जयस बिगाड़ेगी चुनावी गणित

जयस
  • जाति का खेल… कांग्रेस का मैनेजमेंट फेल

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। इंडिया गठबंधन बनने के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी, कि मप्र में सपा, आप सहित अन्य पार्टियां कांग्रेस के साथ समन्वय बनाकर चुनाव लड़ेंगी। लेकिन जाति के खेल में छोटी पार्टियों को मैनेज करने में कांग्रेस का मैनेजमेंट पूरी तरह फेल हो गया है। इसी का परिणाम है कि अब जय आदिवासी शक्ति (जयस)ने भी चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। पार्टी 43 विधानसभाओं में अपने प्रत्याशी उतारेगी। इसके लिए विधानसभाओं का चयन भी कर लिया गया है। हालांकि अभी प्रत्याशियों का चयन होना बाकी है।
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी बहुल सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके पीछे वजह यह थी , कि जयस ने आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस का समर्थन किया था। लेकिन इस चुनाव में जयस के दो टुकड़े हो गए हैं। जयस के एक गुट का प्रतिनिधित्व लोकेश मुजाल्द कर रहे हैं। वहीं दूसरे गुट डॉ. हीरालाल अलावा। सूत्रों का कहना है कि डॉ. हीरालाल अलावा के नेतृत्व वाले गुट का कांग्रेस से समझौता होने की कवायद चल रही है। कांग्रेस और जयस के बीच जल्द ही इस मामले में बैठक होने वाली है। धार, झाबुआ, अलीराजपुर सहित मालवा के कई जिलों में जयस का प्रभाव रहा है। लेकिन इससे पहले की मुजाल्दा ने चुनाव लडऩे  की घोषणा कर कांग्रेस को पसोपेश में डाल दिया है। क्योंकि कांग्रेस को डर है कि जयस चुनाव लड़ती है , तो उसका चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है।
बनाई चुनाव कमेटी
जयस के प्रदेश अध्यक्ष मुजालदा ने बताया कि हमने ये निर्णय लिया है कि जयस आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव  2023 में अपने उम्मीदवार उतारेगी। सीटों का चयन कर लिया गया है। हमनें एक चुनाव कमेटी बनाई है। इसमें चुनाव कमेटी अध्यक्ष और 10 सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी आगे निर्णय लेगी। आगामी दिनों में उम्मीदवारों के नामों का एलान किया जाएगा। हमने लोगों से नाम और सुझाव बुलाए हैं। इन सीटों पर लडऩे का निर्णय कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, सरदारपुर, गंधवानी, बड़वानी, पानसेमल , राजपुर, सेंधवा, भगवानपुर, भिकनगांव बड़वाह, महेश्वर, मांधाता, पंधाना, नेपानगर ,बागली, खातेगांव, सैलाना, रतलाम ग्रामीण ,पेटलावद, थांदला, झाबुआ ,राघोगढ़ ,हरसूद ,बैतूल ,आमला, भैंसदेही घोड़ाडोंगरी, हरदा, टिमरनी, मुलताइर्, देवरी बंडा,बीना ,मलहरा, सुसनेर,  जयसिंहनगर अनूपपुर, पुष्पराजगढ़ निवास ,मंडला और डिंडोरी शामिल है।
किसी भी दल से समझौता नहीं
जयस के एक अलग गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले मुजाल्दा के अनुसार, सभी लोग एक झंडे पर ही चुनाव लड़ेंगे। हम कांग्रेस और भाजपा से कोई समझौता नहीं करेंगे। हमारा संगठन स्वतंत्र रूप से विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। चुनाव से पहले पार्टी शक्ति प्रदर्शन के लिए 21 अक्टूबर को बड़ा आयोजन करने की योजना बना रही है। पार्टी नेताओं के मानें तो इस जनसभा में एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। जयस ने 40 सीटों के पर सिंगल नाम तय कर लिए हैं , यानि इन सीटों पर पार्टी की तरफ सो कोई दूसरा कैंडिडेट दौड़ में शामिल नहीं है। जयस की रणनीति है कि प्रदेश की 80 सीटों पर उच्च शिक्षित युवाओं को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। महीने बाद मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जयस भी पूरी दमदारी से मैदान में उतरने जा रही है। जयस जल्द ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने जा रही है। बीते दिनों जयस चुनाव समिति की बैठक में 80 विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों से बायोडाटा की जानकारी मांगी थी। जयस संचालन समिति के संयोजक राजेन्द्र सिंह पंवार के अनुसार 20 अगस्त तक 5-5 लोगों की कमेटी बनाने के लिए कहा गया है। जयस ने इसके लिए जिला, विधानसभा, सेक्टर और बूथ लेवल पर 1500 लोगों की कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम के अनुसार जयस मध्य प्रदेश की 80 सीटों पर उच्च शिक्षित युवाओं को प्रत्याशी बनाने जा रही है। मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, पार्टी 80 सीटों पर सिर्फ आदिवासी कैंडिडेट ही नहीं उतारेगा। पार्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक आगामी चुनाव में ओबीसी और सामान्य वर्ग के नेताओं को भी टिकट दिया जायेगा।
जाति का खेल
यहां इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही ओबीसी वर्ग को साधने में जुटी हुई हैं। वहीं जयस जैसे छोटे संगठन कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगा सकता है। मध्य प्रदेश में 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा 84 विधानसभा सीटें ऐसी हैं , जहां आदिवासी वोटरों का अच्छा प्रभाव है। आदिवासी आबादी प्रदेश में 22 फीसदी है। ऐसे में सरकार बनवाने में इस वर्ग की खासी भूमिका नजर आती है। प्रदेश में आदिवासियों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों बराबर प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस को उम्मीद थी की जयस के साथ ही तीसरे मोर्चे का समर्थन इस बार भी उसे मिलेगा। लेकिन आम आदमी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बाद अब जय आदिवासी शक्ति ने भी अपने पत्ते खोलते हुए चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है। जयस 43 विधानसभाओं में अपने प्रत्याशी उतारेगी। इसके लिए विधानसभाओं का चयन भी कर लिया गया है। हालांकि अभी प्रत्याशियों का चयन होना बाकी है। इसके साथ ही सीटों की संख्या में इजाफा किया जा सकता है। इसके बीएसपी 178 और जीजीपी 52 सीटों पर मिलकर चुनाव लडऩे की घोषणा कर चुके हैं। आप भी 39 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार चुकी है। ऐसे में तीसरे मोर्चे की सक्रियता ने भाजपा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब ज्यादा नफा या नुकसान भाजपा और कांग्रेस में किसको होगा, यह तो चुनाव का परिणाम ही बताएगा। जयस के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश मुजालदा ने बताया कि हमने ये निर्णय लिया है कि जयस आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अपने उम्मीदवार उतारेगा। सीटों का चयन कर लिया गया है। हमनें एक चुनाव कमेटी बनाई है। इसमें चुनाव कमेटी अध्यक्ष और 10 सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी आगे निर्णय लेगी। आगामी दिनों में उम्मीदवारों के नामों का एलान किया जाएगा। हमने लोगों से नाम और सुझाव बुलाए हैं।

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