-पहले भी कई बार दे चुके हैं विवादास्पद बयान
भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक बार फिर पार्टी के सामने असहज स्थिति पैदा कर दी है। इसकी वजह है उनका वह ट्वीट जिसमें उनके द्वारा भाजपा के 200 पार के नारे पर मुहर लगाई है। सिंह ऐसे राजनेता हैं, जो बगैर लाग लपेट के अपनी बात रखते हैं। वे स्पष्टवादी हैं, जिसकी वजह से नफा नुकसान का आंकलन किए बगैर अपना मत प्रकट कर देते हैं।
इसी वजह से वे सुर्खियों में आते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए ट्वीट में कांग्रेस नेतृत्व से ज्यादातर विधायकों की कमजोर स्थिति पर जवाब की अपेक्षा की है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में होने तथा भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी 17 पूर्व मंत्री और 37 विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में कमजोर स्थिति में है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में 17 पूर्व मंत्री और 37 विधायकों की स्थिति अच्छी नहीं है।
इसके बारे में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जवाब दे सकता है। लक्ष्मण सिंह के इस बयान के बाद विपक्ष को मौका मिल गया और नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि लक्ष्मण सिंह ने सही स्थिति का खुलासा कर दिया है और भाजपा के 200 पार के नारे पर मोहर लगा दी है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस ऐसे किसी भी सर्वे से इनकार कर रही है। कांग्रेस विधायक का ट्वीट दिनभर सुर्खियों में रहा। ट्वीट में कहा गया है कि यह सही है कि चुनाव में अपनी स्थिति आंकलन के लिए पार्टी सर्वे कराती रहती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सर्वे करा रहे हैं, लेकिन अभी इससे इनकार कर रहे हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा कि उम्मीदवार तय करने के पहले पार्टी अपने स्तर पर आंकलन करती है। सर्वे भी होता है, लेकिन अभी पार्टी ने ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया है।
चंदा मांग रहे बालंटियर को बताया था चोट्टे
लक्ष्मण सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए शुरू किए गए धन संग्रह अभियान को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने एक पार्टी कार्यक्रम में सार्वजनिक रुप से कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को आप सब अच्छे से जानते हैं, मैं आपको क्या बताऊं अभी चंदा अभियान चल रहा है। लक्ष्मण सिंह ने इस दौरान बड़े भाई दिग्विजय सिंह द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दिए गए चंदे को लेकर कहा था कि राम जी के नाम पर बड़े साहब ने भी 1,11,111 रुपए का चंदा दे दिया। अब बड़े साहब तो सबको एडजस्ट करके चलने वाले हैं, लेकिन आपको और हमको एडजस्ट करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा था कि मेरे पास भी फोन आया था कि चंदा दीजिए। मैंने कहा मैं चंदा दूंगा, लेकिन तुम्हें नहीं दूंगा। मैं अयोध्या जब जाऊंगा दर्शन करने राम जी के चरणों में जो भी चंदा देना होगा देकर आऊंगा, लेकिन तुम चोट्टों के हाथ में एक कौड़ी नहीं देने वाला और आप भी मत देना इन चोट्टों को। तब उन्होंने कहा था कि ये आपसे चंदा लेंगे और अभी पंचायत, नगर पालिका चुनाव आ रहे हैं, आप के खिलाफ खर्च करेंगे। सावधान रहना कांग्रेस पार्टी के साथियों, उनके जाल में मत फंसना। अगर चंदा देना भी है तो अयोध्या जाकर देंगे, चंदा भगवान राम के चरणों में अर्पण करेंगे। लेकिन इन चोट्टों को चंदा नहीं देना है।
यह भी कह चुके हैं
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा पूर्व में कहा था कि अगर प्रियंका गांधी चाहती हैं तो पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ें, लड़ने का सबको अधिकार है। 9000 वोट हैं, जिसको ज्यादा मिलेंगे वह जीत जाएगा। जिसे लड़ना होगा लड़ेगा वो जीतेगा और हम उसके नेतृत्व में काम करेंगे। लेकिन लक्ष्मण सिंह ने इस बात पर एतराज जताया कि जब राहुल गांधी खुद कह रहे हैं कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना है तो फिर उन्हें जबरदस्ती क्यों अध्यक्ष बनाया जा रहा है।
बता चुके हैं श्रीमंत समर्थक मंत्रियों को जूते उठाने वाला
अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने इसके पहले भी कई बार विवादास्पद बयान दिए हैं। उन्होंने बीते साल गुना में जयवर्धन सिंह द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर निकाली गई पदयात्रा के समापन अवसर पर विवादित बयान दिया था , जो उस समय मीडिया की सुर्खियां बन गया था। तब उनके द्वारा इशारों-इशारों में ही श्रीमंत समर्थक मंत्रियों और श्रीमंत को निशाने पर लेते हुए श्रीमंत समर्थक मंत्रियों को जूते उठाने वाला बता दिया था। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा था कि इन चमचों से और इन जूते उठाने वाले मंत्रियों से कुछ नहीं होने वाला है। जितने वोट से ये बेईमानी से जीते हैं, उतने ही वोटों से हारने वाले हैं। हारने के बाद एक भी मंत्री नहीं बन पाएगा।
कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा बहाल करना संभव नहीं
कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा बहाल करने का वादा करने वाले कांग्रेस नेताओं से इतर हटकर लक्ष्मण सिंह ने उस समय बयान दिया था कि ऐसा करना संभव नहीं है। यह बयान ऐसे समय आया था जब उनके भाई और पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर विवादित बयान दिया था। उस समय लक्ष्मण सिंह ने साफ-साफ कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा बहाल करना संभव नहीं है। उन्होंने तब कहा था कि 100 फीसदी सच है कि अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वाले फारूक अब्दुल्ला एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वहीं, भाजपा भी महबूबा मुफ्ती का समर्थन कर चुकी है। इसके बावजूद कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा बहाल होने संभव नहीं है। गौरतलब है कि लक्ष्मण सिंह पहले भी कई बार अपनी ही पार्टी कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं।