भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश अब देश का ऐसा राज्य बन चुका है जिसमें कोरोना वैक्सीन को लेकर नए -नए रिकार्ड बन रहे हैं। इनमें से कई रिकार्ड तो ऐसे हैं, जिन्हें मप्र ही खुद कई बार तोड़ कर नया रिकार्ड बना चुका है। इसकी वजह से ही मप्र लगातार देश के दूसरे प्रदेशों पर भारी पड़ रहा है। सरकार के प्रयास, सरकारी अमले की मेहनत और आमजन में जागरुकता की वजह से ही मप्र में वैक्सीनेशन का काम बहुत तेजी से चल रहा है। अब मप्र ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह रिकॉर्ड है हर हफ्ते के बुधवार को लगने वाले वैक्सीनेशन का । बीते चार हफ्तों से प्रदेश में हर बुधवार को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ है। एक महीने के कुल चार बुधवारों में मप्र ने 66 लाख से अधिक वैक्सीन के डोज लगाए हैं। यही वजह है कि मप्र में वैक्सीन के करीब पौने नौ करोड़ डोज लग चुके हैं। इनमें खास बात यह है कि करीब 70 फीसद आबादी को पहला तो 50 फीसदी से अधिक आबादी को दूसरा डोज लगाया जा चुका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते एक माह में कुल चार बुधवारों के दिन मप्र में लगाए गए 66 लाख से अधिक वैक्सीन के डोज में पहले पहले बुधवार को 14 लाख 29 हजार, दूसरे बुधवार को 16 लाख 50 हजार, तीसरे बुधवार को 19 लाख और चौथे बुधवार को 16 लाख 24 हजार डोज लगाए गए हैं। इसमें अगर बीते बुधवार एक दिसंबर की बात करें तो प्रदेश में 12 हजार 160 टीकाकरण केन्द्रों पर सुबह से ही कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया था। इन केन्द्रों पर बीते रोज देर शाम तक लोगों का टीकाकरण के लिए आना जाना लगा ही रहा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब तक 8 करोड़ 81 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें से 5 करोड़ 12 लाख को वैक्सीन की पहली डोज और 3 करोड़ 68 से अधिक व्यक्तियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। वैक्सीन को लेकर लोगों द्वारा दिखाए जाने वाले उत्साह की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों और टीकाकरण महाअभियान में सहभागी बने लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। खास बात यह है कि इस दौरान कई टीमों द्वारा जो जहां मिला वहीं टीका लगाने तक का काम किया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा अलग से व्यवस्था की गई है। इसके तहत मोबाइल यूनिट्स को तैनात किया गया है। इन यूनिटों ने खेत, निर्माण कार्य स्थल और जंगल में जो जहां मिला, वहीं टीका लगाने का काम कर दिया। इसके अतिरिक्त सड़कों पर निकलने वाले लोगों को भी टीका लगाने का काम किया है। इसी तरह का टीकाकरण आगे भी जारी रहने वाला है।
ओमीक्रॉन का दिख रहा खौफ
बीते दिन वैक्सीनेशन के समय लोगों में नए कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रॉन का खौफ राजधानी में भी दिखता नजर आया। इसकी वजह से ही बीते रोज बुधवार को वैक्सीनेशन अभियान के तहत सेकंड डोज लगवाने के लिए सर्वाधिक संख्या मे लोग वैक्सीनेशन सेंटरों पर पहुंचे। इसके अलावा जो बिना वैक्सीन के मिला, उसे वहीं टीका लगाया गया। इस दौरान अकेले भोपाल शहर में ही एक दिन में 54 हजार से अधिक लोगों को टीके लगाए गए। इसमें से 90 प्रतिशत को सेकेंड डोज लगाया गया। हालात यह रहे कि बैरसिया में खेत-खलिहानों, क्रेशर पर जाकर टीमों ने वैक्सीन लगाई। राजधानी में अब तक 80 फीसदी लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। हालांकि, तीन लाख को अब भी वैक्सीन लगना बाकी है। ऐसे में प्रशासन वैक्सीनेशन के महाअभियान में दूसरे डोज पर फोकस कर रहा है। इसके तहत बुधवार को 504 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया। शाम सात बजे तक 54,437 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी थी। इसमें 50 हजार से अधिक व्यक्तियों को दूसरा डोज लगाया गया।
एक दिन में सर्वाधिक 22 लाख वैक्सीन का रिकार्ड भी
मप्र इसके पहले वैक्सीनेशन के पहले चरण के अभियान में इसी साल 21 जून को प्रदेश में 17 लाख 44 हजार 657 लोगों को वैक्सीन लगाने का रिकार्ड अपने नाम कर चुका था , लेकिन इसके बाद मप्र ने एक ही दिन में 22 लाख से ज्यादा वैक्सीन लगाकर पुराना रिकार्ड तोड़ते हुए नया रिकार्ड बनाया था। खास बात यह है कि रिकार्ड बनने के दिन के लिए सरकार द्वारा 20 लाख वैक्सीन का ही लक्ष्य तय किया गया था। दरअसल, मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण का अभियान शुरू करते हुए प्रदेश में 25 और 26 अगस्त को लोगों को कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का अभियान चलाया गया था। इन दोनों ही दिनों में पहले डोज की भी सुविधा दी गई थी। पहले दिन प्रदेश में करीब 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य को हासिल करने के लिए आॅनलाइन और आॅनसाइट दोनों तरह से टीका लगवाने की सुविधा दी गई थी। इसकी वजह से पहले ही दिन 22 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी।