घरोंदों के निर्माण में महंगाई का तड़का, लेबर का भी संकट

घरोंदों निर्माण
  • मटेरियल, डीजल  और मजदूरी के रेट बढ़ने से रियल एस्टेट सेक्टर के व्यापार में मंदी की स्थिति बन सकती है

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में लगाए गए लॉकडाउन के चलते राजधानी सहित प्रदेशभर में निर्माण कार्यों पर लगभग पूरी तरह से ब्रेक लग गया था। अब पूरा प्रदेश अनलॉक होने के बाद भी रियल स्टेट सेक्टर में निर्माण का काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। इस बीच निर्माण के काम आने वाली सामग्री के महंगे हो जाने से घरोंदों की निर्माण लागत तो बढ़ ही गई है साथ ही मजदूरों का भी संकट खड़ा हो गया है। इसके चलते इस सेक्टर को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।  इसके चलते निजी और सरकारी निर्माण कार्य बेहद मंद गति से चल रहे हैं। जिसका असर आम जनता पर पड़ना तय है।  रियल एस्टेट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन क्रेडाई का मानना है कि बढ़ती मंहगाई की वजह से हर प्रोजेक्ट में 15 से 20 फीसदी तक की कीमत में वृद्धि हो सकती है। निर्माण के काम में उपयोग आने वाले लोहे के दामों में हुई वृद्धि खासतौर पर निर्माण एजेंसियों व कंपनियों के लिए चिंताजनक बना हुआ है। हालत यह है कि बीते चार माह में ही लोहे के दामों में डेढ़ गुना वृद्धि हो चुकी है। इसी तरह से इसी अवधि में रेत से लेकर सीमेंट के दामों में भी वृद्धि हुई है। इसमें रेत में प्रतिघनफुट 10 से 12 रुपए और सीमेंट की बोरी पर 10 रुपए की वृद्धि शामिल है।
    मजदूरों के अभाव में दिहाड़ी भी बढ़ी
    इस सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक अब निर्माण के काम शुरू हो गए हैं , लेकिन उनमें सबसे बड़ी बाधा पर्याप्त संख्या में मजदूरों का नहीं मिलना है। यही नहीं मजदूरों की बढ़ती मांग की वजह से उनकी भी हर दिन की मजदूूरी में दो सौ रुपए तक की वृद्धि हो गई है। इनमें कारीगरों द्वारा अब एक दिन के 800 रुपए तो लेबर द्वारा अब एक दिन के लिए तीन सौ की जगह पांच सौ रुपए की मांग की जा रही है। दरअसल भोपाल में जारी निर्माण कार्यों में 60 फीसदी मजदूर बाहर से आकर काम करते हैं। इनमें पड़ोसी राज्यों के मजदूर भी शामिल हैं। यही वजह है कि जो मजदूर कोरोना संक्रमण के चलते अपने अपने घरों को चले गए थे , इनमें से अधिकांश अब भी नहीं लौटे हैं। इस वजह से जो स्थानीय मजदूर हैं वे भी मौके का फायदा उठाते हुए अधिक मजदूरी मांग रहे हैं।
    डीजल के दामों ने भी बढ़ाई लागत
    बिल्डिंग मटेरियल सप्लायरों के मुताबिक डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि की वजह से अब ट्रांसपोर्ट भी महंगा हो गया है। इसकी वजह से ईंट,सीमेंट और गिट्टी के दामों में वृद्धि तो हुई ही है, साथ ही बिजली उपकरणों सहित अन्य सामग्रियों के दामों में भी उछाल आया है। इसकी वजह से अब मकानों की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक की वृद्धि होना तय है। फिलहाल शहर में
    टू बीएचके की औसतन कीमत 20 से 23 लाख रुपए है। यदि इसमें 20 फीसदी की वृद्धि होती है तो खरीददार को मकान की कीमत करीब तीन लाख रुपए अधिक चुकानी होगी। इससे रियल एस्टेट सेक्टर के व्यापार में मंदी की स्थिति बन सकती है।
    इस तरह से हुई दामों में वृद्धि
    रेत के दाम 32 रुपए घन फिट से बढ़कर 45 रुपए घन फिट तक हो चुके हंै। इसी तरह से सीमेंट की एक बोरी की कीमत 340 रुपए की जगह 355 रुपए प्रति बोरी तक हो चुकी है। लोहा में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है पहले जहां लोहा 44 रुपए प्रति किलो मिल रहा था वह अब 62 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। गिट्टी 20 से 21 रुपए घन फीट बाई से 23 रुपए घन फीट। ईंट पहले 5 से 7.30 रुपए में मिल रही थी अब 5.50 से 8.50 रुपए तक रेट पहुंच गए हैं। मजदूरी 600 रुपए प्रतिदिन जोड़ा से 800 रुपए प्रतिदिन जोड़ा, 300 रुपए प्रतिदिन सिंगल लेबर से 500 रुपए प्रतिदिन सिंगल लेबर हो गया है।

Related Articles