दो साल से बिना छात्रवृत्ति पढ़ने को मजबूर लाखों छात्र

  • बैंक खातों में गलतियां पड़ रही भारी…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विद्यार्थियों के बैंक खाते त्रुटिपूर्ण होने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं कर पा रहा है। बैंक खाते त्रुटिपूर्ण होने से बार-बार ट्रांजेक्शन फेल हो गए।  इस कारण पिछले दो साल से 8 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है। ऐसे में वे बिना छात्रवृत्ति पढऩे को मजबूर हो रहे हैं। अब सभी विद्यार्थियों के खाते अपडेट किए जाएंगे।  इस संबंध में डीपीआई के संचालक ने संभागीय संयुक्त संचालकों के साथ डीईओ को आदेश जारी कर कहा है कि बार-बार निर्देश देने के बाद भी भुगतान असफल होना खेदजनक है। अब 2023-24 की असफल भुगतान की छात्रवृत्ति की राशि फिर से विद्यार्थियों के संशोधित बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इस वजह से संबंधित विद्यार्थियों के बैंक खाते अपडेट करने के लिए कहा गया है। अगर तय समय सीमा में खाते अपडेट नहीं किए जाते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित संभाग या जिला शिक्षा अधिकारी की होगी।
गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों का नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो गया है, लेकिन पिछले दो सत्रों की छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। दो सत्रों के करीब आठ लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। इसमें सत्र 2022-23 के 3.36 लाख और सत्र 2023-24 के 4.64 लाख विद्यार्थी शामिल हैं। कारण बताया जा रहा है कि विद्यार्थियों का प्रोफाइल अपडेट नहीं होने से खाते त्रुटिपूर्ण हैं। बता दें कि हर साल करीब 12 लाख एससी-एसटी सहित विभिन्न वर्ग के विद्यार्थियों को करीब 400 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसमें 20 प्रकार की छात्रवृत्ति होती है।
प्रोफाइल की जा रही अपडेट…
इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस बार फेल ट्रांजेक्शन की स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए। इसका सीधा असर विद्यार्थियों पर पड़ता है। अब सभी विद्यार्थियों के खाते अपडेट किए जाएंगे। अब तक स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट किया जाता था। अब शासन की ओर से एमपीटास के माध्यम से डाटा अपडेट किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी है कि प्रोफाइल अपडेट नहीं हो पा रही और विद्यार्थियों की संख्या स्वीकृत नहीं हो पा रही। इसमें सभी विद्यार्थियों के खातों को आधार से लिंक करना है। इसमें आधार, समग्र आइडी और जाति प्रमाण पत्र में जन्मतिथि मिलाकर प्रोफाइल अपडेट करना है। अब तक पोर्टल पर विद्यार्थियों का डाटा अपडेट नहीं हो पाया, इस कारण भुगतान नहीं हो पाया है। इसकी सूची भी संबंधित स्कूलों को भेज दी गई है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी भी शामिल हैं।

Related Articles