कमलनाथ किसके साथ… आज साफ होगी तस्वीर

  • गौरव चौहान
कमलनाथ

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस संगठन में हुए बदलाव के बाद से पार्टी कई गुटों में बंट गई है। सबसे उपेक्षित और कमजोर गुट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से जिस तरह कमलनाथ की विदाई हुई है उससे वे नाराज चल रहे हैं। उनकी इस नाराजगी के बाद कयासों का दौर चल रहा है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि नई दिल्ली में आज से शुरू हुए भाजपा के अधिवेशन में कमलनाथ हाथ का साथ छोड़ कमल थाम सकते हैं। यानी कमलनाथ किसके साथ हैं, यह तस्वीर आज साफ हो सकती है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस में गुटबाजी थम नहीं रही है। सबसे ताकतवर माने जाने वाले कमलनाथ पार्टी में अकेले पड़ गए हैं। सूत्रों का कहना है कि  राज्यसभा चुनाव में राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच की खटास और बढ़ गई। हालांकि, अशोक सिंह को राज्यसभा भेजने के पीछे भी कमलनाथ की रणनीति ही सफल रही। जहां ओबीसी राजनीति के नाम पर कमलनाथ, राहुल गांधी की पसंद की प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन को रोकने में सफल रहे, वहीं अशोक सिंह का नाम बढ़ाकर अरुण यादव और जीतू पटवारी को भी रोक लिया। ये दोनों ही ओबीसी हैं। राहुल गांधी की नाराजगी के बाद हाल ही में कमलनाथ को हटाकर पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।
छिंदवाड़ा में रणनीति पर चर्चा
सूत्रों का कहना है कि छिंदवाड़ा स्थित अपने निवास पर कमलनाथ ने बीती रात अपनी कोठरी के लोगों से बात की और इस बात के संकेत दिए कि आज वे कुछ निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए सभी लोग तैयार रहे। अब देखने वाली बात यह होगी कि कमलनाथ के साथ उनके पुत्र के अलावा क्या कांग्रेस के कुछ विधायक भी शामिल होंगे। चर्चा है कि कांग्रेस के दर्जनभर विधायक भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। मप्र में विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद से कमलनाथ हाशिये पर चले गए हैं। चुनाव के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ को पीसीसी चीफ के पद से हटा दिया था। इसके बाद से ही मध्यप्रदेश की सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगना शुरू हो गए थे। वहीं अब सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि कमलनाथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि अब तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऐसी किसी भी संभावना से इनकार करते रहे हैं। वहीं पूर्व में कमलनाथ भी भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर चुके हैं। गौरतलब है कि करीब एक महीने से कमलनाथ की भाजपा में जाने की अटकलें चल रही हैं। इन अटकलों को पहली बार तब बल मिला, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनसे बंगले पर जाकर मुलाकात की। बजट सत्र के दौरान विधानसभा में भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव और कमलनाथ के बीच मुलाकात हुई । कुछ दिन पहले पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के संबंध में बयान दिया था।
इसके तत्काल बाद नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बयान दिया था कि पार्टी को कमलनाथ की जरूरत नहीं है। हालाकि बीते रोज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कमलनाथ का भाजपा में स्वागत है। उनके बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ कांग्रेस छोडक़र  भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कमलनाथ बेटे के लिए छिंदवाड़ा से सांसद का टिकट चाहते हैं और भाजपा में शामिल होने से पहले वे वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ और मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कमलनाथ अलग-थलग पड़े
बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हुई ऐतिहासिक पराजय के बाद जिस तरह से पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाया था। उससे कमलनाथ काफी आहत हुए थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हटाने से पूर्व कमलनाथ से बात तक नहीं की। जिस समय नाथ को हटाया गया था, उस समय वे विदेश में थे। कांग्रेस में भी इन दिनों कमलनाथ अलग-थलग पड़ गए हैं। जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो रहा था, तब नाथ का नाम भी अध्यक्ष की दौड़ में आगे बढ़ाया गया था, उनकी और सोनिया गांधी की दो दौर की मुलाकात भी हुई थी। तब नाथ ने यह सोचकर अपने कदम पीछे खींच लिए थे कि वे, मप्र में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बना लेंगे तो पार्टी में ज्यादा ताकतवर होकर उभरेंगे लेकिन, परिणाम कुछ और हुआ, कांग्रेस जीती बाजी हार गई। नाथ के नजदीकी सूत्र तो यह भी कहते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे नेता दिल्ली में रहकर उनके खिलाफ विष उगलते रहे हैं और सुनियोजित ब्रीफिंग भी करते रहे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान कई विषयों को लेकर सुरजेवाला और कमल नाथ के बीच असहमति रही। इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत भी हुई थी और कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से दिल्ली बुलाकर बात की गई थी।
बेटे के साथ भाजपा में शामिल होने की अटकलें
सूत्रों का दावा है कि कमलनाथ अपने बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के साथ दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस पार्टी में कलह खुलकर सामने आने लगी है। एक ओर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं, वहीं पार्टी के कई बड़े नेता एक-एक कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में अगला नाम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ का हो सकता है। कमलनाथ ने शनिवार के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। वे आज छिंदवाड़ा जिले के दमुआ से भोपाल आकर दिल्ली रवाना भी हो चुके  हैं। पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दिल्ली पहुंच चुके हैं और शनिवार से ही दिल्ली में भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हुआ है, ऐसे में कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों को और बल मिला है।

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