- केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव की मंजूरी का बना हुआ है इंतजार
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। केन्द्र सरकार से मिलने वाले नौ नए डीआईजी के पदों की वजह से प्रदेश सरकार हाल ही में हुई डीपीसी के बाद भी पदोन्नति आदेश जारी करने के लिए इंतजार कर रही है। इसकी वजह है प्रदेश सरकार द्वारा एक साथ पहली बार एसपी स्तर के पच्चीस अधिकारियों को पदोन्नत कर डीआईजी बनाए जाने की मंशा। दरअसल फिलहाल प्रदेश में डीआईजी के सोलह पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों को पदोन्नति से
भरने के लिए हाल ही में डीपीसी की जा चुकी है।
वर्तमान में एसएएफ की चंबल, ग्वालियर, सागर, होशंगाबाद, भोपाल देहात का पद रिक्त चल रहा है। फिलहाल एसएएफ में मात्र एक डीआईजी कृष्णा वेनी देशबातू पदस्थ हैं। उनके पास भोपाल देहात डीआईजी का भी प्रभार है। माना जा रहा है कि कृष्णा वेनी को डीआईजी भोपाल देहात के पद पर नियमित रूप से पदस्थ किया जा सकता है। इसी तरह से माना जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद से भोपाल में रिक्त चल रहे एडिशनल सीपी भोपाल के पद पर पदोन्नति के बाद एसपी सागर तरुण नायक, सातवीं वाहिनी के सेनानी अतुल सिंह अथवा एसपी एसटीएफ मनोज सिंह में से किसी एक को पदस्थ किया जा सकता है। दरअसल प्रदेश के 14 जिलों के एसपी को पदोन्नत कर डीआईजी बनाया जाना है। दरअसल दो अफसरों के डीपीसी के बाद उनके लिफाफे बंद कर दिए गए हैं। दरअसल पुलिस मुख्यालय चाहता है कि इस बैच के सभी अफसर डीआईजी बन जाए। इसके चलते यहां से इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। यह प्रस्ताव गृह विभाग से होता हुआ केंद्रीय गृह मंत्रालय गया, लेकिन वहां से प्रस्ताव में कुछ खामियां निकालकर उसे वापस कर दिया गया था। यह प्रस्ताव वापस पुलिस मुख्यालय आने के बाद पुलिस मुख्यालय द्वारा उसमें बताई गई खामियों को दूर कर दोबारा भेजा जा चुका है। दरअसल वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अफसरों को 1 जनवरी को पदोन्नति मिलना है। प्रदेश में डीआईजी की वर्तमान स्थिति में 12 पद खाली है,जबकि 31 दिसंबर को दो और पद खाली हो जाएंगे। इस तरह प्रदेश में 1 जनवरी को वर्ष 2009 बैच के 14 अफसरों का डीआईजी बनना एकदम तय है। इसके साथ ही उनकी नई पदस्थापनाएं भी की जानी है, जिसकी वजह से पुलिस विभाग में जल्द ही बड़े स्तर पर फेरबदल होना तय है। जानकारी के अनुसार 1998 बैच के आईपीएस अफसर आईजी से एडीजी और 2005 बैच के आईपीएस अफसर डीआईजी से आईजी बनाए जाना है। इसी तरह से वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अफसर एसपी से डीआईजी बनेंगे और 2010 बैच के अफसरों को सलेक्शन ग्रेड प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के 14 जिलों की कमान 2009 बैच के आईपीएस अफसरों के हाथों में है। 1998 बैच के विवेक शर्मा, साजिद फरीद शापू और अंशुमान यादव आईजी से एडीजी बनाए जाएंगे। यादव केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। शर्मा को किसी महत्वपूर्ण शाखा का एडीजी बनाया जाएगा, जबकि शापू को लंबे समय से रिक्त एडीजी एसएएफ के पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। आईजी नक्सल ऑपरेशन के पद पर पदस्थ हैं। डीआईजी से आईजी बनने वाले सुशांत सक्सेना को प्रशासन शाखा में पदस्थ किए जाने की संभावना है, जबकि डॉ. आशीष आईजी एटीएस बनाया जा सकता है।
यह अफसर बनेंगे डीआईजी
तरुण नायक, नवनीत भसीन, अमित सिंह और रूडोल्फ अल्वारेज, शशिकांत शुक्ला, संतोष सिंह गौर, मुकेश श्रीवास्तव, सुनील पांडे, ओपी त्रिपाठी, मोनिका शुक्ला, मनोज कुमार सिंह, सुनील जैन, अवधेश गोस्वामी, महेश चंद्र जैन, सविता सोहाने, मनोज कुमार श्रीवास्तव, डालूराम तेनीवार, साकेत पांडे, अमित सांघी, टीके विद्यार्थी, प्रशांत खरे, सत्येंद्र शुक्ला, वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रशांत खरे, अतुल सिंह और मनीष अग्रवाल शामिल हैं। बैच में चार अधिकारी सीधी भर्ती के आईपीएस हैं, जबकि अन्य अधिकारी एसपीएस से आईपीएस बने हैं।
इन्हें मिलेगा सलेक्शन ग्रेड
आबिद खान, गौरव तिवारी, आशुतोष प्रताप सिंह, मोहम्मद यूसुफ, डी कल्याण चक्रवर्ती, निमिष अग्रवाल, सिद्धार्थ बहुगुणा, पंकज श्रीवास्तव, राजेश कुमार सिंह, विनीत कपूर, धर्मेंद्र भदौरिया, हेमंत चौहान, विजय कुमार खत्री, विनीत कुमार जैन, मनोज कुमार सिंह और राकेश कुमार सिंह को सलेक्शन ग्रेड प्रदान किया जाएगा।
होगा बड़े स्तर पर फेरबदल
आईपीएस अधिकारियों की डीपीसी के बाद अब मध्य प्रदेश में मैदानी स्तर पर बड़ा फेरबदल किया जाएगा। गृह विभाग ने तबादले को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। दिसंबर माह की शुरूआत में एसपी, डीआइजी और आइजी बदले जाएंगे। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आइपीएस अधिकारियों को जोन और जिलों की कमान सौंपी जाएगी। भारतीय पुलिस सेवा के 1998 बैच के अधिकारी विवेक शर्मा, साजिद फरीद सापू को आईजी से एडीजी बनाने पर, 2005 बैच के अधिकारियों में सुशांत सक्सेना और डॉ. आशीष को डीआईजी से आईजी के पद पर पदोन्नती के कारण इनकी भी नई पदस्थापना होने की संभावना है। इसके अलावा कई अन्य अफसरों की भी नई पदस्थापना की जानी है।