पहनने से लेकर खाने की चीजों तक से लुभाएंगे निर्दलीय प्रत्याशी

निर्दलीय प्रत्याशी
  • निर्दलीय प्रत्याशियों के   लिए चुनाव चिन्ह तय

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजनैतिक दलों के अलावा कई प्रत्याशी निर्दलीय रूप से चुनाव में उतरकर अपनी किस्मत आजमाते हैं। ऐसे प्रत्याशियों के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिन्हों का निर्धारण किया जाता है। राजनैतिक दलों के बाद अब निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा कल से चुनाव प्रचार में में जोर लगाना तय माना जा रहा है। इसकी वजह है आज नामांकन फार्म की जांच होना है। इसके बाद चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा।
चुनाव चिन्ह मिलते ही सभी प्रत्याशी मैदान में नजर आना शुरु हो जाएंगे। निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव चिन्ह के अभाव में अभी प्रचार को रफ्तार नही दे पा रहे हैं। अब आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह की सूची तय कर दी गई है। इसमें जूते, चप्पल, मोजे, बिस्किट, फूलगोभी जैसी चीजों को जगह दी गई है। निर्वाचन आयोग ने निर्दलीयों के लिए 204 चुनाव चिन्ह तय किए हैं। इसके अलावा देश के सात राष्ट्रीय राजनीतिक और 24 राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टियों के लिए 59 चुनाव चिन्ह आरक्षित किए जा चुके हैं। अब चुनाव के लिए
गैर मान्यता प्राप्त 2044 दलों और निर्दलियों के लिए चुनाव आयोग मुक्त चुनाव चिन्ह जारी करेगा।
इन दलों को मिले चुनाव चिन्ह
निर्वाचन आयोग ने अब तक 42 पार्टियों को सभी 230 विधानसभा में एक जैसे चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए है। राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी को पेट्रोल पंप, जन कल्याण पार्टी को अंगूर, राष्ट्रीय जन क्रांति पार्टी को लिफाफा, भारतीय बहुजन कांति दल को टेलीविजन, जन अधिकार पार्टी को डोली, भारतीय अवाम ताकत को बस  , गौडवाना गणतंत्र पार्टी को आरी, भारत रक्षक पार्टी को बल्लेबाज, नागरिक अधिकार शक्ति सेवा पार्टी को मेज, भारतीय जनसंपर्क पार्टी को फूलगोभी, जनतावादी कांग्रेस पार्टी को फोन चार्जर, अखिल भारतीय हिंद कांति पार्टी को बोतल और संपूर्ण समाज पार्टी को अंगूठा चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है।
देना होंगे तीन विकल्प
जूते, चप्पल, जुराबे, मोजे, बिस्कुट, फूलगोभी, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, पेट्रोल पंप, गले की टाई समेत कुल 204 चिन्ह चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को बांटने के लिए छांट लिए है। आयोग की ओर से जारी 198 प्रतीक गैर मान्यता प्राप्त छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह के तौर पर बांटे जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और पंजीकृत पार्टियों के प्रत्याशी अपने दल के चिन्ह पर चुनाव मैदान में उत्तर रहे हैं। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव आयोग निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा। प्रत्याशी भी चुनाव चिन्ह को लेकर बेहद संजीदा नजर आ रहे हैं। वहीं, निर्वाचन आयोग का स्पष्ट नियम है कि प्रत्याशी चुनाव चिन्ह के लिए कोई तीन विकल्प दे सकेगा, लेकिन किसी चिन्ह पर एक से ज्यादा दावे की स्थिति में अंतिम फैसला रिटर्निंग ऑफिसर का होगा।
इस तरह की होती है प्रक्रिया
चुनाव आयोग के पास सिंबल की भरमार होती है। वह चुनाव चिह्नों के लिए दो लिस्ट बनाकर रखता है। पहली लिस्ट में वे सिंबल होते हैं, जिनका आवंटन पिछले कुछ साल में हुआ है, जबकि दूसरी लिस्ट में ऐसे सिंबल होते हैं, जिनका आवंटन किसी को नहीं हुआ है। आयोग अपने पास रिजर्व में कम से कम ऐसे 100 निशान हमेशा रखता है, जो अब तक किसी को नहीं दिए गए हैं। इनमें से ही किसी भी नए दल या फिर आजाद उम्मीदवार को चुनाव चिह्न दिया जाता है। हालांकि कोई दल अगर अपना चुनाव चिह्न खुद चुनाव आयोग को बताता है और वह सिंबल किसी के पास पहले से नहीं है तो, आयोग उस पार्टी को उसे अलॉट कर देता है। वहीं राष्ट्रीय दलों को रिजर्व चुनाव चिह्न मिल जाता है।

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