कलेक्टर, कमिश्नर से कैसे होगी बात?

कलेक्टर, कमिश्नर
  • सीयूजी नंबर पर नहीं लगता है फोन
    भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में सरकार द्वारा सीयूजी नंबर वाले फोन उपलब्ध करवाए  गए हैं ,ताकि जनता अपनी बात अफसरों तक आसानी से पहुंचा सके। लेकिन हैरानी की बात यह है कि बिना किसी सूचना के सीयूजी नंबर बंद कर दिए गए हैं। इनकी जगह दूसरे नंबर भी जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में अगर आप कलेक्टर, कमिश्नर से बात करने की सोच रहे हैं तो यह संभव नहीं हो पाएगा। तहसील स्तर पर तो अफसरों को पता ही नहीं कि उनका सीयूजी नंबर कहां है।  प्रदेश के अधिकांश कलेक्टर, कमिश्रर कार्यालयों के साथ ही एसडीएम, तहसीलदारों के सीयूजी नंबर बंद पड़े हैं। सीयूजी नंबरों पर कॉल करने पर संदेश मिलता है कि डायल किया गया नंबर उपयोग में नहीं है। ऐसी स्थिति इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, नर्मदापुरम, शहडोल समेत अन्य कमिश्नरों के सरकारी नंबर पर मिली। भोपाल, सागर, शहडोल कमिश्नर का भी नंबर बंद है। ऐसे में सवाल उठता है की आम जनता इन अफसरों से कैसे संपर्क करेगी।
    किसी का नंबर बंद तो कोई उठाता नहीं
    सीयूजी नंबर के फोन की स्थिति यह है कि या तो फोन बंद पड़े हैं या अफसर उठाते नहीं हैं। इंदौर कमिश्नर पवन कुमार शर्मा का सीयूजी नंबर 7587980100 है। संपर्क करने पर जवाब मिला कि नंबर उपलब्ध नहीं है। लैंडलाइन नंबर पर संपर्क किया तो पता चला कमिश्नर साहब सरकारी नंबर का उपयोग नहीं कर रहे। कार्यालय के कर्मचारियों ने कमिश्नर का निजी नंबर 8130698283 उपलब्ध कराया। बताया कि सरकारी नंबर बहुत दिन से काम नहीं कर रहा है। खंडवा कलेक्टर का सीयूजी नंबर स्टेनो की टेबल पर है। पूछने पर पता चला कि इसका इस्तेमाल विभागों को ऑनलाइन योजनाओं के ओपीटी भेजने में किया जा रहा है। बुरहानपुर और खरगोन में फोन करने पर रिसीव हुआ। हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने सीयूजी नंबर रिसीव कर समस्याएं पूछीं। बैतूल कलेक्टर का सीयूजी नंबर अमान्य बता रहा है। खंडवा तहसील में एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पास सीयूजी नंबर की सिम तक नहीं उपलब्ध है। एसडीएम अरविंद चौहान ने बताया कि उनके पास सीयूजी नंबर की सिम नहीं है। सरकार ने अफसरों को सीयूजी नंबर इस उद्देश्य से दिया है कि जनता सीधे संपर्क कर सके। तबादले के बाद भी अफसरों से संपर्क न टूटे, लेकिन सरकार की मंशा के अनुरूप काम नहीं हो रहा है।

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