- नए साल में लगेगी विधायकों की पाठशाला
- विनोद उपाध्याय
मप्र की 16वीं विधानसभा में जीत कर आए सभी 230 विधायकों को संसदीय काम-काम के तरीके सीखाने के लिए नए साल में माननीयों की पाठशाला आयोजित की जाएगी। 9 एवं 10 जनवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल होंगे। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक प्रबोधन कार्यक्रम 9 जनवरी को सुबह 9 बजे विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में लोकसभा अध्यक्ष बिरला के अलावा विधानसभा अध्यक्ष तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी अपने विचार रखेंगे।
जानकारी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की पहल पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें विधायकों को संसदीय प्रक्रिया, काम-काज, सदन सहित अन्य जानकारी दी जाएगी। पाठशाला में संसदीय सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे। 9 एवं 10 जनवरी को प्रबोधन कार्यक्रम की विधानसभा सचिवालय ने तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से को आमंत्रण दिया है। बिरला उद्घाटन सत्र में 9 जनवरी को आएंगे।
भाजपा अपने विधायकों को देगी संगठनात्मक प्रशिक्षण
उधर, मोहन मंत्रिमंडल सहित 163 विधायकों को भाजपा संगठनात्मक प्रशिक्षण देगी। इसके लिए जल्द ही प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे वह मुख्यमंत्री हों, मंत्री हों या विधायक, सब पार्टी में कार्यकर्ता हैं और पार्टी की विचारधारा के अनुरूप ही वे कार्य करेंगे। इसके लिए भाजपा विधायक दल को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रशिक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन और अमित शाह की रणनीति के तहत प्रदेश में कार्ययोजना बनाकर कार्य करने की बारीकियां बताई जाएंगी। पार्टी और संगठन में तालमेल बैठाकर कार्य किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में हारने वाले प्रत्याशियों का भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। हारने वाले प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में लगाया जाएगा और हार जीत से ऊपर उठकर पार्टी के हित में कार्य करने की बात की जाएगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले भाजपा अपने संकल्पों को पूरा करने को प्राथमिकता देगी। नवनिर्वाचित विधायकों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन जैसे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें। लोकसभा चुनाव से पहले जनता के बीच बेहतर प्रदर्शन कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में जी जान से जुटने की बात कही गई है। भाजपा को विधानसभा चुनाव में बेहतर परिणाम मिले हैं अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि भाजपा में चाहे मुख्यमंत्री हो या विधायक सभी कार्यकर्ता हैं और एक कार्यकर्ता के नाते हमें क्या ठीक करना, क्या नहीं करना और कार्यकर्ताओं के लिए क्या बेहतर किया जाना चाहिए, इसकी पार्टी हमेशा चिंता करती है। बेहतर सुशासन के साथ हमारे मंत्री, विधायक और सांसद सभी मिलकर काम करेंगे। इसके लिए जल्द ही मंत्रिमंडल सहित सभी विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। हारे हुए विधायकों को भी प्रशिक्षण देंगे।
ढाई माह से रुके कामों को मिलेगी गति
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता और उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के चलते कई बड़े सरकारी काम रुके हुए थे। अब मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इन्हें गति तो मिली है, पर विभागों के बड़े काम मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं होने के कारण नहीं हो पा रहे हैं। मोहन कैबिनेट की अभी तक दो बैठकें हुई हैं। इनमें एक परिचयात्मक थी। पहली बैठक में जो निर्णय हुए वह मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले थे। अब मंत्रियों को विभाग आवंटित होने के बाद विभागों के बड़े कामों में गति आएगी। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के नए प्रकरण स्वीकृत नहीं हो रहे थे और न ही पहले से स्वीकृत मामलों में हितग्राहियों को राशि मिल पा रही थी। अब मुख्यमंत्री ने स्वेच्छानुदान शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। विभागों में बजट अनुमान का काम भी नहीं हो पा रहा था, जिसमें अब तेजी आएगी। इसके अतिरिक्त नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी नहीं हो पा रहे थे। पुलिस में उपनिरीक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पा रही थी। पांच सौ उप निरीक्षकों की भर्ती होनी है। पुलिस मुख्यालय इसका प्रस्ताव भी कर्मचारी चयन मंडल को भेज चुका है, पर आचार संहिता के चलते विज्ञापन जारी नहीं हो पाया था। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों के बड़े नीतिगत निर्णय भी अटके हुए थे। मंत्रिमंडल विस्तार और विभाग आवंटन के बाद मंत्रियों को सबसे ज्यादा ध्यान संकल्प पत्र की घोषणाओं को पूरा करने को लेकर रहेगा।
विधायकों की जिज्ञासाओं का होगा समाधान
दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में विधानसभा सदस्यों को संसदीय नियमों, परंपराओं, सदन के सत्र संचालन की गतिविधियों एवं अन्य जानकारी के बारे में बताया जाएगा। विधायकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया जाएगा। 230 सदस्य संख्या वाली इस विधानसभा में 69 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार चुनकर विधानसभा के सदन में पहुंचे हैं। हालांकि पिछली विधानसभा की तुलना में यह संख्या कम है। पिछली बार नए विधायकों की संख्या 90 थी। इस 16वीं विधानसभा में अनुभव की भी कम नहीं है। गोपाल भार्गव तो ऐसे विधायक हैं जो 9वीं बार चुनकर यहां तक आए हैं। आठवीं बार के तीन विधायक हैं। इनमें जयंत मलैया, करण सिंह वर्मा, विजय शाह शामिल हैं। इसके अलावा सातवीं बार के चार, छठी बार के आठ विधायक हैं। 16वीं विधानसभा में नए और अनुभवी विधायकों का समावेश है। इस बार पहली बार के 69 विधायक हैं। वहीं दूसरी बार 57, तीसरी बार 50, चौथी बार 23, पांचवीं बार 15, छठी बार 08, सातवीं बार 04, आठवीं बार 03 और नौवीं बार निर्वाचित 01 विधायक हैं।
विधानसभा में ज्यादा बैठकों पर फोकस
गौरतलब है कि 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में यह बात उठी थी कि सदन की बैठकों की संख्या में इजाफा हो। यह तर्क भी दिया गया कि सदन की सुचारू कार्यवाही में सत्ता और विपक्ष का सहयोग जरूरी है। सार्थक चर्चा ज्यादा से ज्यादा हो। अब विधानसभा में ज्यादा बैठकों पर फोकस किया जा रहा है, इसलिए इस विधानसभा में विधायकों को प्रशिक्षण की तैयारी है। अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात के दौरान प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का आग्रह किया था। बिरला ने इस पर हरी झंडी दे दी है। इसी के साथ विधानसभा सचिवालय ने भी कार्यक्रम की तैयारियां तेज कर दी हैं। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक प्रबोधन कार्यक्रम 9 जनवरी को सुबह 9 बजे विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में लोकसभा अध्यक्ष बिरला के अलावा विधानसभा अध्यक्ष तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी अपने विचार रखेंगे।