इथेनॉल पॉलिसी लागू होने के बाद से निवेशकों की रुचि बढ़ी

इथेनॉल पॉलिसी

– बायोफ्यूल में 7 हजार करोड़ से अधिक के निवेश का प्रस्ताव मिला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। 
मप्र में जब से इथेनॉल पॉलिसी लागू हुई है तब से प्रदेश में निवेशकों की रुचि बढ़ी है। अब तक प्रदेश में इथेनॉल यूनिट लगाने के लिए 7000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके है। देश के कई नामी औद्योगिक घराने प्रदेश में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं। प्रदेश सरकार ने भी निवेशकों की सुविधाओं को देखते हुए पूरी तैयारी कर ली है।
गौरतलब है कि पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए बायोफ्यूल की मांग बढ़ने लगी है। इसकी वजह है बायोफ्यूल से लोगों को राहत मिलेगी। बायोफ्यूल पेट्रो उत्पाद होता है और यह जेट्रोफा, तिलहन, गन्ना तथा धान के अलावा बायो कचरे से निर्मित किया जाता है। यह पेट्रोल की अपेक्षा बहुत सस्ता पड़ता है।  उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बायोफ्यूल बनाने वाली करीब एक दर्जन कंपनियों ने प्रदेश में उद्योग स्थापित करने में अपनी रुचि दिखाई है। उद्योग विभाग को इस क्षेत्र में निवेश के एक दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव मिले हैं जिससे बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बढ़ गई हैं। साथ ही बायो सीएनजी एंड आॅर्गेनिक मेन्युफेक्वरिंग के क्षेत्र में भी निवेश आने की संभावना है। इसके अलावा डिस्टलरी के क्षेत्र में भी नई कंपनियां निवेश करने की इच्छुक हैं। गौरतलब है की मप्र में 328 कंपनियां 51 हजार 317 करोड़ का निवेश करने की अच्छा जाता चुकी हैं
328 कंपनियां निवेश की इच्छुक
मप्र सरकार द्वारा एथेनॉल पॉलिसी लागू करते ही यह कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 7,334 करोड़ का निवेश  करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा डिस्टिलरी के क्षेत्र में ओंकारा 150 करोड़, वीनस 150 करोड़ तथा डिस्टिलरी ब्रीवरी 200 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं। एक अन्य कंपनी भी इस क्षेत्र में 125 करोड़ का निवेश करेगी। बता दें, मप्र में करीब 328 कंपनियां विभिन्न औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने और 51 हजार 317 करोड़ का निवेश करने की इच्छुक हैं। इससे करीब 3 लाख 76 हजार से ज्यादा मप्र के युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे पहले बेंबू से एथेनॉल और सीएनजी बनाने के लिए निवेशकों मुख्यमंत्री के गृह जिले में स्टार्टअप शुरू कर दिया है। जो जल्द ही शुरू होगा।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
प्रदेश में कई छोटी कंपनियां भी निवेश करने जा रही हैं। इनसे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा। इनमें रॉयल यूनिफोर्स 41 करोड़, जेके लाइफ केयर 24 करोड़, कुमार प्रिंटर्स 15 करोड़, मेकसन हेल्थ केयर, 20 करोड़, राज रीसाइलिंग 18 करोड़, सिद्धायु लाइफ साइंसेस 28 करोड़, जिल आॅर्गेनिस 21 करोड़, एसटीआई फैब्रिक्राट 25 करोड़ का निवेश करने जा रही हैं। यह कंपनियां भी 12 से लेकर 200 लोगों तक को रोजगार मुहैया कराएगी। वहीं प्रदेश में कई बड़ी कंपनियों से निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इनमें एंडुराफैब प्राइवेट 600 करोड़ रूपर का निवेश करना चाहती है। कंपनी 2,000 लोगों को रोजगार भी देगी। इसी तरह पीसीआर टायर्स ने 766 करोड़, हिंदुस्तान ग्रीन एनर्जी ने 780 करोड़, गुलशन पॉली ओल्स  ने 800 करोड़, अल्ट्राटेक सीमेंट ने 500 करोड़, महिमा फाइबर ने 450 करोड़, स्टार एग्रोनॉमिस ने 139 करोड़, डाबर इंडिया लिमि ने 570 करोड़, गोकलदास एसपोर्ट्स ने 200 करोड़, नोविया फार्मास्युटिकल ने 700 करोड़, स्वराज शूटिंग लिमि ने  203 करोड़, डेनिम यूनिट ने 250 करोड़, डालमिया सीमेंट ने 3,000 करोड़  रुपए का प्रस्ताव शामिल किया गया है। उद्योग विभाग के  प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला का कहना है कि निवेश आने से मप्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मप्र में दो साल के दौरान 328 कंपनियों ने निवेश के लिए प्रस्ताव दिए हैं। इनमें से अधिकांश कंपनियों को जमीन आवंटित की जा चुकी हैं।

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