल लिया है। सभी जीते सांसद के साथ ही दिग्गज नेताओं को मंत्री बनने के लिए मना लिया गया है। इसके बाद सीएम डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल के नामों पर अंतिम मुहर लगाने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इससे पहले आज सुबह प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की फोन पर चर्चा हुई है। सीएम और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव से भी मुलाकात करेंगे। शाह और नड्डा के साथ होने वाली बैठक में यादव भी मौजूद रह सकते हैं। यादव प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रभारी थे। उनकी टीम ने चुनाव से पहले तीन महीने तक ग्रास रूट लेवल पर काम किया था।
बड़ा होगा मंत्रिमंडल
माना जा रहा है कि डॉ. मोहन मंत्रिमंडल बड़ा होगा। लोकसभा चुनाव तक केन्द्रीय नेतृत्व मंत्रिमंडल का आकार छोटा रखना चाहता था, पर प्रदेश संगठन चाहता है कि एक बार में ही अधिकांश अधिकांश मंत्री शपथ ले लें। संगठन ने भी अपनी ओर से नाम पार्टी हाईकमान को दिए है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी पांच नाम केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपे हैं। सबसे बड़ा पेंच सांसद से विधायक बने नेताओं को लेकर है। केन्द्रीय नेतृत्व इन सभी को मंत्री बनाना चाहता है पर प्रदेश नेतृत्व सभी को समान रूप से मौका देने के पक्ष में है। कई सीनियर नेताओं को लेकर संगठन पशोपेश में है। उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाता तो क्या जिम्मेवारी दी जाए, इस पर विचार जारी है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश मंत्रिमंडल में 25 से 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

Related Articles