भोपाल जीआईएस में बनेगा निवेश रिकॉर्ड

 जीआईएस
  • प्रदेश में औद्योगिक विकास में जापान सहयोगी भूमिका निभाएगा

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल में 24 और 25 फरवरी को आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) में निवेश का रिकॉर्ड बनेगा। मोहन सरकार को जीआइएस से लाखों करोड़ के निवेश की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि मप्र के पास हर क्षेत्र में निवेश की असीमित संभावनाएं हैं। यह निवेशक जानते हैं इसलिए अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। जीआईएस में यूके, जर्मनी और जापान ही नहीं, बल्कि अमरीका, जर्मनी और चीन जैसे 61 देशों के निवेशक व बड़े औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसके लिए सरकार ने कई देशों के निवेशकों को निमंत्रण भेज दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद यूके, जर्मनी व जापान जाकर वहां के निवेशकों को न्योता दे चुके हैं। अब अन्य देशों के प्रमुखों को न्योता देने राज्य के आईएएस अधिकारियों का दल जाएगा। ज्यादातर को न्योता भेजा जा रहा है।
भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित होने वाली समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इसकी तैयारी प्रदेश सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार की ओर से जिन देशों के उद्योगपतियों को बुलावा भेजा जा रहा है उनमें कनाडा, जर्मनी, जापान, पोलैंड, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, आयरलैंड, यूके, इटली, स्लोवेनिया, कोरिया, हांगकांग, थाईलैंड, रोमानिया, श्रीलंका, टोगो, मलेशिया, मंगोलिया, मोरक्को, बुर्किना फासो, यांमार, जबिाब्वे, ताइवान, सिंगापुर, नेपाल, बुल्गारिया, अंगोला, युगांडा, मेक्सिको, उज्बेकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, एस्टोनिया, संयुक्त राज्य अमरीका, साइप्रस, अर्जेंटीना, नाइजीरिया, सऊदी अरब, बहरीन, चेक गणराज्य, कुवैत, ओमान, फिलीपींस, गुयाना और स्वीडन जैसे अन्य देश शामिल हैं। अफसरों का कहना है कि अन्य देशों के निवेशकों से बातचीत चल रही है। सहमति बनी तो संया 61 से ज्यादा हो सकती है।
भोपाल में पहली बार हो रही जीआईएस
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल समिट का आयोजन सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। हम सब का सौभाग्य है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पहली बार भोपाल में हो रही है। उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025 नए दौर की नई कहानी लिखेगा। भोपाल एक सुंदर शहर और राजधानी भी है। समिट में आने वाले अतिथियों को यहां की बड़ी झील भी आकर्षित करेगी। मध्यप्रदेश सबसे बड़ा जनजातीय बहुल प्रदेश है। यहां जनजातीय समुदाय ने अपनी हजारों वर्ष पुरानी जीवन शैली और संस्कृति को सुरक्षित रखा है। भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों की विविध प्रकार की जनजातीय संस्कृति का चित्रण किया गया है। समिट के प्रतिभागी इस विविधता के दर्शन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट में चार प्रमुख विभागीय सम्मेलन, प्रवासी सत्र, सेक्टोरल सेशन और बायर-सेलर मीट के साथ ही ऑटो और टेक्सटाइल एक्सपो की नई प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जाएगा। एक जिला एक उत्पाद की अनूठी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मध्यप्रदेश पवेलियन विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा।
21 हजार निवेशक होंगे शामिल
जीआईएस मानव संग्रहालय परिसर में पीएम मोदी 24 फरवरी को शुभारंभ करेंगे। इसमें 21 हजार निवेशकों के शामिल होने का अनुमान है। ज्यादातर अलग-अलग राज्यों के होंगे तो 1500 से ज्यादा निवेशक 61 देशों के आएंगे। 25 फरवरी को पहली समिट एमएसएमई और स्टार्टअप को लेकर होगी। प्रदेश के एमएसएमई और स्टार्टअप परिदृश्य की ब्रांडिंग की जाएगी। माइनिंग की दूसरी समिट में प्रदेश में उपलब्ध क्रिटिकल मिनरल जैसे ग्रेफाइट, रॉक फॉस्फेट, ग्लूकोनाइट आदि की ब्रांडिंग होगी। एक्सप्लोरेशन और खनिज संबंधी उद्योगों की स्थापना पर फोकस रहेगा। तीसरी समिट नगरीय विकास की होगी। शहरों के विकास, मूलभूत सुविधाओं, बड़ी कचरा प्रबंधन परियोजनाओं, सीवेज ट्रीटमेंट परियोजनाओं आदि के लिए निवेश आमंत्रित किया जाएगा। यह सम्मेलन उद्योगपतियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समिट के व्यवस्थित आयोजन के लिए योजना बनाकर प्रतिभागियों की अपेक्षा एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास करें।
पांच सेक्टर में सबसे ज्यादा निवेश आने की उम्मीद
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में पांच सेक्टर एमएसएमई, खनिज, आईटी, ऊर्जा और नगरीय विकास में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव आकर्षित करने के लिए अलग-अलग समिट कराई जाएंगी। इन क्षेत्रों से संबंधित विभाग तैयारी में जुटे हैं। इन समिट में कम से कम एक हजार उद्योगपतियों और निवेशकों को लाने का टारगेट दिया गया है। हालांकि इन समिट में बड़ी संया में लोगों के शामिल होने की संभावना है। 24 को दो विभागीय समिट होंगी। पहनी आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की तैयारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और मप्र इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्परिशन द्वारा की जा रही है। टीसीएस, इंफोसिस, आईबीएम जैसी कंपनियों को भी न्योता दिया जा रहा है। डाटा सेंटर में निवेश के प्रयास भी किए जा रहे हैं। पहले दिन ही दूसरी समिट ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा की होगी। इसमें खासतौर पर मोहासा बाबई में बन रहे ऊर्जा पार्क को प्रोजेक्ट कर उसमें बड़ी कंपनियों से निवेश आमंत्रित किया जाएगा। हाल ही में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसियों को लॉन्च किया गया है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। नगर निगम व लोक निर्माण विभाग शहर को संवार रहे हैं। इसी तरह मप्र टूरिज्म बोर्ड मेहमानों की खातिरदारी की व्यवस्था में लगा हुआ है।

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