3 दिन में होंगे सैकड़ों तबादले… विभागों ने तैयार की सूची

  • गौरव चौहान
विभाग

आगामी तीन दिन में मप्र में सैकड़ों कर्मचारियों के तबादले होंगे। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक ही स्थान पर तीन साल से जमे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाना है। इसके लिए विभागों ने सूची तैयार कर ली है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार 8 से 15 फरवरी तक सरकार को तबादले करने हैं। इस तबादले में कई जिलों के कलेक्टर-एसपी के साथ ही अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला होना है। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि 15 फरवरी तक एक ही स्थान पर तीन साल से जमे अफसरों को हटाकर इसकी रिपोर्ट दें। आयोग के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी), गृह तथा पुलिस और राजस्व विभाग में ऐसे अफसरों को हटाने के लिए सूची तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। मप्र में नई सरकार के गठन के बाद अभी तक पूरी तरह प्रशासनिक जमावट नहीं हो पाई है। अभी तक सरकार ने कुछ ही अफसरों का तबादला किया है। लेकिन अब अगले 3 दिनों में आईएएस, आईपीएस राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के व्यापक तबादले होंगे। सबसे अधिक तबादले जीएडी और गृह विभाग में किए जाएंगे। इसमें कई जिलों के कलेक्टर, एसपी, संभागायुक्त, आईजी, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर और एएसपी, सीएसपी स्तर के अधिकारी प्रभावित होंगे। ऐसे सभी अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे, जिन्हें 30 जून, 2024 की स्थिति में एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन वर्ष पूरे हो गए हैं या होने वाले हैं। इसकी परिधि में केवल चुनाव कार्य से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारी ही आएंगे। इसके लिए मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को चुनाव आयोग निर्देश दे चुका है।
15 फरवरी तक जारी होगी तबादला सूची…
 मोहन यादव सरकार ने शपथ लेने के बाद अभी जिलों में 11 कलेक्टरों और कुछ पुलिस अधीक्षकों के तबादले के अलावा बड़ी प्रशासनिक सर्जरी नहीं की है। माना जा रहा है कि 15 फरवरी तक जारी होने वाली तबादला सूची में कई जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को हटाया जा सकता है। इसके अलावा आईजी के रूप में सेवाएं दे रहे एडीजी और कुछ संभागायुक्तों को भी बदला जा सकता है। इसके अलावा सबसे अधिक बदलाव अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, संयुक्त कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर के पदों पर कार्यरत अफसरों के मामले में भी होना है। आयोग के निर्देश हैं कि तीन साल की अवधि पूरी कर चुके और चुनाव से सीधा संबंध रखने वाले अफसरों और पिछले चुनाव में शिकायती पृष्ठभूमि वाले अफसरों को सरकार हटा दें , अन्यथा आचार संहिता लागू होने पर चुनाव आयोग कार्यवाही कर हटाएगा। इसलिए माना जा रहा है कि तहसीलदार और टीआई के तबादले भी होंगे। हालांकि राजस्व विभाग द्वारा 6 माह पहले तहसीलदारों के व्यापक तबादले किए थे और इसके बाद कई तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदस्थ किया था। इसके अलावा एडिशनल एसपी, एसडीओपी, सीएसपी, डीएसपी के पदों पर तैनात राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के भी तबादला आदेश जारी किए जाएंगे।
बड़े स्तर पर तबादले
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ऐसे सभी अधिकारी हटाए जाएंगे, जिन्हें एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन वर्ष हो चुके हैं। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कलेक्टरों और गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी ली है। इसमें अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी, निरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। समय सीमा में होने वाले इस कार्य के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने अधीनस्थ ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर भेजें ताकि , उन्हें स्थानांतरित कर दूसरे अधिकारी पदस्थ किए जा सकें। यही प्रक्रिया गृह विभाग भी अपना रहा है। राजस्व और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने भी ऐसे अधिकारियों की जानकारी मांगी गई थी क्योंकि,  तहसीलदार, नायब तहसीलदार और जनपद पंचायत के अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी लगाई जाती है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने 6 जनवरी से 8 फरवरी तक कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों समेत मतदाता सूची तैयार करने से सीधा संबंध रखने वाले अफसरों को नहीं हटाने के लिए राज्य सरकार को ताकीद किया था। इसके चलते ये तबादले रुके हुए थे। अब चूंकि 8 फरवरी को फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन हो चुका है , तो तबादले के लिए सूची तैयार करने और नवीन पदस्थापना की तैयारी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि 15 फरवरी तक सरकार को 30 जून की स्थिति में एक ही जिले में तीन साल की पद स्थापना होने पर हटाने के आदेश जारी करना है। इसके बाद सरकार को चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजना है। कई कलेक्टर, एसपी बदलेंगे,

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