देवास और सीहोर में होगी अंडरग्राउंड पाइप लाइन से सिंचाई

अंडरग्राउंड पाइप लाइन
  • छीपानेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना में बड़ा बदलाव …
    भोपाल/गौरव चौहान/ बिच्छू डॉट कॉम

    प्रदेश सरकार ने छीपानेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना (माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन) में बड़ा बदलाव करते हुए देवास और सीहोर जिले में भूमिगत पाइप लाइन से सिंचाई की योजना बनाई है। इससे इन जिलों के 76 गांवों को लाभ मिल सकेगा। इससे पानी की बबार्दी रुकेगी और किसानों को बिना बाधा के सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। जानकारी के अनुसार नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण प्रदेश में पहली बार भूमिगत पाइप लाइन के जरिए सिंचाई और पेयजल के लिए पानी प्रदाय करने की योजना पर काम कर रहा है। छीपानेर माइक्रो उद्वहन परियोजना से 76 गांव के 35,000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसमें करीब 2 किमी भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना पर करीब 75 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
    देवास और सीहोर जिले के 76 गांवों के किसानों को लाभ पहुंचाने प्रस्तावित छीपानेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना (माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन) में बड़ा बदलाव कर दिया गया है। इसमें अब भूमिगत पाइप लाइन भी बिछाने का काम शुरू हो गया है।
    करीब 500 करोड़ का है प्रोजेक्ट
    दरअसल, सरकार द्वारा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में देवास जिले के 50 और सीहोर जिले के 26 गांवों को शामिल किया था। बाद में टेंडर जारी करने के बाद किए गए सर्वे में क्रमश: यह संख्या घटकर 39 और 30 रह गई। डीपीआर में शामिल किए गए खातेगांव तहसील के 15 गांवों का नाम सर्वे सूची में नहीं है जबकि दोनों जिलों के 4-4 नए गांव जरूर जोड़े गए हैं। इस परियोजना का ठेका शापूरजी पलोजी एंड कंपनी को दिया गया है। इस योजना पर अनुमानित लागत 516.11 करोड़ आएगी, जिससे 35,000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। 2 किमी में भूमिगत एमएस और एचडीईपी पाइप लगाए जाएंगे। परियोजना की आयु 50 साल होगी, प्रॉपर मेंटेनेंस होने पर 100 साल चलेगी।
    ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से खेतों तक पानी पहुंचेगा
    जानकारी के अनुसार योजना के तहत नर्मदा नदी से जल उद्वहन कर ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से खेतों तक पानी पहुंचेगा। 12.5 हेक्टेयर तक मुख्य पाइप एवं वितरण नेटवर्क के माध्सम से जलापूर्ति की जाएगी। देवास जिले में 3 राइजिंग के साथ पंप हाउस ग्राम चिचली, करोंद माफी और पिपलनेरिया एवं सीहोर जिले में छीपानेर तथा चौरसाखेड़ी में लगाए जाएंगे। देवास जिले में जिन गांवों को लाभ मिलेगा उनमें दैयत, चिचली, पिपलिया घाघरिया, अकावल्या, धुंध्याखेड़ी, मवासा, सोनगांव, गुन्नास, बीजापुर, मालागांव, दीपगांव, गुलगांव, कांकरिया, जियागांव, गुजरगांव, पिपल्या नानकार, खुबगांव, बुराड़ा, करोंद माफी, मवासा, नवलगांव, इकलेरा, बमनगांव, कुनगासा, रिजगांव, बेलखां, खल, सोनखेड़ी, देवलां, बिजलगांव, पिपलनेरिया, खेड़ी, नयागांव, कोलारी, खिडक्या, बापचा, खारदा, बोरदा, बचखाल आदि शामिल हैं।

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