
- तबादले के बाद से ही गायब हैं आईएफएस अधिकारी
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। 1994 बैच के आईएफएस अधिकारी विश्वनाथ होतगी प्रदेश सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। वे मनमाने तरीके से नौकरी करने के आदी हो गए हैं। इस कारण जब उनका मन करता है वे नौकरी पर आते हैं, वर्ना गायब हो जाते हैं। वे अब एक बार फिर से गायब हो गए हैं। करीब 230 दिन बीत चुके हैं, लेकिन उन्होंने आमद ही नहीं दी है। आईएफएस अफसर होतगी 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। इनका सर्विस ट्रेक रिकॉर्ड अत्यंत खराब होने की वजह से स्टेट सर्विस रिव्यू कमेटी ने नवंबर 16 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा था, उनके प्रस्ताव के साथ ही आईएफएस दिवंगत देवेश कोहली का भी प्रस्ताव था। केन्द्र सरकार ने स्वर्गीय देवेश कोहली के प्रस्ताव पर अगस्त 2018 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश जारी कर दिए थे। केन्द्र के आदेश के कुछ दिनों बाद ही कोहली का निधन हो गया, जबकि होतगी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने संबंधित स्टेट सर्विस रिव्यू कमेटी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
भिंड से तबादला होते ही हो जाते हैं गायब
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार जब भी उनका तबादला भिंड से हुआ, वह नई जगह ज्वाइन ही नहीं करते। मजबूरन विभाग को उनके तबादले को निरस्त करना पड़ता है। गौरतलब है कि अगस्त 2021 में एक बार फिर होतगी का तबादला भिंड से प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय भोपाल कर दिया गया था, तब से लेकर आज तक करीब 230 दिन बीत चुके हैं परंतु होतगी ने मुख्यालय में ज्वॉइनिंग नहीं दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशासन- एक) मुख्यालय में ज्वॉइनिंग देने के लिए तीन नोटिस जारी कर चुके हैं पर होतगी भोपाल आने को तैयार ही नहीं है। इसके पहले भी 1110 दिन लापता रहे तब भी जून 19 में उनका तबादला भिंड से भोपाल कर दिया था, किंतु मुख्यालय में सीनियर अफसरों से दुर्व्यवहार और चार इमली रेस्ट हाउस में कर्मचारियों के साथ मारपीट के चलते उनका तबादला स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट जबलपुर कर दिया था। यहां भी उन्हें बार-बार नोटिस दिया गया।
चार मामले चल रहे
होतगी के खिलाफ चार मामलों में विभागीय कार्यवाही चल रही है। इसमें उनके लापता होने का मामला भी शामिल है। 2018 में लगातार तलाशने के बाद भी जब होतगी नहीं मिले तो विभाग ने उनके खिलाफ एक और जांच शुरू कर दी थी।
होतगी अभी तक डीएफओ ही हैं
1994 बैच के आईएफएस विश्वनाथ होतगी के बैचमेट अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर प्रमोट हो चुके हैं किंतु वे अभी तक डीएफओ ही हैं। दरअसल हमेशा विवादों में रहने वाले आईएफएस अफसर विश्वनाथ होतगी एक बार फिर से लापता हैं। वन विभाग उन्हें खोज रहा है। इसी तरह उनका पूरा कार्यकाल विवादों भरा है। इस कारण उन्हें समय पर प्रमोशन नहीं मिल पाया है। गौरतलब है कि पिछली बार जब वे गायब हुए थे तो राज्य शासन ने कर्नाटक के अखबार में उनके लापता होने का विज्ञापन प्रकाशित करने की प्रक्रिया शुरू की तब मई में जाकर उन्होंने जॉइनिंग दी एसएफआरआई जबलपुर में जॉइनिंग देने के कुछ महीनों बाद होतगी के अनुरोध पर राज्य शासन ने उन्हें फिर भिंड पदस्थ कर दिया। भिंड वन मंडल से उनके खिलाफ लगातार शिकायत आने के बाद विभाग ने उन्हें अगस्त 21 में भिंड से भोपाल स्थानांतरित कर दिया. तब से वे लापता है।
जबरन रिटायर करना चाहती है सरकार
यही कारण है कि उन्हें सर्विस के लिए अनफिट मानते हुए स्टेट सर्विस रिव्यू कमेटी ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नवंबर 2016 में उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव भेजा था। उनके साथ देवेश कोहली का भी प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्र सरकार ने उन्हें अगस्त 2018 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दे दी थी। बाद में उनका निधन भी हो गया।