शराब सिंडीकेट फिर पड़ा सरकार पर भारी, नहीं मान रहा आदेश

शराब सिंडीकेट
  • प्रदेश में शराब की दुकानों पर शुरू की गई बिल व्यवस्था पर नहीं हो पा रहा अमल …

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    मप्र ऐसा राज्य बन चुका है जिसमें शराब सिंडिकेट पूरी तरह से सरकारी फरमानों पर भारी पड़ रहा है। इस सिंडिकेट के सामने आबकारी अमला तो पहले ही पूरी तरह से अप्रभावी हो चुका है। यही वजह है कि सरकार द्वारा शराब की कौन सी बोतल किस दुकान से बेंची गई है इसकी जानकारी के लिए शुरू की गई बिल व्यवस्था पर अमल ही नहीं हो पा रहा है।  शराब सिंडिकेट द्वारा किसी भी ग्राहक को कोई बिल नहीं दिया जा रहा है। अगर कोई ग्राहक बिल की मांग करता है तो उसके साथ अभद्रता करने से भी शराब दुकानों का अमला बाज नहीं आता है। शासन के निर्देशानुसार एक सितंबर से शराब खरीदने वाले व्यक्ति को बिल देना जरूरी कर दिया गया है। इसके बाद भी भोपाल की अधिकांश दुकानों पर बिल देना तो दूर बिलबुक तक नहीं है। यह बात अलग है कि दिखावे के लिए कुछ दुकानों पर जरुर उन ग्राहकों को बिल दिए गए जिन्होंने मांगे हैं, जबकि नियमानुसार सभी को बिल देना जरूरी है।  
    यह हैं शहर की शराब दुकानों के हाल
    पांच नंबर बस स्टॉप शिवाजी नगर की शराब दुकान पर बीते रोज किसी भी ग्राहक को बिल नहीं दिया गया। एक ग्राहक ने जब बिल के लिए जिद की तो पहले शराब दुकानदार ने आनाकानी की। बाद में उसने एक ग्राहक को बिल देने में पांच से सात मिनट का समय लगा दिया। उधर, डीबी मॉल के सामने स्थित अंग्रेजी शराब दुकान एमपी नगर जोन वन पर लोग शराब लेकर जाते रहे, लेकिन दुकानदार ने किसी को बिल नहीं दिया। यही नहीं इस दुकानदार का कहना है कि अभी एक्साइज विभाग से निर्देश नहीं आए हैं कि करना क्या है, जो बिल मांगेगा उसे दे दिया जाएगा।
    नहीं ले रहे बिल देने में रुचि
    शहर की सभी दुकानों का ठेका शिवहरे लिकर्स के पास है। ऐसे में आज सुबह से ही जब यह नियम लागू हुआ, तो दुकानदारों ने बिल देने में कोई रुचि नहीं ली। इस मामले में दुकानों के कर्मचारियों का कहना है कि अब तक स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं कि बिल किसे-किसे देना है। बिल में लगने वाले समय की वजह से कई दुकानों पर भीड़ की स्थिति बन गई, जिसकी वजह से भी दुकानदार बिल देने से बचते रहे।
    यह भी की जा रही अनदेखी  
    शहर में कई शराब दुकानों पर दबाव बनाने के बाद ही बिल दिए जा रहे हैं, लेकिन बिल देने के पहले दुकानदार ग्राहक की आईडी देखने के नियम का पालन तक नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से ग्राहक अपना नाम, पता सही बता रहा है या नहीं इस पर भी संदेह बना हुआ है। इसको लेकर भी आबकारी विभाग को स्पष्ट आदेश जारी करना चाहिए।

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