- शासन ने नोटिस देकर मांगा जबाव
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। आईएएस अधिकारी अजय कटेसरिया 40 एकड़ सरकारी जमीन के बंदरबांट में उलझ गए हैं। उनसे अब शासन ने नोटिस देकर एक पखवाड़े में जबाव मांगा है। यह मामला बीते साल उस समय का है जब वे डेढ़ साल तक सतना कलेक्टर रहे थे।
2012 बैच के आईएएस अधिकारी अजय कटेसरिया को इस मामले में अब नोटिस के साथ ही आरोप-पत्र भी थमाया गया है। दरअसल उन पर आरोप है कि उनके कलेक्टर रहते 40 एकड़ सरकारी व नजूल की जमीन को निजी लोगों के नाम कर दिया था। इतना ही नहीं सरकार जमीन को खुर्दबुर्द करने के लिए उनके द्वारा कुछ आदेश में शासकीय शब्द तक को हटा दिया गया था। खास बात यह है कि जिलों में कलेक्टर के पास ही सरकारी जमीन के कस्टोडियन व सुरक्षा देने का दायित्व होता है। इसके बाद भी कलेक्टर ने ही नियम विरुद्ध जाकर उसका सौदा कर दिया। इस मामले में अब उन्हें सामान्य प्रशासन की ओर से आरोप-पत्र भी थमाया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि अगर 15 दिन में उनके द्वारा अपना जवाब नहीं दिया गया तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। वे फिलहाल मंत्रालय में बतौर डिप्टी सैक्रेटरी महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ हैं। दरअसल जमीन के इन सौदों की जानकारी मिलने के बाद रीवा कमिश्नर द्वारा इस मामले की जांच की गई थी , जिसमें शिकायत यही पाई जाने पर इसकी जानकारी शासन को भेजी गई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई अखिल भारतीय सेवा के नियमों के तहत की गई है।
चार्जशीट में इन आरोपों का है उल्लेख
शासन द्वारा उन्हें जो चार्जसीट दी गई है उसमें कहा गया है कि राम विशाल व अन्य, श्यामलाल, रामपाल, रामस्वरूप और खेलौना के नाम चित्रकूट तहसील मझगवां की कुल भूमि 36 एकड़ सरकारी जमीन कर दी गई। दस्तावेजों में सरकारी जमीन शब्द को विलोपित किया गया है। आरजी क्रमांक 238/3/3 के अंश रकबा 0.60 एकड़ जमीन जो राजस्व में नजूल के रूप दर्ज है। इसे अर्जुन भाई व अन्य कृष्ण नगर कालोनी निवासी कोलगंवा के नाम कर दी। आरजी क्रमांक 136/1 की रकबा 32,175 वर्ग फीट एवं आराजी नंबर 137 की रकबा 12,400 वर्ग फीट जमीन वर्तमान में शासकीय नजूल में दर्ज है। इसे अनुराग कुमार मलैया के पक्ष में कर दी गई है और कोलगवां के गांव सोनौरा चैक छतैली, तहसील रघुराजनगर में भूमि सर्वे क्रमांक 91/6/8/1 की रकबा 0.607 हैक्टेयर एवं भूमि सर्व क्रमांक 91/6/8/2 की रकबा 0.020 हैक्टेयर यानी 0.89 हैक्टेयर जमीन। इस जमीन को सुनीता चौधरी एवं महेश कुमार कापड़ी के पक्ष में कर दी गई है।