बकाया वसूली के लिए सरकार रियायतों को देने की तैयारी में, तलब की जानकारी

बकाया वसूली

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए अब उन बकायादारों पर पूरा फोकस करने जा रही है, जो सालों से पैसा नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से वे अब डिफाल्टर की सूची में शामिल हो चुके हैं। सरकार अब इन डिफाल्टरों से बकाया राशि वसूलने के लिए उन्हें कुछ रियायतें देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए अब विभागों से सभी बड़े डिफाल्टरों और उन पर बकाया रकम की सूची तलब की गई है। यह जानकारी मुख्य सचिव द्वारा मांगी गई है।  सरकार इन डिफाल्टरों को बकाया चुकाने पर उस पर लगने वाले ब्याज और पेनाल्टी में राहत देने का मन बना चुकी है। दरअसल सरकार द्वारा यह कदम अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उठाया जा रहा है। कोरोना काल में हालत यह रही है कि सरकार को लगातार बाजार से कर्ज लेकर काम चलाना पड़ा है। हाल ही में प्रदेश के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों से उनके विभागों से संबंधित बड़े डिफाल्टर्स की सूची मांगी गई है जो चक्रवृद्धि ब्याज या लगने वाली पेनाल्टी की वजह से बकाया जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे डिफाल्टर्स को राशि जमा करने में कन्सेशन (रियायत) देकर सरकार डूबे धन की वसूली करना चाह रही है। इसके लिए अगले सप्ताह मुख्य सचिव समीक्षा करने जा रहे हैं। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस द्वारा इसको लेकर विभागों को लिखे पत्र में कहा है कि कतिपय विभागों में विभिन्न मदों में बकाया राशि की वसूली करोड़ों में लंबित है। मसलन खनिज प्रकरण में पेनाल्टी, विलम्ब से दिए जाने वाले भुगतान पर सरचार्ज, डायवर्सन शुल्क रेंट आदि कई मसले हैं जिसमें चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के कारण बकाया राशि बहुत अधिक हो गई है। ऐसे मामलों में बकाया वसूली के लिए जरूरी है कि विभाग डिफाल्टर को देय राशि में आवश्यक कंशेसन आॅफर करें ताकि बकायादार राशि जमा करने के लिए प्रेरित हो सके।  ब्लाक रिकवरी में से देय राशि की योजना के मुताबिक वसूली कर राजस्व संग्रहण बढ़ाने और प्रकरण खत्म करने के लिए यह आवश्यक है। सीएस बैंस ने इसी के मद्देनजर विभागों से ऐसी देय राशि चिन्हित कर योजना तैयार करने के लिए कहा है।
ढाई माह बाद भी नहीं मिल पा रही जानकारी
खास बात यह है कि सीएस द्वारा इसको लेकर ढाई माह पहले कवायद शुरू की गई थी। इसके तहत ही इस तरह के मामलों की जानकारी मंगाई गई थी। इसके बाद भी अधिकांश विभाग यह जानकारी तैयार नहीं कर सके हैं। यही वजह है कि अब एक बार फिर विभागों को मुख्य सचिव द्वारा जानकारी भेजने के लिए रिमाइंडर भेजकर जानकरी तैयार करने को कहना पड़ा है , जिससे कि अगले सप्ताह से रिकवरी को लेकर समीक्षा बैठकें की जा सकें।

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