- बजट सत्र में छाए रहे सडक़, नाली और तालाब निर्माण के मुद्दे

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र विधानसभा के 9 दिनी बजट सत्र में प्रदेश के विकास के लिए बजट पहली बार 4.21 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का पेश किया गया। यही नहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उम्मीद जताई कि आने वाले 5 सालों में यह बजट दोगुना हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस बजट को पीएम नरेंद्र मोदी के 2047 के विजन को पूरा करने वाला बताया। यानी बजट में बड़े-बड़े विकास का खाका पेश किया गया। लेकिन इस सत्र के दौरान विधायकों ने अपने क्षेत्र में छोटे-छोटे निर्माण को लेकर चिंता दिखाई। विधायकों ने अपने क्षेत्र में सडक़, नाली और तालाब निर्माण जैस मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया। मप्र की 16वीं विधानसभा का पंचम सत्र यानि बजट सत्र में भले ही 9 बैठकें हुईं, लेकिन इस दौरान जिस तरह सदन की कार्यवाही बिना हंगामे और बिना गतिरोध के चली, उससे एक बार फिर से मप्र की गरिमा लौटी है। 10 मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 24 मार्च तक तय समय के अनुसार चला। इस सत्र में 9 बैठकें हुईं, जिसमें कुल 2939 प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे गए, जिसमें 1448 तारांकित और 1491 अतारांकित प्रश्न थे। 624 ध्यानाकर्षण सूचना थी, जिसमें 33 सूचनाएं ग्राह हुई। शून्यकाल की 183 सूचनाएं एवं 510 याचिकाएं मिली थी। बजट सत्र में 4 शासकीय विधेयक और 1 अशासकीय संकल्प पारित हुआ। लेकिन विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में छोटे-छोटे निर्माण को लेकर जिस तरह सवाल लगाए हैं उससे प्रदेश के विकास के दावों पर सवाल उठने लगे हैं।
कागजों पर बनी सड़क, भवन और तालाब
रतलाम जिले के सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने आरोप लगाया कि सैलाना और बाजना विकासखंडों की कई ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य सिर्फ कागजों पर पूरे दिखाए जा रहे हैं, जबकि जमीन पर उनका कोई अस्तित्व नहीं है। विधायक ने विशेष रूप से कहा कि उनके क्षेत्र में कई ऐसे स्थान हैं जहां तालाब, सड़कें और भवन कागजों पर बन गए लेकिन वास्तविकता में उनका कोई निशान तक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर रातों-रात घटिया निर्माण कर दिया।
विधायकों ने लगाईं 510 याचिका
मप्र में बड़े-बड़े विकास कार्य चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस के विधायकों ने सडक़, नाली, भवन और तालाब निर्माण जैसी मांगों को लेकर विधानसभा में 510 याचिका लगाईं। ये याचिकाएं ज्यादातर विपक्ष के विधायकों ने लगाईं। कई ने छोटे-छोटे निर्माण कार्य कराने की बात रखी तो कुछ विधायकों ने खेल स्टेडियम, नए स्कूल खोलने, स्कूलों का उन्नयन, पुल-पुलियों का निर्माण, तालाब बनाने की बात भी रखी। भाजपा के भी कई विधायक पीछे नहीं रहे। उन्होंने कॉलेज खोलने, पुराने ब्रिजों का जीर्णोद्धार, चौड़ीकरण, सीएम राइज स्कूल बनाने, हैंडपंप खनन, बिजली उपकेंद्र की स्थापना और नहरों को पक्का करने के लिए याचिकाएं लगाई।
विधायकों की अपने क्षेत्र में निर्माण की मांग
विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण कराने की मांगें की है। विधायक महेंद्र रामसिंह यादव ने आगर में सीसी रोड, नाली और कोलारस में खेल स्टेडियम बनाने की मांग की। राजेंद्र भारती ने दतिया के वामरोल में नहर की पुलिया से बस्ती तक सीसी सडक़ , अनुभा मुंजारे ने लालबर्रा बस स्टैंड से अमोली तक सीसी रोड , कैलाश कुशवाह ने झिरी पंचायत में डामर वाली सडक़, कामाख्या प्रताप सिंह ने कराठा के मेन रोड से राधा कुशवाहा के मकान तक सीसी रोड के निर्माझा की मांग की। डॉ. सतीश सिकरवार ने ग्वालियर के वार्ड 23 में सडक़ निर्माण, दिनेश राय मुनमुन ने परासिया से बेलखेड़ी मार्ग के निर्माण की मांग की। वहीं मुकेश मल्होत्रा ने सुखवारन से खैरादा खुर्द तक सडक़, फुंदेलाल सिंह मार्को ने मझगवां भर्राटोला से जुहिली तक सडक़, फूल सिंह बरैया ने परासरी से भदेवरा तक पक्की रोड, सुनारी से नादिया तक सडक़ निर्माण, शैलेंद्र कुमार जैन ने लक्ष्मीपुरा वार्ड में सीसी रोड व बड़े सलैया वालों के घर से आलोक तिवारी के घर तक सडक़ व नाली निर्माण की मांग की। राजन मंडलोई ने बड़वानी के वार्ड 23 में सामुदायिक भवन का निर्माण, उमाकांत शर्मा ने विदिशा जिले के ग्राम पिपलियाहाट में स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण, श्याम बरड़े ने कालाअम्बा से मोहम्यापानी व गुराड़पानी मार्ग का निर्माण,मांडवी-वझर सडक़, केदार सिंह डाबर ने बिस्टान में अनुविभागीय पुलिस का कार्यालय स्थापित करने, भगवानपुरा में राजस्व का दफ्तर खोलने, मोहन सिंह राठौर ने बडक़ागांव से सुभाषपुरा डगौरा तक रोड, पुल-पुलिया व रपटा का निर्माण, गोपाल सिंह इंजीनियर ने किल्लौद में पुलिया निर्माझा की मांग की है।