2025 की पहली तिमाही में 31400 करोड़ पहुंचा आंकड़ा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
विधानसभा के बजट सत्र के बाद मोहन सरकार ने 4400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया। 25 मार्च को 2000 करोड़ और 2400 करोड़ रुपए के दो कर्ज सरकार ने लिए। इसके पहले 19 मार्च को रंगपंचमी के दिन भी सरकार ने छह हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। मार्च में सरकार ने अब तक हर हफ्ते कर्ज लिया है जो 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 61400 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इसके साथ ही अकेले मार्च महीने में सरकार 20400 करोड़ का कर्ज लिया है। इस तरह 2025 की पहली तिमाही में कर्ज का आंकड़ा 31400 करोड़ पहुंच गया है।
मोहन यादव सरकार ने मार्च का चौथा कर्ज उठाया है। 25 मार्च को जो दो कर्ज लिए गए हैं वह सात साल और दस साल की अवधि के हैं। दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज सात साल और 2400 करोड़ रुपए का लोन 10 साल की अवधि के लिए लिया गया है, जिसका ब्याज मार्च और सितम्बर के महीनों में हर साल सरकार चुकाएगी। इसके पहले रंगपंचमी पर 19 मार्च को दो हजार करोड़ के तीन कर्ज लिए गए थे। अफसरों के अनुसार एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के बाद दो महीने तक कर्ज नहीं लिए जा सकेंगे, इसलिए सरकार ने मार्च में 20400 करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला किया है। मोहन सरकार ने एक जनवरी 2025 से 25 मार्च की स्थिति में 31400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जनवरी में पांच हजार करोड़, फरवरी में छह हजार करोड़ रुपए के कर्ज लिए गए। इसके बाद मार्च में लिए जाने वाले कर्ज की राशि 20400 करोड़ रुपए हो गई है। मप्र सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 4400 रुपए करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार का यह अंतिम कर्ज था। सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 61 हजार 400 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। सरकार की चालू वित्तीय वर्ष में अधिकतम कर्ज लेने की सीमा 64 हजार 700 करोड़ रुपए है। इस तरह 3300 करोड़ रुपए छोडक़र सरकार निर्धारित सीमा का पूरा कर्ज ले चुकी है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। नए वित्तीय वर्ष में लोन लेने के लिए केंद्र राज्य सरकारों को नए सिरे से अनुमति जारी करेगा। मप्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष का पहला लोन अगस्त में लिया था। अगस्त से दिसंबर के आखिर तक सरकार ने 35 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। वर्ष 2025 में जनवरी से अब तक सरकार 26 हजार 400 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। गौरतलब है कि कोई भी राज्य अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अधिकतम 3 प्रतिशत की सीमा तक ऋण ले सकता है।
मप्र पर 4.31 लाख करोड़ से अधिक कर्ज
मप्र सरकार पर 4 लाख 27 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। 25 मार्च को 4400 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के साथ ही मप्र सरकार पर अब कर्ज बढ़कर 4 लाख 31 हजार 400 करोड़ रुपए का हो गया है। मप्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ का बजट पेश किया था। इस तरह बजट से कर्ज की राशि 10 हजार 368 करोड़ रुपए ज्यादा हो गई है। डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि हम नियम, प्रक्रिया के तहत निर्धारित सीमा के अंदर कर्ज ले रहे हैं और कर्ज की राशि पूंजीगत कार्यों पर खर्च की जा रही है।
26/03/2025
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