- महापौर की हार के बाद ग्वालियर चंबल संभाग में मची रार
भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। ग्वालियर – चंबल के तहत आने वाले दो नगर निगमों में भारतीय जनता पार्टी की हार ने जहां बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्वालियर को लेकर जहां पूरी कांग्रेस और तोमर समर्थक ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सवाल खड़ा कर रहे हं,ै तो मुरैना की हार के बाद सिंधिया समर्थक वहां के दिग्गज केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तोमर पर सवाल खड़े करने लगे हैं। खास बात यह है की जब टिकट दिलवाने में तीन नेताओं की भूमिका रही है तो जिम्मेदार एक नेता को ही क्यों माना जा रहा है।
कांग्रेस भले ही ग्वालियर की भारतीय जनता पार्टी की हार को ज्योतिरादित्य सिंधिया से जोड़ रही हो लेकिन ,हकीकत यह है कि इसी कांग्रेस में ग्वालियर ने भाजपा के टिकट वितरण के बाद सिंधिया पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए थे कि उनकी अनदेखी कर टिकट नरेंद्र सिंह तोमर के खेमे की सुमन शर्मा को दिया गया है, इससे भी बड़ा सवाल यह है कि अगर टिकट वितरण नरेंद्र सिंह तोमर के हस्तक्षेप से हुआ है तो फिर हार के जिम्मेदार सिंधिया कैसे हुए। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर महापौर के लिए भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहले पूर्व मंत्री माया सिंह और बाद में समीक्षा गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया था ,लेकिन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सांसद विवेक शेजवलकर और पूर्व मंत्री जय भान सिंह पवैया की जुगलबंदी के कारण यहां से नरेंद्र सिंह तोमर के कट्टर समर्थक की धर्मपत्नी सुमन शर्मा को महापौर का टिकट दिया गया था, संगठन और कार्यकतार्ओं के भावना के विपरीत दिए गए इस टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जरा भी उत्साह नहीं था यही कारण है कि यहां वोटिंग परसेंटेज 50 प्रतिशत से भी कम रहा था और यही भाजपा की बड़ी हार का कारण बना। इसके अलावा अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना में भी नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी पसंद का टिकट दिलाया था यहां भी भारतीय जनता पार्टी की बुरी हार हुई। ग्वालियर चंबल संभाग में नरेंद्र सिंह तोमर की फजीहत इसके पहले 2018 विधानसभा चुनाव में भी हो चुकी है ,जब भारतीय जनता पार्टी यहां की सभी विधानसभा हार चुकी थी।
खराब प्रत्याशी चयन बना हार का सबब
कांग्रेस भले ही ग्वालियर की हार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को दोषी बताकर श्रेय ले रही हो लेकिन, भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जानता है कि ग्वालियर में हार का प्रमुख कारण खराब प्रत्याशी का चयन रहा है जिसके लिए सीधे दोषी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रहे। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी द्वारा कार्यकर्ताओं के सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता लगातार जिला अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की भूमिका पर सवाल उठा रहे थे।