- आबकारी विभाग का कारनामा…
- बेफिक्र होकर रात तीन बजे तक खुले रहते हैं, आए दिन होते हैं विवाद
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी होने के बाद भी भोपाल शहर में सभी अपनी मर्जी के मालिक बने हुए हैं, फिर शराब कारोबारी हों या सरकारी अमला। नियमों को ताक पर रखकर जिसकी जो मर्जी है, वैसा कर रहे हैं। ऐसा ही मामला है बीयर बारों और शराब दुकानों का। शहर में आप कभी भी शराब खरीद सकते हैं। बाहर से दुकान भले ही बंद हो लेकिन, खिडक़ी से शराब उपलब्ध हो जाती है। यही हाल बीयर बारों का है। नियमानुसार तो वह 12 बजे बंद हो रहे हैं , लेकिन रात तीन बजे भी आप खुलकर शराब पी सकते हैं और नशे की हालत में तेज आवाज में बजने वाले डीजे पर डांस भी कर सकते हैं। इनके मामलों में न तो पुलिस कोई कार्रवाई करेगी और न ही आबकारी अमला। यही वजह है कि देर रात कई जगहों पर आए दिन हंगामे के साथ विवाद की स्थिति बनती रहती है। दरअसल, रसूखदारों के बार होने के चलते आबकारी अमला इनकी तरफ देखना भी नहीं चाहता है। जबकि शहर के पॉश इलाकों में रात 3 बजे तक बीयर बारों में जाम छलकाने के वीडियो तक सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। ऐसा ही कुछ सोमवार देर रात आबकारी अमले की कार्रवाई में भी दिखाई दिया। दरअसल, पिछले दिनों बंसल वन में संचालित बीयर बारों का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आबकारी को जांच के निर्देश दिए थे। अमले को देर रात तक खुले रहने वाले बीयर बारों पर कार्रवाई करनी थी, लेकिन अमला समय से पहले ही पहुंच गया। इससे सतर्क बार संचालकों ने नियत समय पर ही बारों पर ताला जड़ दिया। इसके बाद आबकारी अफसरों का कहना है कि जांच में सब सही मिला है। इससे विभागीय अमले की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अहम बात यह है कि ऐसे मामलों में पुलिस विभाग भी मौन सााधे रहता है।
यह है मामला
बीयर बार और पब को रात 12 बजे तक बंद करने के निर्देश हैं। लेकिन इसका पालन राजधानी में नहीं होता है। भोपाल के पॉश इलाके बसंल वन, दस नंबर, एमपी नगर और केरवा रोड में रात के दो से तीन बजे तक बार और पब खुले रहते हैं। जब भी इसकी शिकायत होती है, तो कुछ समय के लिए इस पर अंकुश लगता है। इसके बाद फिर वही ढर्रा चालू हो जाता है। पिछले दिनों बंसल वन में संचालित बीयर बारों में देर रात तक लगने वाले जमावड़े को लेकर कलेक्टर के पास शिकायत पहुंची थी। इसके बाद कलेक्टर ने सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचूरा को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद रायचूरा ने बीयर बारों की जांच के लिए टीम गठित की थी। इनको देर रात बारों में दबिश देनी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आबकारी अमला रात 12 बजे के पहले ही मौके पर पहुंच गया। अमले को देखते ही बार संचालकों ने नियत समय पर ताला लगा दिया। अमले ने भी बार संचालकों को क्लीन चिट दे दी। बड़ा सवाल यह है कि देर रात तक खुलने की शिकायत थी, तो अमला पहले जांच करने क्यों पहुंचा। क्या बार संचालकों को बचाने के लिए यह किया गया।