जबलपुर का मिष्ठान क्लस्टर प्रोजेक्ट अटका

मिष्ठान क्लस्टर प्रोजेक्ट

कारोबारियों में उत्साह नहीं, बिल्डिंग निर्माण में फंड की कमी…

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। जबलपुर के रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में मिष्ठान और नमकीन क्लस्टर के कॉमन फैसिलिटी सेंटर का काम अटका हुआ है। दूध एवं उससे बनने उत्पादों को तैयार करने के लिए मिष्ठान और नमकीन क्लस्टर बनना है। केन्द्र सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के अंतर्गत इसकी स्थापना होना है। शुरूआत में उत्पादों को तैयार करने के लिए आधुनिक मशीनें मंगाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की स्थापना होना है। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ने रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में सवा दो एकड़ जमीन आवंटित की है। लेकिन अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका है। 18 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए 11 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार प्रदान करेगी। राज्य शासन को इसमें भागीदारी करनी है, लेकिन उसकी तरफ से अंशदान के रूप में जमीन आवंटित की गई है। अब बिल्डिंग के लिए 3 करोड़ रुपए की राशि का इंतजाम जबलपुर मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर एसोसिएशन के शेयर होल्डर्स और सदस्यों को करना है। हालांकि पूरी राशि अभी एकत्रित नहीं हो पाई है। ऐसे में अब एसोसिएशन बैंक से लोन लेकर इसे पूरा करने की योजना बना रहा है।
नहीं जमा किया ईओआई
इस बीच मिष्ठान क्लस्टर के सीएफसी को अपर्याप्त मानते हुए निर्माताओं ने कारखानों के लिए भी अतिरिक्त भूमि की मांग उठाई थी। उद्योग संवर्धन  समिति की बैठक में भी इसे उठाया गया था। इस पर जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ने कारखाना लगाने में रुचि रखने वालों से एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) मांगा था। मिष्ठान क्लस्टर की तरफ से एक फॉर्म भी निर्माताओं को भेजा गया है। अब तक किसी एक निर्माता ने भी इसे जमा नहीं किया है।
 जमीन मिलने के बावजूद धीमी पड़ी प्रोजेक्ट की गति
जबलपुर के मिष्ठान क्लस्टर के लिए केंद्र सरकार की अनुमति और उद्योग विभाग द्वारा 20 एकड़ जमीन आवंटन के बाद भी नक्शा स्वीकृति के लिए 3 विभागों के बीच फाइल घूम रही है। 18 करोड़ के प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर पंजीकृत 200 हितग्राहियों को जगह मिलना है। प्रोजेक्ट के पूर्ण होने से शहर की पारंपरिक मिठाइयों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकती है। इसमें जो जगह स्वीकृत की गई है, उसमें भी हैं। यूनिट लगाने वालों का कहना है कि यहां उन्हें सुविधाएं नहीं हैं। करीब 13 सालों से शहर में मिष्ठान क्लस्टर के लिए कवायद जारी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रदेश के एमएसएमई विभाग को इस दिशा में कार्रवाई करने के लिए कहा तो अब जिला उद्योग विभाग ने जमीन आवंटन की प्रक्रिया की मगर इसमें विवाद सामने आ रहे हैं। 5 साल से जारी इस प्रोजेक्ट को धरातल में उतरने में अभी और कितना समय लगेगा, कोई नहीं बता पा रहा है। मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर के लिए 3 एकड़ भूमि की स्वीकृति मिली थी, लेकिन अब यह करीब सवा दो एकड़ हो गई है, क्योंकि रिछाई की जिस 20 एकड़  से ज्यादा जिस औद्योगिक भूमि के एक हिस्से में इसकी स्थापना होना है, वहां एक अन्य योजना को शुरू किया जाना है।
मिष्ठान क्लस्टर में तैयार होंगे खोवा, छेना, पनीर
मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर में खोवा, छेना, पनीर, नमकीन में इस्तेमाल होने वाले मसाले, बेसन तैयार होंगे।  यहां से लैब में प्रामाणिकता के बाद ही माल बाहर पहुंचेगा। यह माल पंजीकृत 200 सदस्यों को मिलेगा। ये अपनी आवश्यकता के अनुरूप इन चीजों को तैयार कराएंगे, फिर इससे मिठाइयां बनेंगी। यही नहीं, पैकेजिंग भी होगी, ताकि दूसरी बड़ी कंपनियों के माल को यहां के व्यापारी टक्कर दे सकें। रिछाई में जहां जमीन मिली थी, वहां फिर से नक्शा व ले आउट प्लान बनना है।  यह अधिकार ट्रॉयफेक को है, लेकिन यह अस्तित्व में ही नहीं है। वहां से ज्वाइंट डायरेक्टर टीएंडसीपी को पत्र भेजा गया। यहां से कह दिया गया है कि एमएसएमई विभाग एमपीआईडीसी से यह काम करवा सकता है। अब उद्योग विभाग इसकी एल ओवाय यानि जमीन आवंटन की प्रक्रिया शर्तों के अधीन करने जा रहा है, ताकि योजना कुछ तो आगे बढ़े।

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