- सरकार को घेरने के लिए एकजुट नहीं हो पाई कांग्रेस

विनोद उपाध्याय
खेमेबाजी के लिए बदनाम कांग्रेस को पटरी पर लाने के लिए आलाकमान ने युवा नेतृत्व को मप्र की कमान सौंपी है, लेकिन गुटबाजी पर कोई असर नहीं दिख रहा है। आलाकमान ने जिस उद्देश्य और विश्वास के साथ जीतू पटवारी को मप्र कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष, उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया है उस पर वे खरे नहीं उतर पाए हैं। इसका नजारा परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां मिली काली कमाई और पूर्व परिवहन मंत्रियों की घेराबंदी में दिखा। इस एक मुद्दे पर कांग्रेस संगठन के तीनों नेता संगठित घेराबंदी की जगह अलग-अलग राग अलाप रहे हैं। गौरतलब है कि कर्ज, क्राइम और करप्शन के खिलाफ सरकार को घेरने के लिए जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और हेमंत कटारे दम तो पूरा लगा रहे हैं, लेकिन ये कभी एक नजर नहीं आए। कभी संगठित तरीके से इन्होंने सरकार पर हमला नहीं किया है। आलम यह है कि एक ही मुद्दे पर तीनों नेताओं की राहें अलग-अलग हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि सरकार पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी कांग्रेस विधायकों में एकजुटता नजर नहीं आई। कांग्रेस नेताओं का पूरा फोकस सौरभ शर्मा और परिवहन विभाग पर रहा। उमंग सिंघार जहां मंत्री गोविंद राजपूत, उनके परिजन एवं उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों को घेरने में लगे रहे वहीं उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के टारगेट पर पूर्व परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह रहे।
मुद्दा एक टारगेट अलग-अलग
कांग्रेस संगठन के तीन जिम्मेदार नेताओं जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और हेमंत कटारे की सरकार को घेरने की रणनीति पर गौर करें तो हम पाते हैं कि तीनों एक ही मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन तीनों का टारगेट अलग हैं। पटवारी जहां परिवहन विभाग में अवैध वसूली का मुद्दा उठाते रहे, वहीं सिंघार के निशाने पर मंत्री गोविंद राजपूत और कटारे के निशाने पर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह हैं। सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापों के बाद चर्चाओं में चल रहे परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार को नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया के माध्यम से भी उठाया है और सदन में भी उन्होंने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। खास बात यह रही कि इस मुद्दे पर उनके निशाने पर सिर्फ मंत्री गोविंद राजपूत, उनके परिजन एवं उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों शामिल हैं। विधानसभा की अब तक 8 बैठकों में से चार दिन यह मुद्दा उन्होंने सदन में उठाया। लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ व आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर वे मामले में गोविंद राजपूत एवं उनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि मंत्री राजपूत की ओर से भी उमंग सिंघार की कमजोरियों को खोजकर उन्हें न्यायालयीन प्रकरणों में उलझाने की तैयारी कर ली है। उमंग की दूसरी पत्नी प्रतिमा मुद्मल ने ही 42 पन्नों की याचिका के माध्यम से उमंग सिंघार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि इसके पीछे मंत्री राजपूत की टीम का सहयोग है।
करीब छह महीने पहले परिवहन विभाग में अवैध वसूली का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अब इस मुद्दे पर मौन हैं। हालांकि ध्यानाकर्षण के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अभी भी चोकपोस्टों पर अवैध वसूली किए जाने का मामला उठाया था। पार्टी की ओर से इस मुद्दे पर कोई भी पदाधिकारी सरकार के खिलाफ नहीं बोल रहा है। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की परिवहन विभाग में नियुक्ति मामले में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के टारगेट पर पूर्व परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह हैं। कटारे का आरोप है कि परिवहन में अवैध वसूली से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले सौरभ शर्मा की परिवहन में नियुक्ति तत्कालीन परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह की नोट सीट के आधार पर हुई है। हालांकि भूपेन्द्र सिंह सौरभ की नियुक्ति के नियमानुसार होने की बात कहते हुए सफाई दे चुके हैं कि नियुक्ति की नोट सीट में उन्होंने सिर्फ नियमानुसार कार्रवाई की बात लिखी। अनुशंसा या आदेश उन्होंने नहीं दिया। कटारे ने विधानसभा के माध्यम से भी सौरभ की नियुक्ति का मामला उठाया। उन्होंने विधानसभा में प्रश्न लगाकर सौरभ की नियुक्ति और पदस्थावनाओं सहित अन्य जानकारी निकाली है। वहीं ध्यानाकर्षण के माध्यम से परिवहन विभाग में चेकपोस्टों पर अवैध वसूली पर चर्चा हो चुकी है।
मुख्य मुद्दों को भूल गए कांग्रेसी
अगर कांग्रेस के अभी तक के आंदोलन और विरोध प्रदर्शन पर गौर करें तो जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और हेमंत कटारे व्यक्तिगत हमले में व्यस्त रहे। इस कारण सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलनों के लिए किसान, बेरोजगार, व्यापमं और नर्सिंग जैसे मुद्दे कांग्रेस के लिए छोटे नजर आ रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस का सबसे बड़ा मुद्दा सौरभ शर्मा और उससे जुड़ा परिवहन विभाग का भ्रष्टाचार है। सौरभ शर्मा मामले को लगातार उठा रही कांग्रेस भी इस मुद्दे पर तीन हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर एक जुलाई 2024 से परिवहन विभाग के सभी चेकपोस्ट बंद कर उनके स्थान पर चेकपॉइंट व्यवस्था लागू की गई है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद भी परिवहन विभाग में अवैध वसूली का मुद्दा करीब 6 महीने पहले सबसे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उठाया था। पत्रकार वार्ता आयोजित कर उन्होंने कुछ नाम भी सार्वजनिक किए थे और उन पर अवैध वसूली कराने के आरोप लगाए थे। हालांकि करीब एक माह तक लगातार उठाने के बाद से पटवारी अब इस मुद्दे पर मौन हैं। अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे दोनों इस मुद्दे को उठा रहे हैं।