
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के मुख्यमंत्री भाजपा के ऐसे नेता बन चुके हैं, जो लगातार चार बार से प्रदेश में पार्टी की सरकार बनवाने का कारण बन रहे हैं। इसकी वजह है उनका खुद पर और जनता का मुख्यमंत्री पर भरोसा होना। यही वजह है कि जब प्रदेश में कोई भी किसी तरह का संकट खड़ा होता है तो फिर वे पूरी तरह से एक अभिभावक की तरह खुद ही मैदान में उतर जाते हैं। मामला चाहे कोरोना महामारी के संकट का हो या फिर अन्य किसी का। अब प्रदेश में तेजी से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है, जिसको लेकर तमाम तरह की अफवाहें फैली हुई हैं, इन अफवाहों पर रोक और लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए खुद शिवराज ने सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है।
इसी तरह से छतरपुर जिले के बकस्वाहा में हीरा निकालने के लिए खोदी जाने वाली खदान के चक्कर में काटे जाने वाले पेड़ों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जारी आंदोलन की धार कुंद करने के लिए भी शिव वृक्षारोपण की कमान खुद ही संभालने का एलान कर चुके हैं। इसके लिए वे खुद ही वहां जाकर वृक्षारोपण करने वाले हैं। इसका हाल ही में बड़ा उदाहरण कोरोना महामारी की भयावहता के समय देखने को मिला है, जब दमोह उपचुनाव में प्रचार बीच में ही छोड़ कर उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगातार बैठकें कर समीक्षा करते हुए उसके लिए जरुरी तमाम इंतजाम किए। यही वजह रही की जब पूरे देश के अस्पतालों में आॅक्सीजन व दवाओं की कमी से हाहाकार मचा हुआ था, तब प्रदेश में कुछ दिन के संकट के बाद इस समस्या से पूरी तरह से निजात मिली हुई थी। यही वजह है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए मप्र में लागू किए गए मॉडल को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर तारीफ मिली, बल्कि कई प्रदेशों में उसे अपनाया भी गया। खास बात यह है कि अगर इन मामलों में अफसरशाही और नौकरशाही का भी सरकार को उसकी मंशा के अनुरुप साथ मिलता तो इन मामलों में उस समय हालात इतने भी खराब नहीं हो पाते।
वैक्सीनेशन की जागरूकता की संभालेंगे कमान
कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के बाद अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वैक्सीनेशन की बनी हुई है। शहरी इलाकों में तो हालात ठीक हैं, लेकिन प्रदेश के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में इसको लेकर कई तरह की भ्रांतिया फैली हुई हैं, जिसकी वजह से ग्रामीण वैक्सीनेशन कराने की जगह अमले के साथ मारपीट तक करने में पीछे नहीं रह रहे हैं।
तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर प्रदेश की शिव सरकार हर हाल में जल्द से जल्द सभी को वैक्सीन लगवाना चाहती है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब खुद सीएम शिवराज सिंह ने खुद ही लोगों को जागरुक करने के लिए सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं उन्होंने जागरुकता के लिए सभी जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और अन्य लोगों को भी जागरुकता में मदद का आव्हान किया है।
कोरोना का शिव फार्मूला रहा कारगर
कोरोना काल में जिस तरह से मुख्यमंत्री द्वारा खुद कमान संभालने के बाद मैदानी स्तर पर क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप का गठन कर उसे सक्रिय किया गया और हर दिन समीक्षा कर जरुरत के हिसाब से फैसले लिए गए , उसकी वजह से न केवल उस पर जल्द काबू पा लिया गया , बल्कि इससे प्रभावितों के लिए राहत का पिटारा भी खोल दिया गया। इसे बाद में अन्य राज्यों ने भी अपनाया है। यही वजह है कि हालात में तेजी से सुधार के चलते अब मप्र देश के 28 राज्यों में अब 27वें स्थान पर आ चुका है। यही नहीं संक्रमण दर भी 0.3 पर आ गई है। फिलहाल प्रदेश में अब लगभग 3500 ही एक्टिव केस रह गए हैं। इसके साथ ही करीब डेढ़ दर्जन जिलों में नए केस मिलना भी बंद हो गए हैं।
फिलहाल साढ़े चार लाख पौधे लगाने की तैयारी
सीहोर में हुई कैबिनेट की बैठक में जब बकस्वाहा के हीरा प्रोजेक्ट के लिए दो लाख से अधिक पेड़ काटे जाने का मामला उठा तो उन्होंने कहा कि वहां पर साढ़े चार लाख पौधे लगाने की योजना है। इसमें भी संभव हो तो 30 लाख पौधे लगाएं। उन्होंने कहा कि वे खुद भी वहां पौधारोपण करने जाएंगे। उनका कहना है कि हमें पर्यावरण के साथ ही विकास की भी जरूरत है। उन्होंने इस दौरान वन मंत्री को साफ कहा कि वहां दो लाख बारह हजार पौधे काटे जाने से पहले ही इससे अधिक पौधे लगाने का काम करवाएं।
रोजगार पर भी फोकस
पहले से बढ़ रही बेरोजगारी में कोरोना महामारी ने इस संकट को और बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से शिव की प्राथमिकता में अब यह मुद्दा भी आ चुका है। इस कारण से अब प्रदेश में हजारों की संख्या में भर्तियों को भी खोल दिया गया है। इसमें सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग में करीब आठ हजार भर्तियां की जा रही हैं। इनमें चिकित्सकों से लेकर नर्स तक के पद शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस महकमे और शिक्षा विभाग में भी हजारों की संख्या में भर्ती करने की तैयारियों में तेजी लाई जा रही है।