भाजपा और कांग्रेस के हाथ से निकल सकता है ओबीसी वोट बैंक
भोपाल/हरीश फतेहचदांनी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है। लेकिन वर्तमान समय में दोनों पार्टियों का पूरा फोकस आदिवासी वोट बैंक पर है। 22 फीसदी आदिवासियों को साधने की होड़ में दोनों पार्टियां सबसे बड़े वोट बैंक ओबीसी को भूल गई हैं। प्रदेश में ओबीसी की आबादी 52 फीसदी है। ऐसे में जिस तरह दोनों पार्टियां जनजातियों पर मेहरबान दिख रही है उससे ओबीसी वर्ग उनके हाथ से छिटक सकता है। गौरतलब है कि मिशन 2023 का घमासान दिन पर दिन तेज होता जा रहा है। प्रदेश में इस समय भाजपा और कांग्रेस में जनजातीय समुदाय को साधने की होड़ लगी है। इसके फेर में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पिछड़ा संगठन सक्रिय हो गए हैं। ये संगठन अपनी मांगों को लेकर आयोजन कर रहे हैं। संगठन को एक करने के लिए भाजपा से निष्कासित प्रीतम सिंह लोधी अब तक दो दर्जन से अधिक कार्यक्रम कर चुके हैं। अब पूर्व विधायक आरडी प्रजापति ने भाजपा में होते हुए भी सरकार के खिलाफ हमला बोलकर ओबीसी को एक मंच पर लाने की वकालत की है। इससे प्रदेश का सबसे बड़ा वोट बैंक ओबीसी वर्ग भाजपा और कांग्रेस को दगा दे सकता है।
एक साल से पूरा फोकस जनजातीय वर्ग पर
पिछले एक साल से भाजपा ने पूरा फोकस जनजातीय वर्ग को लेकर कर रखा है। 15 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भोपाल में गौरव दिवस मनाकर बड़ी शुरूआत हुई थी। इसके बाद टंट्या मामा के नाम पर कार्यक्रम कराए गए। हबीबगंज रेलवे स्टेशन सहित शहरों, चौराहों, सड़कों और अन्य संस्थाओं के नाम भी आदिवासी प्रमुखों के नाम पर किए गए। इस साल भी 15 नवम्बर से पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा की गई। कार्यक्रम में राष्ट्रपति शामिल हुईं थीं। यही नहीं सरकार ने पेसा एक्ट जागरुकता सम्मेलन भी प्रारंभ कर दिए हैं। एक्ट को लेकर भोपाल में आदिवासी बहुल वाले कलेक्टरों की वर्कशाप हो चुकी है। कलेक्टरों को कड़े निर्देश हैं कि जनजातीय समुदाय को योजनाओं से जोड़ा जाए। इधर, कांग्रेस भी जनजातीय समुदाय को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। भारत जोड़ो यात्रा को मोहरा बनाकर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। राहुल गांधी की यात्रा आदिवासी बहुल क्षेत्रों से होकर गुजर रही है।
लोधी ओबीसी को एकजुट कर रहे
बुंदेलखंड में पूर्व भाजपा नेता प्रीतम सिंह लोधी ने मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में भी कई कार्यक्रम करके ओबीसी को संगठित करने का प्रयास किया है। लोधी ने भूख हड़ताल भी थी। वे लगातार सरकार के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। बुंदेलखंड में वर्तमान में ओबीसी के 9 विधायक हैं, इनमें सात भाजपा के हैं। बुंदेलखंड में पिछड़ा वर्ग महासभा द्वारा भी सभाएं और समाजिक कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। महासभा ने वीडी शर्मा को आड़े हाथों लिया था। ओबीसी वर्ग के लिए बताने को है कि सरकार में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व घटा है। मंत्रिमंडल में 25 प्रतिशत स्थान मिला है जबकि इसके पहले भाजपा सरकार में ही 28 प्रतिशत मंत्री ओबीसी थे।
किस क्षेत्र में कितने ओबीसी विधायक
चंबल-ग्वालियर 06
बुंदेलखंड 09
विंध्य क्षेत्र 05
महाकोशल 08