शिव ‘राज’ में दस्यु मुक्त हुआ मप्र

शिव 'राज’

-जिस डकैत ने आतंक फैलाया उसका हुआ खात्मा

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। करीब डेढ़ दशक पहले तक मप्र का नाम आते ही चंबल के बीहड़ के कुख्यात डकैतों की तस्वीर सामने आ जाती थी। चंबल का बीहड़ कुख्यात डकैतों निर्भय गुर्जर, सलीम गुर्जर, अरविंद गुर्जर, रामवीर गुर्जर, जगजीवन परिहार एवं फक्कड़ बाबा जैसे कुख्यात खूंखार डकैतों से भरा पड़ा था । प्रत्येक गैंग में 30 से 35 डकैत हुआ करते थे। उसी समय गैंग में महिला दस्यु सुंदरी डकैतों को रखने का चलन शुरू हो गया था। अपने दुश्मनों के घर से उनकी बहू बेटियों को उठाकर जबरदस्ती गैंग में रखा जाता था। लेकिन जब से शिवराज सिंह चौहान ने मप्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है, प्रदेश में तेजी से डकैतों का खात्मा होता गया है।  अभी हाल ही में चंबल में डकैत गुड्डा गुर्जर सक्रिय हुआ था। वह लोगों को डराने-धमकाने लगा था। इसकी खबर जैसे ही मुख्यमंत्री को मिली उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। फिर क्या था ग्वालियर जिला पुलिस ने घेराबंदी कर 60 हजार का इनामी डकैत गुड्डा गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। ग्वालियर पुलिस और डकैत गुड्डा गुर्जर के बीच भंवरपुरा के जंगल में मुठभेड़ हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डकैत गुड्डा गुर्जर को पकड़ने के निर्देश दिए थे। गुड्डा गुर्जर के पकड़ में आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश से डकैत युग का अंत हुआ।
 प्रदेश की धरती पर डाकू रहेंगे या शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने सीएम बनने के बाद मध्यप्रदेश को डाकू मुक्त बनाने का संकल्प दोहराया था। मुख्यमंत्री ने कहा था मध्यप्रदेश शांति का टापू है, प्रदेश की धरती पर या तो डाकू रहेंगे या शिवराज सिंह चौहान रहेगा। दोनों एक साथ नहीं रहेंगे। प्रदेश में भू माफिया से लेकर गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार ने सख्त रूख अपनाया है। सरकार ने प्रदेश व्यापी अभियान चला कर गुंडे ,बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। नक्सल प्रभावित जिलों में सख्ती से नक्सलवाद की कमर तोड़ी है, आतंकी संगठन सिमी के नेटवर्क को भी ध्वस्त किया। कोई गुंडागर्दी या दबंगई करता है तो बुलडोजर चलता है। अवैध कब्जे धारियों से लगभग 21 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई है।
चुनावों में अब कोई हस्तक्षेप नहीं
प्रदेश में पहले जब भी चुनाव होते थे डकैतों के हस्तक्षेप शुरू हो जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। चित्रकूट और चंबल क्षेत्र में होने वाले पंचायत चुनावों में डकैतों को पूरा हस्तक्षेप होता था। चित्रकूट क्षेत्र में डकैतों के आतंक को खत्म करने के लिए इस क्षेत्र में सरकार की तरफ से लगातार पुलिसिंग बढ़ाई गई। पुलिस की तैनाती के बाद इलाके में डकैतों का आतंक कम हुआ। साथ ही उनका मूवमेंट भी न के बराबर है। ऐसे में इस बार ग्रामीणों में खुशी की लहर है। ग्रामीण खुद से ही इस बार अपने मत का प्रयोग करेंगे। दरअसल, एक जमाने में विंध्य क्षेत्र ददुआ, ठोकिया, बलखडिय़ा जैसे कुख्यात डकैतों का गढ़ माना जाता था। यह डकैत पाठा के जंगली क्षेत्रों में रहकर अपना गुजर-बसर करते थे। आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीणों में दहशत फैलाकर वह सरकार से अपनी मांग को भी मनवा लिया करते थे। सरकार ने धीरे-धीरे पुलिसिंग तेज करके डकैतों के मूवमेंट को पूरी तरह से समाप्त कर दिया और समस्त कुख्यात डकैतों का खात्मा कर दिया। इसके बाद क्षेत्र में खुशहाली आई है।
चंबल में अब विकास की बयार
 मध्य प्रदेश के चंबल, मुरैना के बीहड़ों में डाकुओं का एक समय भय था। जनता डाकुओं से भयभीत रहती थी। इनसे जनता  त्रस्त हो चुकी थी, लेकिन अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश से डाकुओं का सफाया हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी जिन बीहड़ों में डाकुओं का डर था वहां आज शांति और अटल एक्सप्रेस वे के रूप में विकास की डगर नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। बता दें शिवराज सरकार के नेतृत्व में एक दर्जन से ज्यादा डाकुओं को या तो मार गिराया या गिरफ्तार कर लिया गया। चंबल के बीहड़ों में अब न तो डकैतों की दहशत है और न ही हिंसक प्रतिशोध के वैसे भयावह किस्से ही अब कहीं सुनने को मिलते हैं। डकैतों की दहशत के बाद अब चंबल की वीरान रहने वाली पगडंडियों ने भी अपनी विकास यात्रा शुरू की है। हालांकि अभी भी यह पूरी तरह सही नहीं है कि चंबल की दस्यु समस्या एवं हिंसक प्रतिशोध की बातें सिर्फ किस्से-कहानियों की बातें हैं। यदा-कदा समाज, पुलिस या प्रशासन से सताये हुए लोग बंदूक के बल पर अपना इंसाफ कराने के प्रयास में चंबल के मौन को अब भी तोड़ते ही रहते हैं।
डकैत युग का अंत
सीएम शिवराज सिंह की सरकार के दौरान डकैत युग का अंत हुआ है। जबसे शिवराज सिंह ने सूबे की कमान संभाली, तबसे लगभग 2 दर्जन डकैतों को या तो मार गिराया या गिरफ्तार किया गया। सीएम शिवराज ने कहा कि एक जमाना था कि मुंबई में फिल्में बनती थीं डाकू पान सिंह, मलखान सिंह, फूलन देवी। जब मैं सीएम बना तो कह दिया था कि मप्र की धरती पर या शिवराज रहेंगे या डाकू रहेंगे। अब प्रदेश डाकू मुक्त हो चुका है। सीएम ने दो दिन पहले बैठक में डकैत गुड्डा गुर्जर पर कड़ी कार्यवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद कार्रवाई हुई। इससे पहले मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर कई डकैतों कोमुठभेड़ में मार गिराया गया है। इनमें जगजीव सिंह परिहार, रामविशेष उर्फ गूंगा, राजेन्द्र सिंह, पप्पू गुर्जर, बालक दास ढीमर, गब्बर सिंह, राजनारायण शर्मा, राजेंद्र गुर्जर, रामसहाय गुर्जर, गब्बर सिंह को मुठभेड़ में मारा गया गया।  वहीं कईयों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें चरन सिंह सिकरवार, जगन गुर्जर, बाबू सिंह परिहार, पंजाब सिंह, रामतौर सिंह, देवा बंजारा और गुड्डा गुर्जर को गिरफ्तार किया।    

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