लोकसभा चुनाव तक बने रहेंगे कमलनाथ पीसीसी चीफ

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में चुनाव के नतीजों के बाद एआईसीसी में पहली बैठक हुई है। हार की वजह के लिए चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, पीसीसी चीफ कमलनाथ और आर्जवर भंवर जीतेंद्र सिंह को पहले तलब किया। नेताओं ने कहा कि अभी प्रदेश भर के सभी प्रत्याशियों से कारण मांगे गए हैं। आखिर कांग्रेस 66 सीटों पर ही क्यों सिमट गई। दिल्ली में हुई बैठक के बाद स्पष्ट है कि कमलनाथ पीसीसी चीफ बने रहेंगे। उन्होंने आला कमान को लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी रिपोर्ट सौंप दी है। जानकारी है कि नेता प्रतिपक्ष पर भी चर्चा हुई है। इस पर कांग्रेस नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। हालांकि विधानसभा मामलों के जानकार को ही प्राथमिकता दी जाएगी। कमलनाथ ने बैठक में ही खुद को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा की तैयारी और जिलों में दौरे के लिए व्यस्त रहेंगे। साथ ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह से भी हार की वजह पूछी गई। उन्होंने कहा कि जनता के बीच रहने के बाद भी उनके क्षेत्र में मतदाता वोट नहीं कर पाए। इस पर खरगे ने कहा कि चुनाव आयोग में शिकायत करनी चाहिए। कई नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है। कांग्रेस की शिकायतों पर एक्शन नहीं लिया गया। हालांकि कमलनाथ के अलावा अन्य नेताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही। आलाकमान ने कहा है कि इस संबंध में तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट दी जाए। कहीं भी किसी सीट पर गड़बड़ी मिलती है तो चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी कांग्रेस की लीगल एक्सपर्ट जाएंगे।
विधायकों से चर्चा के बाद होगा नेता प्रतिपक्ष का फैसला
मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खरगे की अध्यक्षता में बैठक हुई है। सभी नेताओं ने चर्चा की है। कमलनाथ और गोविंद सिंह के साथ ही दिग्विजय सिंह ने अपने-अपने अनुभव साझा किए है। हार के कारणों पर बड़े ही खुले मन से चर्चा हुई है। सुरजेवाला ने कहा कि हमसे कहां कमियां हुई, हुई, मध्य प्रदेश की जनता का मन जीतने पर। इस विषयों पर चर्चा हुई है। इसके अलावा आत्ममंथन और सभी बिंदुओं पर बात हुई है। राहुल गांधी को विधायक दल की बैठक को लेकर निर्देश देने के लिए कहा गया है। खरगे से आग्रह किया गया है कि संगठन को आगे बढ़ाने के लिए निर्देश दें।
विपक्ष में पहरेदार के तौर पर खड़े रहेंगे
सुरजेवाला ने कहा कि विपश्न में सजग पहरेदार के तौर पर सभी के लिए खड़े रहेंगे। भाजपा के वादों को लेकर विधानसभा में मुद्दा उठाया जाएगा। सभी मुद्दों को लागू कराने की जिम्मेदारी कांग्रेस को होगी। मध्य प्रदेश की जनता का सम्मान करते हैं। विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहेंगे। ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर सुरजेवाला ने कहा कि नतीजे निराशाजनक हैं। पार्टी फोरम पर हर विषयों पर चर्चा की गई है। अनुशासन को मानते हुए बैठक के बिदुओं पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए।

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