इकबाल सिंह को मिलेगा एक्सटेंशन!

इकबाल सिंह

शिवराज सरकार बैंस को 6 माह का एक्सटेंशन देना चाहती है

भोपाल/गौरव चौहान / बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को सेवा वृद्धि देने के लिए प्रदेश सरकार ने कोशिशें तेज हर दी हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं की प्रदेश में जो विकास योजनाएं-परियोजनाएं चल रही हैं और जो क्रियान्वित की जानी है, उन्हें पूरा होने तक बैंस मुख्य सचिव बने रहें। गौरतलब है कि अपने सौम्य, शांत, संवेदनशील, कर्तव्यनिष्ठ छवि के कारण इकबाल सिंह बैंस सरकार की आंख, कान बने हुए हैं। प्रशासनिक वीथिका में कहा जा रहा है कि इनके कार्यकाल में प्रदेश का जिस तेजी से विकास हुआ है, उतना पहले के मुख्य सचिवों के कार्यकाल में नहीं हुआ है। इसलिए मुख्यमंत्री इन्हें हर हाल में एक्सटेंशन दिलाना चाहते हैं।  शायद यही वजह है कि मुख्यसचिव के कार्यकाल के मात्र 8 दिन बचे होने के बावजूद अभी तक विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) का कोई आदेश नहीं निकला है।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की सेवा वृद्धि के लिए शिवराज सरकार ने एक्सटेंशन की फाइल को दिल्ली भेज दिया है।  जानकारी है कि शिवराज सरकार इकबाल सिंह बैंस को छह माह एक्सटेंशन देना चाहती है।  बैंस 30 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। अगर एक्सटेंशन मिलता है तो इकबाल सिंह प्रदेश के चौथे मुख्य सचिव होंगे जिन्हें एक्सटेंशन मिलेगा। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन मुख्य सचिव बीपी सिंह और आर परशुराम को 6-6 माह का एक्सटेंशन दिया था।
यह महज संयोग ही है कि शिवराज के राजनीतिक गुरु सुंदरलाल पटवा ने इसकी शुरूआत की थी । उन्होंने 1958 बैच के आरपी कपूर को 6 माह का एक्सटेंशन दिया था। स्वर्गीय कपूर का कार्यकाल मार्च 1991 में समाप्त होना था पर वे 22 सितंबर 1991 तक मुख्यसचिव रहे। बैंस के एक्सटेंशन की एक वजह यह भी है कि सीएस पद के कई दावेदार हैं। केंद्र में प्रतिनियुक्ति में पदस्थ अफसरों की चुनावी वर्ष में लौटने की रुचि भी नहीं दिख रही है। ऐसे में किसी एक को चुनना, अन्य दावेदारों को निराश कर सकता है। सरकार भी वरिष्ठ अधिकारियों को सुपरसीड कर किसी और को यह जिम्मेदारी देने से उपजने वाले विवादों से बचना चाहती है। इस निर्णय के पीछे सीएम की यही मंशा दिख रही है कि वे अपने सबसे भरोसेमंद अफसर के साथ कुछ महीने और काम करें। शिवराज विकास से जुड़े जिन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना चाहते हैं, उन्हें मौजूदा मुख्यसचिव ही अमलीजामा पहनाएं। इस समय सीएम और सीएस के बीच समन्वय अच्छा  है। केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद बैंस मुख्यसचिव बने रहेंगे। केंद्र सरकार मुख्यसचिव के कार्यकाल में वृद्धि अखिल भारतीय (डेथ -कम- रिटायरमेंट) नियम 1958 के नियम 16 ( 3 ) के तहत करती है।
अनुराग जैन और सुलेमान प्रमुख दावेदार
साफ है कि अपनी पसंद का अफसर रखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसी भी हद तक जाने से परहेज नहीं किया है। अब देखना होगा कि अगला मुख्य सचिव चुनने के लिए वे अनुराग जैन के प्रति अनुराग दिखलाते हैं या सुलेमान प्रेम जारी रखते हैं। जब दो अपने प्रिय व्यक्तियों में से एक को चुनने का मौका हो तो दुविधा भारी होती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसी ही दुविधा से एक बार फिर दो चार होने वाले हैं। इस बार भी उन्हें अपने प्रिय अफसरों में से एक को मुख्य सचिव चुनना है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस इसी साल नवंबर में रिटायर्ड होने जा रहे हैं। ऐसे में अगले मुख्य सचिव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। वरिष्ठ आईएएस अनुराग जैन और मोहम्मद सुलेमान के नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है। दोनों अधिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पसंदीदा अफसरों में शुमार हैं। भोपाल कलेक्टर और फिर मुख्यमंत्री के सचिव रहते हुए उनके कामों को याद किया जाता है। शिवराज सरकार की कई फ्लेगशिप योजनाओं में उनकी भूमिका रही है। मोहम्मद सुलेमान अभी एसीएस हेल्थ हैं। इतने वर्षों के कार्यकाल में शिवराज सिंह ने तमाम विरोध के बाद भी मोहम्मद सुलेमान से कभी दूरी नहीं बढ़ाई है। पहले उद्योग विकास और फिर कोरोना नियंत्रण की जिम्मेदारी शिवराज ने उन्हें ही दी। उनके खाते में कई नवाचार दर्ज हैं।
विकास में शिवराज के सारथी
इकबाल सिंह बैंस भले ही मंत्रालय की पांचवीं मंजिल पर बैठते हैं, लेकिन उनकी नजर प्रदेशभर की प्रशासनिक व्यवस्था के साथ ही विकास कार्यों पर भी रहती है। शायद यही वजह है कि उन्हें प्रदेश के विकास में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सारथी कहा जाता है। वे रोजाना प्रदेशभर में चल रही विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग करते रहते हैं। इसलिए अधिकारी अपने-अपने विकास की योजनाओं-परियोजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट बनाकर तैयार बैठे रहते हैं। बैंस की मैदानी पकड़ इतनी मजबूत है कि कोई भी अधिकारी गलत रिपोर्ट पेश हरने की हिमाकत नहीं कर पाता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बैंस को एक्सटेंशन दिया जाए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि बैंस ने स्वास्थ्य कारणों से सेवा वृद्धि के लिए मना किया है। अब देखना यह है कि बैंस को एक्सटेंशन मिल पाता है या नहीं।
कुशल एवं सख्त प्रशासक
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को सख्त प्रशासक माना जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करके  उन्होंने यह साबित भी किया है। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं।  बैंस जब कलेक्टर थे तब भी उनकी प्रशासनिक क्षमता के लोग कायल थे। आज वे मुख्य सचिव हैं तो मुख्यमंत्री से लेकर मैदानी अफसर तक उनकी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मानते हैं।
अनुराग जैन केंद्र से आने को तैयार नहीं
मप्र और केंद्र के महत्वपूर्ण विभागों में अपनी कर्तव्यनिष्ठा का लोहा मनवाने वाले 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन प्रदेश के नए मुख्य सचिव बनने के लिए सबसे बड़े दावेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अनुराग जैन के नाम पर लगभग सहमत हैं। हालांकि अगले मुख्य सचिव के लिए 1988 बैच की वीरा राणा और 1989 बैच ही मो. सुलेमान और का नाम भी चर्चा में है, लेकिन इन दोनों की दावेदारी कमजोर है। क्योंकि सुलेमान भाजपा और संघ के फ्रेम में फिट नहीं बैठते हैं। वहीं वीरा राणा की अब तक की परफॉर्मेंस मुख्य सचिव के काबिल नहीं पाई गई है। वर्तमान में केंद्र सरकार में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन जिस विभाग में रहे हैं वहां उन्होंने अपने काम का लौहा मनवाया है। मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकिर प्रधानमंत्री जनधन खाता जैसी योजना को शुरू कराने में अनुराग जैन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मप्र में वित्त विभाग के साथ वे केंद्रीय वित्त मंत्रालय में ही वित्तीय सेवा विभाग के संयुक्त सचिव रहे हैं। उनके पास एमडी एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक, नेशनल हाउसिंग बैंक और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी का भी प्रभार रहा है। वे वर्ष 2011 में प्रतिनियुक्ति पर गए थे, वे दिसंबर 2014 तक पदस्थ रहे हैं। अनुराग जैन शिवराज सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में लगभग पांच साल तक सीएम के सचिव रहे हैं। इसलिए उन्हें मप्र के अगले मुख्य सचिव के लिए सबसे काबिल माना जा रहा है।
सीएम के सबसे भरोसेमंद अधिकारी
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 1985 बैच के आईएएस अफसर हैं। इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। वे उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे तो उन्हें सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था। 2020 में शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता संभालते ही मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी को हटा कर 1985 बैच के आईएएस अफसर इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया था। इसके लिए छह अफसरों की वरिष्ठता को नजर अंदाज किया गया था। इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री के बेहद भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने उन्हें अपना प्रमुख सचिव बनाने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद बैंस की प्रतिनियुक्ति समय से पहले खत्म कर उन्हें मध्य प्रदेश भेजा गया था।

Related Articles