- चार आयुक्तों पर 10 संभागों की जिम्मेदारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र राज्य सूचना आयोग में पदस्थ मुख्य सूचना आयुक्त सहित चार आयुक्तों पर लगातार अपीलों और शिकायतों का भार बढ़ रहा है। दरअसल, चार आयुक्तों पर ही 11 संभागों की जिम्मेदारी है। इसका असर यह हो रहा है कि वे रोजाना जितनी शिकायतों का निपटारा करते हैं, उससे अधिक शिकायतें आयोग के पास पहुंच रही है। इस कारण मप्र राज्य सूचना आयोग में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। गौरतलब है कि मप्र राज्य सूचना आयोग में साढ़े चार माह पहले हुई मुख्य सूचना आयुक्त सहित चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बाद यहां अपीलों की सुनवाई में तेजी आई है। मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव, आयुक्त उमाशंकर पचौरी सहित सूचना आयुक्त सुबह 11 से शाम 5 बजे तक कार्यालय में अपीलें निपटा रहे हैं। इसके बावजूद, आयोग में दो गुना अधिक अपीलें पहुंच रहीं हैं, इस कारण आयोग में अपीलों का आंकड़ा कम ही नहीं हो रहा है।
18 हजार शिकायतें
उल्लेखनीय है कि 18 सितम्बर 2024 को आयोग में आयुक्तों द्वारा पदभार ग्रहण किए जाने के समय कुल लंबित अपीलों की संख्या लगभग 16 हजार थी। हर माह ढाई सौ से अधिक अपीलों के निराकरण के बाद भी दिसम्बर माह तक लंबित अपीलों की संख्या 17556 थी। वहीं, जनवरी माह में यह संख्या लगभग 18 हजार के आसपास पहुंच गई है। दिसंबर 2024 में आयोग के पास कुल 653 नई द्वितीय अपील और 48 नई शिकायतें पहुंचीं। वहीं, इस माह में 272 अपीलों और 22 शिकायतों का निराकरण हुआ। नवंबर माह के अंत तक आयोग के पास लंबित कुल अपीलों की संख्या 17175 और लंबित शिकायतों की संख्या 1229 थी। दिसम्बर में 16 अपील ऑनलाइन और 637 ऑफलाइन आयोग के पास पहुंचीं। राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित सूचना आयुक्तों के कुल 11 पद स्वीकृत है। हालांकि, अब तक इन सभी पदों पर एक साथ नियुक्ति नहीं हो सकी है। वर्तमान में आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित कुल 4 आयुक्त हैं, जिन्हें सभी 10 संभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, आयोग की संरचना में ग्वालियर-चम्बल को एक संभाग माना गया है। दिसंबर माह में इंदौर के एक प्रकरण में 10 हजार रुपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। वहीं, शहडोल संभाग के एक प्रकरण में अधिरोपित शास्ति की राशि 15 हजार रुपये भी दिसंबर में वसूल की गई।
निराकरण में इंदौर सबसे आगे, सागर पीछे
राज्य सूचना आयोग के पास पहुंची द्वितीय अपीलों और शिकायतों के निराकरण में इंदौर सबसे आगे है। यहां अकेले दिसंबर माह में 76 अपील और 19 शिकायतों का निराकरण हुआ है। दूसरे नंबर पर 51 अपीलों के साथ जबलपुर दूसरे स्थान पर है। रीवा में 45 अपील और एक शिकायत, नर्मदापुरम में 35 अपील एवं भोपाल में 24 अपीलों का निराकरण हुआ है। सबसे कम 7 अपील और एक शिकायत सागर में तथा उज्जैन में कुल 9 अपीलों में निराकरण हो सका है। विगत साढ़े चार माह की अवधि में सर्वाधिक अपील सुनवाई राज्य सूचना आयुक्त डॉ. उमाशंकर पचौरी की रही हैं। जनवरी 2025 के कुल 22 कार्यदिवस में उन्होंने 329 अपीलों की सुनवाई की है, जो आयोग के इतिहास का रिकार्ड है। उन्होंने अक्टूबर माह में 54, नवम्बर माह में 87 और दिसम्बर माह में कुल 130 प्रकरणों का निराकरण किया। वे ठीक सुबह 11 बजे कार्यालय पहुंचकर शाम 5 बजे के बाद ही कार्यालय छोड़ते हैं।
कब पूरा होगा सूचना आयोग का कोरम
मप्र राज्य सूचना आयोग में खाली पड़े सूचना आयुक्तों के पदों पर कब नियुक्ति होगी, इसको लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आयोग के सूत्रों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने इस संबंध में पत्राचार किया है। हालांकि अभी नियुक्ति जैसी कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। गौरतलब है कि मप्र में मुख्य सूचना आयुक्त समेत आयुक्त के 11 पद हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए सरकार ने पिछले साल मार्च एवं अप्रैल में आवेदन बुलाए थे। सरकार ने सितंबर 2024 में मुख्य सूचना आयुक्त एवं 3 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कर दी। इसके बावजूद मप्र सूचना आयोग में आयुक्तों के 7 पद खाली हैं। जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में सूचना आयोगों में नियुक्तियों को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अगली सुनवाई से पहले सूचना आयोगों में नियुक्तियों को लेकर शपथ पत्र मांगा है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड सूचना आयोग में नियुक्तियों की लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। लेकिन इससे अन्य राज्य भी प्रभावित होंगे। अगली सुनवाई 4 मार्च को होना है।