आईए समझते हैं मप्र भाजपा का समीकरण

तीन पर्यवेक्षक कल विधायकों से करेंगे वन टू वन चर्चा

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद पांच दिन से मप्र के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भोपाल से दिल्ली तक चल रही राजनीतिक सुगबुगाहट और अटकलों को विराम देते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के नाम पर रायशुमारी के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। इनमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा शामिल हैं। तीनों पर्यवेक्षक 10 दिसंबर को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में भाजपा के 163 नवनिर्वाचित विधायकों से वन टू वन चर्चा कर मप्र के नए मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार दिन की लंबी मैराथन बैठकों के बाद मप्र के नए मुख्यमंत्री को लेकर नाम तो तय कर लिया है, लेकिन उसके पहले वह मुख्यमंत्री के लिए तय किए गए नाम पर पार्टी के भीतर सहमति और स्वीकृति बनाना चाहती है। मप्र के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भाजपा ने 10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भेजे गए तीनों पर्यवेक्षक नव निर्वाचित विधायकों से रायशुमारी के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी घोषणा करेंगे।
दो डिप्टी सीएम का फार्मूला
भाजपा सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री के चयन के साथ भाजपा नेतृत्व उप्र की तर्ज पर मप्र में दो उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) के फार्मूले को भी ला सकती है। यदि पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री बनता है, तो ब्राह्मण-ठाकुर और दलित वर्ग से दो डिप्टी मप्र में बनाए जा सकते हैं।
11 को लगेगा अटकलों पर विराम
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा हाईकमान किसी ओबीसी चेहरे को मप्र का मुख्यमंत्री बना सकता है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान को फिर मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। वे ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं। मुख्यमंत्री बदलने की स्थिति में प्रहलाद पटेल को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। शिवराज के बाद प्रहलाद ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं। इसके अलावा प्रहलाद मोदी और शाह की पसंद हैं। यदि ओबीसी से मुख्यमंत्री नहीं बनता है, तो ऐसे में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नामों की भी चर्चा है।
सीएम पद को लेकर कई समीकरणों पर मंथन
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर चल रही तमाम अटकलों के बीच विधायक दल की बैठक सोमवार को शाम सात बजे बुलाई गई है। प्रदेश में पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कई तरह के  समीकरण बन रहे हैं, जिनकी चर्चा है।
शिवराज का नाम भी चर्चा में
सूत्रों के अनुसार अब भी शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं। केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव को लेकर गंभीर है और वह मप्र में कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा। शिवराज मुख्यमंत्री बने रहे तो दो उप मुख्यमंत्री प्रहलाद पटेल और तुलसीराम सिलावट को बनाया जा सकता है। तुलसीराम एससी वर्ग से हैं।
प्रहलाद बने सीएम तो कैलाश अध्यक्ष संभावित
एक अन्य फार्मूले में प्रहलाद पटेल को मुख्यमंत्री बनाकर कैलाश विजयवर्गीय को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। ऐसी स्थिति में दो उप मुख्यमंत्री विष्णु दत्त शर्मा और ओमप्रकाश धुर्वे बनाए जा सकते हैं। तब नरेंद्र सिंह तोमर को पुन: लोकसभा चुनाव लड़ाकर केंद्र में ले जाया जा सकता है। एससी वर्ग के जगदीश देवड़ा को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। भाजपा ने यह बदलाव किया तो शिवराज सिंह ओबीसी वर्ग के अग्रणी नेता बनकर केंद्र में जा सकते हैं।
तोमर सीएम तो प्रहलाद अध्यक्ष
मुख्यमंत्री पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर की भी दावेदारी है। पार्टी यदि सवर्ण मुख्यमंत्री बनाती है तो ओबीसी, एससी- एसटी वर्ग के साथ संतुलन बनाने के लिए उप मुख्यमंत्री का फार्मूला निकाला जा सकता है। ऐसे में प्रहलाद पटेल को प्रदेश अध्यक्ष और विष्णु दत्त शर्मा व निर्मला भूरिया को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। कैलाश विजयवर्गीय को लोकसभा चुनाव लड़ाकर केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।
राकेश या विष्णु दत्त मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री
एक अन्य फार्मूले में गुजरात की तर्ज पर सारी कैबिनेट नए चेहरों के साथ बनाए जाने की भी चर्चा है। ऐसे में राकेश सिंह या विष्णु दत्त शर्मा को मुख्यमंत्री, निर्मला भूरिया और ग्वालियर चंबल से एससी वर्ग के किसी विधायक को उपमुख्यमंत्री बनाकर जातीय और भौगोलिक संतुलन बनाया जा सकता है। राकेश सिंह पहले प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं इसलिए इन्हें भी डार्क हार्स यानी अनपेक्षित लेकिन मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
सिंधिया मुख्यमंत्री तो धुर्वे और देवड़ा उप मुख्यमंत्री
एक अन्य फार्मूले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा है। ऐसे में ओमप्रकाश धुर्वे या निर्मला भूरिया और जगदीश देवड़ा या किसी एससी वर्ग के नए चेहरे को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

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