गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा। इस चरण में राजगढ़, विदिशा, सागर, गुना, भोपाल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर और बैतूल में वोटिंग होना है। इन सीटों पर आज प्रचार थम जाएगा। इनमें कुछ सीटों पर कड़ा मुकाबला है, तो कहीं चेहरों की चमक मुद्दों पर भी भारी दिखाई पड़ रही है। सबसे रोचक मुकाबला छह सीटों राजगढ़, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और बैतूल में में नजर आ रहा है। हालांकि, इन छह संसदीय सीटों पर मुख्य लड़ाई तो कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां चेहरों की चमक मुद्दों पर भी भारी है। राजगढ़ और गुना में आखिरी दिन तक मुकाबला जारी है। इन सबसे अलग तस्वीर है विदिशा की, जहां सभी पर शिवराज सिंह भारी नजर आ रहे हैं।
विदिशा में शिवराज का चेहरा ही काफी
प्रदेश में कई स्थानों पर लोग यह पूछते हैं कि चुनाव जैसा माहौल नहीं दिख रहा। इसका जवाब विदिशा में देखा जा सकता है कि किस तरह निर्जीव चुनावों में जान डाली जा सकती है। टिकट वितरण के साथ राजनीतिक पंडितों ने मान लिया था कि विदिशा में कुछ रोचक नहीं होगा, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी मेहनत से माहौल को बदलकर रख दिया है। लगातार तूफानी दौरे और सभाएं कर रहे शिवराज का कद ऐसा है कि उन्हें अपने यहां किसी स्टार प्रचारक या बड़े नेता की सभा की जरूरत ही नहीं पड़ी। वहीं, कांग्रेस की ओर से प्रतापभानु शर्मा भी पूरे जोर-शोर से अपनी जीत के प्रयास में लगे हुए हैं। अपने प्रचार में वे पुराने दिनों को याद भी करते हैं, जब वे दूसरी बार यहां से सांसद बने थे। हालांकि, इक्कीसवीं सदी में तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है। चुनाव से ज्यादा अब यहां की जनता सिर्फ जीत के अंतर का ही अनुमान लगा रही है।
भोपाल में स्थानीय मुद्दे गायब
भोपाल संसदीय क्षेत्र में भाजपा के आलोक शर्मा और कांग्रेस से अरुण श्रीवास्तव दोनों ही स्थानीय हैं, लेकिन क्षेत्र से स्थानीय मुद्दे गायब हैं। आलोक मोदी सरकार और उनके काम से लेकर जनता की वर्षों की आस राममंदिर बन जाने की सफलता को गिना रहे हैं। आलोक के समर्थन में मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक उतर चुके हैं। यहां पीएम नरेन्द्र मोदी भी रोड शो कर चुके हैं। इधर, अरुण श्रीवास्तव स्थानीय मुद्दों को उठा तो रहे हैं, लेकिन स्टार प्रचारकों का साथ नहीं मिलने के चलते वे इसे जनता के बीच नहीं ले जा पा रहे हैं।
बैतूल में रोचक मुकाबला
आदिवासी बाहुल्य बैतूल सीट पर भाजपा के दुर्गादास उइके के लिए चुनौती दूरस्थ क्षेत्र की जनता है, जहां वे नहीं पहुंच सके। वहां के निवासियों की नाराजगी से पार पाना मुश्किल साबित हो रहा है। वहीं टेकाम के लिए मतदाताओं तक पहुंचकर उन्हें अपने पक्ष में कर पाना चुनौती है। इधर, उइके के पक्ष में हरदा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभा कर चुके हैं, वहीं कांग्रेस के रामू टेकाम के पक्ष में कमलनाथ भी सभा कर चुके हैं। इधर, एक पखवाड़े का अतिरिक्त समय मिलने को दोनों दल अपने लिए फायदेमंद बता रहे हैं।
राजगढ़ में कांटे की टक्कर
इस सीट पर कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और भाजपा से रोडमल नागर पूरे जोर-शोर से मैदान में डटे हुए हैं। अंतिम दौर में तो दोनों ने पूरी ताकत ही झोंक दी है। विदाई मैच खेल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुरुआत भले ही ना-ना करते हुए की हो, लेकिन पिच पर उतरने के बाद वे खांटी राजनेता के अंदाज में जमे हुए हैं। दिग्विजय ने गांव-गांव नापने से लेकर नुक्कड़ सभाओं ने उनके पक्ष में माहौल बना दिया है। वहीं रोडमल नागर मोदी और राम मंदिर को आगे रखकर प्रचार में डटे हुए हैं। उनके सामने चुनौती पहली दो पारियों में पनपी जनता की नाराजगी को मिटाने की है, ताकि तीसरी पारी में भी शतक मारकर वे मैच को अपने कब्जे में कर सकें।
गुना में सिंधिया- मोदी का चेहरा भारी
इस सीट पर इस बार भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व भाजपा नेता यादवेंद्र यादव पर दांव लगाया है। गुना संसदीय क्षेत्र भी ऐसा है, जहां यह बता पाना मुश्किल है कि जनता का रुख क्या होगा। यहां भाजपा से उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से लेकर उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ तक सभाएं कर चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी आकर प्रचार कर चुके हैं। हालांकि, सिंधिया के सामने पिछली हार से उबरने की चुनौती है, इस कारण सामाजिक समीकरणों को साधते हुए वे लगातार विभिन्न वर्गों के सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं। इधर, यादवेंद्र सिंह यादव भी लगातार जोर लगा रहे हैं। यादव को इस रण में पार्टी के स्टार प्रचारकों से मदद नहीं मिल सकी है, लेकिन सामाजिक समीकरणों का भरोसा उन्हें मैदान में बनाए हुए है।
लता को मिला स्टार प्रचारकों का साथ
सागर संसदीय क्षेत्र में भाजपा की लता वानखेड़े और कांग्रेस के चंद्रभूषण बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा के बीच है। देर से टिकट मिलने के कारण कांग्रेस प्रचार में कुछ पिछड़ गई। इस दौरान लता ने पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ गली- गली के सिंगल्स के दम पर बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था। चंद्रभूषण बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा उनसे प्रचार में एक महीने पीछे जरूर रहे, लेकिन बाद में उन्होंने हेलीकॉप्टर शाट खेलना शुरू किया। कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई बड़ा नेता सागर संसदीय क्षेत्र में नहीं आया है। इधर, भाजपा प्रत्याशी लता वानखेड़े के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आदि सभाएं कर चुके हैं।
05/05/2024
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