इकबाल सिंह बैस को फिर मिल सकता है एक्सटेंशन

इकबाल सिंह बैस

हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक बार फिर से 6 महीने का एक्सटेंशन मिल सकता है। इसकी संभावना इसलिए बढ़ गई है कि अगले मुख्य सचिव के दावेदार अनुराग जैन को केंद्र सरकार मप्र भेजने को तैयार नहीं है। केंद्र ने मप्र कैडर के 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग से सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे भरोसेमंद अधिकारी इकबाल सिंह बैंस को एक बार फिर से 6 माह की सेवावृद्धि मिल सकती है।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का 6 माह का कार्यकाल 30 मई को पूरा हो रहा है। उधर, केंद्र सरकार ने अगले मुख्य सचिव के सबसे बड़े दावेदार अनुराग जैन को सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी है। अनुराग जैन का पिछले साल मप्र के नए मुख्य सचिव के रूप में नाम चर्चा में रहा था, क्योंकि 30 नवंबर 2022 को इकबाल सिंह बैंस रिटायर हो रहे थे। मगर बैंस के रिटायरमेंट के अंतिम दिन 30 नवंबर को उनको छह महीने के लिए सेवावृद्धि दे दी गई और अब 30 मई को उनका कार्यकाल पूरा होने वाला है। बैंस की सेवावृद्धि के छह महीने पूरे होने के पहले भारत सरकार ने आज तबादला आदेश जारी कर एकबार फिर संकेत दे दिए हैं कि, जैन को फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापसी नहीं दी जाएगी। ऐसे में बैंस को एक बार फिर छह महीने की सेवावृद्धि मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
शिव-बैंस की जोड़ी कराएगी चुनाव
केंद्र सरकार द्वारा की गई प्रशासनिक सर्जरी के बाद संभावना बढ़ गई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की जोड़ी ही अगला विधानसभा चुनाव कराएगी। शिवराज भी चुनावी साल में अपने विश्वासपात्र इकबाल सिंह बैंस को ही चीफ सेक्रेटरी रखना चाहते हैं। इसलिए सरकार 6 महीने का फिर से एक्सटेंशन देने की तैयारी में है। बता दें कि मई में इकबाल सिंह बैंस का टेन्योर खत्म हो रहा है। एक्सटेंशन मिलने पर इकबाल सिंह नवंबर तक चीफ सेक्रेटरी के पद पर पदस्थ रहेंगे। पिछले साल नवंबर में डीओपीटी ने एक्सटेंशन दिया था। मप्र के पांचवें चीफ सेक्रेटरी होंगे जो 3 साल का कार्यकाल पूरा कर करेंगे।  बैंस की सेवावृद्धि के छह महीने पूरे होने के पहले भारत सरकार ने तबादला आदेश जारी कर एक बार फिर संकेत दे दिए हैं कि जैन को फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापसी नहीं दी जाएगी। ऐसे में बैंस को फिर छह महीने की सेवावृद्धि मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
इनके नाम भी चर्चा में
प्रदेश में अगले मुख्य सचिव के लिए अनुराग जैन  के अलावा 1988 बैच की वीरा राणा और 1989 बैच ही मो. सुलेमान और का नाम भी चर्चा में रहा है। लेकिन इन दोनों की दावेदारी कमजोर है। क्योंकि सुलेमान भाजपा और संघ के फ्रेम में फिट नहीं बैठते हैं। वहीं वीरा राणा की अब तक की परफॉर्मेंस मुख्य सचिव के काबिल नहीं पाई गई है। 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान ने कोरोना महामारी से निपटने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुलेमान रिजल्ट ओरिएंटेड अधिकारी हैं। उन्होंने बिजली, सडक़, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम किया है और कई नवाचार करते हुए परिणाम भी दिए हैं। सेवाकाल की दृष्टि से उनका भी कार्यकाल अनुराग जैन के समान ही हैं। सुलेमान अनुराग जैन के 1 महीने पहले जुलाई 2025 में रिटायर होंगे। लेकिन भाजपा और संघ के नजरिए से वे फ्रेम में फिट नहीं बैठते हैं। इसलिए इनका मुख्य सचिव बनना असंभव सा लग रहा है। इनके अलावा  अजय तिर्की, संजय बंदोपाध्याय, आशीष उपाध्याय, जेएन कंसोटिया, राजेश राजौरा, एसएन मिश्रा का भी नाम चर्चा में है।
 सीएम के भरोसेमंद अधिकारी
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सीएम के भरोसेमंद अधिकारी भी है। सीएम और सीएस के बीच अच्छा सामंजस्य है। कांग्रेस की सरकार जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1985 बैच के आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस को सीएस बनाया था। इसके लिए 6 अधिकारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया था। वह मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे, तो उन्हें सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को सख्त प्रशासक माना जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करके उन्होंने यह साबित भी किया है। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं।
इकबाल सिंह बैंस बड़ी जिम्मेदारी का भार
मंत्रालय के उच्च पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री चाहते थे कि इकबाल सिंह बैंस ही मुख्य सचिव रहें, ताकि जो कार्ययोजना तैयार की गई है, उस पर तेजी से अमल हो सके। ऐसे में माना जा रहा है एक बार फिर मुख्यमंत्री की कोशिश रहेगी कि इकबाल को एक और एक्सटेंशन दिया जाए। उधर, इस पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन को केंद्र सरकार नहीं छोड़ रही है।
मप्र कैडर के ३ आईएएस को नई जिम्मेदारी
भारत सरकार ने बीते रोज 14 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की नई पदस्थापना आदेश जारी किए हैं, जिसमें मप्र कैडर के तीन अधिकारी शामिल हैं। 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग से सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, भारत सरकार के आईएएस अधिकारियों के नए पदस्थापना आदेश में 1990 बैच की अलका उपाध्याय भी प्रभावित हुई हैं। उन्हें सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में सचिव बनाया गया है। इसी तरह मप्र कैडर के एक अन्य अधिकारी 1996 बैच के आईएएस अधिकारी फैज अहमद किदवई को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बनाया गया है। गौरतलब है कि किदवई ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पूर्व में आवेदन किया था। गुरुवार को उनकी पोस्टिंग हो गई। अब मप्र सरकार उन्हें जल्द रिलीव करेगी। इसी तरह जल निगम में हाल ही में एमडी बनाए गए एस विश्वनाथन को राज्य सरकार ने रिलीव कर दिया। वे चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में वाइस चेयरमैन बनाए गए हैं।

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