विधानसभा क्षेत्र में लंबित परियोजनाओं को पूरा कराने सक्रिय हुए विधायक
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास की चिंता सताने लगी है। हर विधायक की कोशिश है कि उनके क्षेत्र में लंबित पड़ी विकास परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। सड़क, बिजली और पानी की समस्या के साथ ही माननीयों को सबसे अधिक फोकस सिंचाई परियोजनाओं पर है। दरअसल, प्रदेश की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए मतदाताओं पर असर डालने के लिए विधायकों का भी पूरा फोकस सिंचाई परियोजनाओं पर है।
गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को महज 12 माह बचे हैं। ऐसे में विधायकों की चिंताएं अपने क्षेत्र के विकास को लेकर बढ़ गईं हैं। सबसे ज्यादा फोकस सिंचाई साधनों को लेकर हैं। विधायक लंबित परियोजनाओं को चुनाव के पहले पूरी कराना चाहते हैं। विधायक समय पर काम नहीं होने से अफसरों पर ठेकेदारों के साथ सांठगांठ के आरोप भी लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जिन वादों से चुनाव जीता है, अगर उन्हें पूरा नहीं किया तो जनता के सामने नहीं जा सकेंगे।
सीएम ने विधायकों से मांगे थे प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कुछ माह पहले भाजपा विधायकों से उनके क्षेत्र में होने वाले प्रमुख कार्यों के प्रस्ताव मांगे थे। ये प्रस्ताव अधिकतम बीस करोड़ रुपए तक के थे। विधानसभा चुनाव 2018 के पहले भी एक-एक विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य को लेकर विधायकों का विजन मांगा था। अब विधायक मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को याद दिला रहे हैं। विधानसभा में सवाल लगाकर अफसरों की लापरवाही सामने ला रहे हैं। जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता मदन सिंह डाबर का कहना है कि जिस किसी विधायक का पत्र मिलता है तो उसे प्रोसेस में लेते हैं। विभाग में बजट की कोई कमी नहीं है, वार्षिक बजट पूरा मिल रहा है। परियोजनाओं के विलंब होने के कई और कारण हो सकते हैं। कोई वित्त विभाग में है तो कोई साधिकार समिति में रखा जाता है।
लंबित हैं सिंचाई परियोजनाएं
प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्रों में सिंचाई परियोजनाएं लंबित हैं। सिवनी से भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन पेंच परियोजना को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कार्य में देरी होने का कारण अफसरों की ठेकेदारों के साथ सांठगांठ होना बताया है। वे कहते हैं कि अफसर परमिशन नहीं होने का बहाना बनाते हैं। चौरई क्षेत्र की सभी नहरें बह गईं हैं। इसे मुख्यमंत्री को अवगत भी करा दिया है। पिपरिया के भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी ग्राम डोकरीखेड़ा में डोकरीखेड़ा जलाशय योजना को जल्द पूरा कराना चाहते हैं। यह कार्य महज 33.69 लाख है। इसकी घोषणा सीएम ने की थी। डोकरीखेड़ा जलाशय के लिए तवा बांध से जल उपलब्ध कराने के लिए तकनीकी परीक्षण हेतु प्रस्ताव बोधी भोपाल भेजा है। भाजपा विधायक कुंवरजी कोठार राजगढ़ जिले की कुंडालिया वृहद परियोजना से सारंगपुर विधानसभा के छूटे क्षेत्र को सिंचाई से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं। इसमें पेंच है कि कुंडालिया बांध में अतिरिक्त जल की मात्रा उपलब्ध नहीं है।
डबरा के कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है। इसमें यूनिट -2 नहर के लिए 1,377.19 करोड़ रुपए स्वीकृत है। ग्राम जिगनिया बारकरी से बिलौआ तक खेतों में सिंचाई हेतु बिछाई जाने वाली पाइप लाइन का कार्य भी शामिल परियोजना को पूरा कराने वे प्रयासरत हैं। कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह ने बताया सबलगढ़ अंतर्गत रामपुर घाटी के नीचे क्वारी नदी की जारोली घाट पर स्टाप डेम बनाया गया था। यह पहली वर्षा में ही ध्वस्त हो गया और बह गया। एक साल बाद भी वाल का निर्माण कार्य नहीं किया गया। रामपुर घाटी क्षेत्र के प्रस्तावित बांधों की स्वीकृति हो चुकी है। लेकिन बजट का अभाव होना बताकर कार्य रोका है। भाजपा विधायक पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय के अनुसार दमोह में पंचमनगर मध्यम सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति मार्च 12 में 263.10 करोड की हुई। बाद में लागत बढ़कर जनवरी 2017 674.90 करोड़ हो गई। परियोजना से दमोह जिले की पथरिया विकासखंड के अंतर्गत 11 ग्राम, बटियागढ़ के 57 ग्रामों के किसानों को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा। परियोजना पूरी नहीं हो सकी है। तंतुवाय कहते हैं कि बजट का बहाना बताया जा रहा है।